महिलाओं में होने वाली 5 सबसे खतरनाक बीमारियां, रखें हमेशा इनका ध्यान! – 5 Most Dangerous Diseases in Women in Hindi
महिलाएं अपनी जिम्मेदारियों को निभाते-निभाते अपने स्वास्थ्य को अनदेखा कर देती हैं। ऐसा करने से उन्हें हृदय संबंधी समस्याएं, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, लिवर रोग जैसी कई अन्य बीमारियों की जटिलताओं का खतरा बढ़ जाता है। महिलाओं में होने वाली यह बीमारियां अपने शुरुआती चरणों में कोई लक्षण प्रगट नहीं करती हैं और बाद के चरण में इन्हें प्रबंधित करना या इलाज कर पाना मुश्किल हो सकता है। अतः महिलाओं को इन स्त्री रोग और बीमारियों के बारे में समय-समय पर जांच करवाना और संबंधित जानकारी प्राप्त करना महत्वपूर्ण है। इस लेख में टॉप 5 बीमारियों के बारे में विस्तार से बताया गया है, जो महिलाओं के लिए साइलेंट किलर की तरह होती हैं। आइये जानते हैं, महिलाओं में होने वाली खतरनाक बीमारियां कौन-कौन सी हैं।
महिलाओं में होने वाली बीमारियां – 5 Dangerous Diseases in Women in Hindi
महिलाओं में कई तरह की खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं, जिनके बारे में सावधान रहना आवश्यक है। महिलाओं में होने वाली खतरनाक बीमारियां निम्न हैं:
स्तन कैंसर – Breast Cancer Dangerous Diseases in Women in Hindi
यह दुनिया भर की महिलाओं में होने वाले सबसे आम कैंसरों में से एक है। स्तन कैंसर के जोखिम कारकों में पारिवारिक इतिहास (केवल 5-10% मामलों में), फर्स्ट प्रेगनेंसी में देरी, बच्चे को स्तनपान न कराना, मासिक धर्म (menstruation) का जल्दी शुरू होना और देर से खत्म होना और अन्य मामले शामिल हो सकते हैं। मोटापा, उच्च वसायुक्त आहार और अत्यधिक शराब का सेवन जैसी जीवनशैली भी स्तन कैंसर के जोखिम को बढ़ाती है। स्तन में गांठ, स्तन की त्वचा का सूजन, या असामान्य डिस्चार्ज स्तन कैंसर के कुछ सामान्य लक्षण हैं।
सभी महिलाओं को हर महीने अपने स्तन की स्वयं जांच करनी चाहिए। 30 की उम्र के बाद, उन्हें हर साल डॉक्टर से क्लीनिकल ब्रेस्ट जांच करानी चाहिए। 40 के बाद हर साल सोनो-मैमोग्राफी और 50 के बाद हर 2 साल में एक बार मैमोग्राफी की सलाह दी जाती है। स्तन कैंसर के इलाज के लिए सर्जरी, रेडियोथेरेपी, और कैमोथेरेपी का उपयोग किया जा सकता है।
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ग्रीवा कैंसर – Cervical Cancer Dangerous Diseases in Women in Hindi
गर्भाशय ग्रीवा (गर्भाशय का मुंह) का कैंसर एक अन्य सामान्य प्रकार का स्त्री रोग संबंधी कैंसर है। यह अक्सर एचपीवी (ह्यूमन पेपिलोमावायरस) के संक्रमण के कारण होता है। इस कैंसर के शुरुआती लक्षणों को पहचानने के लिए पर्याप्त समय मिलता है, जिसके परिणामस्वरूप महिलाओं की इस बीमारी का इलाज हो सकता है। असामान्य ब्लीडिंग, पेट में दर्द या भरीपन, और यौन संबंधित रोग इस कैंसर के प्रमुख संकेत या लक्षण हैं।
जो महिलाएं यौन रूप से सक्रिय हैं, उन्हें हर साल पैप स्मीयर टेस्ट करवाना चाहिए। जब इसकी पुष्टी हो जाती है, तो इसके उपचार के लिए ऑपरेशन, रेडियोथेरेपी, और अन्य उपचार अपनाए जा सकते हैं।
पित्त की पथरी – Gall Stones Common Diseases in Women in Hindi
पित्ताशय की पथरी, महिलाओं में होने वाली एक खतरनाक बीमारी है। मोटे और अधिक वजन वाली महिलाओं में गॉलस्टोन अर्थात पित्त पथरी होने की संभावना अधिक होती है, क्योंकि महिलाओं के शरीर में वसा (fat) का प्रतिशत अधिक होता है और वे पुरुषों की तुलना में कम शारीरिक रूप से सक्रिय जीवन जीती हैं। पित्त की पथरी होने का मुख्य कारण आंतों में कोलेस्ट्रॉल और बिलीरुबिन के अधिक स्टोर होना है। पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में अचानक और तेज दर्द, पीठ दर्द, उल्टी, पेट का फूलना, और आंतों में दर्द इस रोग के प्रमुख लक्षण हैं।
अधिकतर महिलाओं में होने वाली इस बीमारी का निदान पेट के अल्ट्रासाउंड से किया जा सकता है। पित्ताशय की पथरी का सबसे सामान्य उपचार ऑपरेशन है, जिसमें स्टोन को हटाया जाता है।
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यूटीआई – Urinary Tract Infections Common Women Diseases in Hindi
महिलाओं में होने वाली बीमारी में मूत्र पथ के संक्रमण (Urinary Tract Infections) एक आम बीमारी है, क्योंकि पुरुषों की तुलना में उनका मूत्रमार्ग छोटा होता है। आकार में छोटा होने के कारण, दूरी कम हो जाती है, जिसके कारण बैक्टीरिया को महिला के मूत्राशय तक पहुंचने के लिए कम यात्रा करनी पड़ती है। मूत्र त्याग करते समय या बाद में दर्द या जलन महसूस होना, पेट का दर्द, मूत्र में रक्त इत्यादि मूत्र पथ संक्रमण (यूटीआई) के प्रमुख लक्षण हैं।
संक्रमण को दूर करने में मदद करने के लिए डॉक्टर एंटीबायोटिक्स दवाओं की सिफरिश करते हैं। अधिक से अधिक पानी पीने से भी बैक्टीरिया को मूत्रमार्ग से बाहर निकालने में मदद मिलती है।
ऑस्टियोपोरोसिस – Osteoporosis Common Women Diseases in Hindi
ऑस्टियोपोरोसिस की एक ऐसी बीमारी है, जो आमतौर पर रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में हड्डियों के घनत्व में कमी का कारण बनती है, इस बीमारी में हड्डियां नाजुक हो जाती हैं और फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है। चूँकि एस्ट्रोजन हड्डियों के घनत्व को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसका स्तर माहिलाओं में रजोनिवृत्ति के बाद कम हो जाता है। हड्डियों की कमजोरी, अचानक दर्द, और शरीर की ऊर्जा में कमी इत्यादि ऑस्टियोपोरोसिस के सामान्य लक्षण हैं।
रजोनिवृत्ति के बाद, हर साल महिलाओं को DEXA स्कैन के माध्यम से अस्थि घनत्व की जांच करानी चाहिए। अपनी डाइट में कैल्शियम और विटामिन डी युक्त आहार को शामिल कर इसके प्रभाव को कम किया जा सकता है, इस रोग के इलाज के लिए दवाओं और व्यायाम करने की सिफारिश भी की जा सकती है।
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महिलाओं में होने वाली साइलेंट किलर बीमारियां क्या हैं – What are Silent Killer Diseases in Hindi
“साइलेंट किलर बीमारियां ऐसी बीमारियां होती हैं, जिनमें बहुत कम या कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं, अगर इनका इलाज न किया जाए तो मृत्यु तक हो सकती है। हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और मधुमेह प्रमुख साइलेंट किलर बीमारियाँ हैं। कुछ अन्य साइलेंट बीमारियां निम्न हैं:
- अमाइलॉइडोसिस (amyloidosis),
- किडनी रोग
- सेल कार्सिनोमा (renal cell carcinoma),
- अग्नाशय कैंसर (pancreatic cancer),
- हेपेटाइटिस बी या सी संक्रमण
निष्कर्ष: महिलाओं को अपने जीवन में कई शारीरिक परिवर्तनों का सामना करना पड़ता है, जो ऑस्टियोपोरोसिस, स्तन कैंसर, गर्भाशय ग्रीवा कैंसर, पित्त की पथरी जैसी कुछ बीमारियों का कारण बनते हैं। इन बीमारियों के बारे में समय-समय पर जांच करवाना और संबंधित जानकारी प्राप्त करना महत्वपूर्ण है। आशा करते हैं कि यह लेख आपके लिए मददगार साबित होगा। इस लेख के सम्बन्ध में आपके सुझाव में कमेंट में जरुर बताएं।
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