भारत में खाने योग्य 6 सबसे महत्वपूर्ण मशरूम के प्रकार – 6 Best Types of Edible Mushroom in India in Hindi

भारत में खाने योग्य मशरूम के 6 सबसे महत्वपूर्ण प्रकार - 6 Best Types of Edible Mushroom in India in Hindi

भारत में खाने योग्य 6 सबसे महत्वपूर्ण मशरूम के प्रकार – 6 Best Types of Edible Mushroom in India in Hindi

अक्सर आपने ध्यान दिया होगा कि पेड़ों के काटे गए हिस्सों से एक सफेद, छतरी के आकार की स्पंजी संरचना उभरती हैं। जो फंगी किंगडम से संबंधित होती हैं और मशरूम कहलाती हैं। मशरूम अपने पौष्टिक गुणों और स्वास्थ्य लाभों के लिए काफी पॉपुलर है। मशरूम में इतने अधिक पोषक तत्व पाए जाते हैं कि इनका उपयोग न्यूट्रिएंट सप्लीमेंट के रूप में किया जाता है। भारत में विभिन्न प्रकार के मशरूम की खेती की जाती है, जिनमें एक विशिष्ट स्वाद और पोषक तत्व पाए जाते हैं आज इस लेख में हम भारत में उगाई जाने वाली मशरूम के प्रकार और उनके उपयोग के बारे में विस्तार से जानेंगे।

Table of Contents

मशरूम क्या है – What is Mushrooms in Hindi

मशरूम एक विशिष्ट कवक होती है, जो मृत और सड़ने वाले कार्बनिक पदार्थों से अपना पोषण प्राप्त करती है। मशरूम आमतौर पर छतरी के आकार के होते हैं। इसलिए, मशरूम स्वयं जीव नहीं हैं, बल्कि वे मुख्य रूप से प्रजनन के लिए उपयोग किए जाने वाले जीव का एक अल्पकालिक हिस्सा (ephemeral part) हैं। विशिष्ट छतरी के आकार की संरचना एगारिकस मशरूम (Agaricus mushroom) या बटन मशरूम (button mushroom) की होती है।

भारत में मशरूम के प्रकार How Many Types of Mushrooms in India in Hindi

भारत में मशरूम मशरूम के प्रकार - How Many Types of Mushrooms in India in Hindi

भारत में अखाद्य मशरूम के साथ-साथ खाने योग्य भी मशरूम भी पाई जाती हैं। भारत में खाद्य मशरूम की कुछ प्रजातियाँ व्यावसायिक रूप से अधिक महत्वपूर्ण हैं, जिनकी खेती भी जाती है। आगे हम भारत में व्यावसायिक रूप से महत्वपूर्ण मशरूम के प्रकारों को बिस्तार से जानेंगे।

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भारत में खाने योग्य मशरूम के प्रकार – Best Edible Mushroom in India in Hindi

पर्याप्त आर्द्रता वाला एक उष्णकटिबंधीय देश, भारत कवक के लिए स्वर्ग है, क्योंकि ये आर्द्र नम स्थितियाँ कवक के विकास को बढ़ावा देती हैं। इसलिए देश में मशरूम की प्रचुर मात्रा और प्रजातियों की विविधता पाई जाती है। यह लेख मुख्य रूप से भारत में खाने योग्य मशरूम के कुछ महत्वपूर्ण प्रकार पर आधारित है, जिनका व्यावसायिक महत्व भी है। भारत में खाने योग्य मशरूम के प्रकार निम्न हैं:

  • बटन मशरूम (Button Mushroom)
  • ओएस्टर मशरूम (Oyster Mushroom)
  • एनोकी मशरूम (Enoki mushroom)
  • शिटाके मशरूम (Shiitake Mushroom)
  • मोरेल मशरूम (Morel Mushrooms)
  • रेशी मशरूम (Reishi Mushroom)

बटन मशरूम – Button Mushroom in Hindi

बटन मशरूम के प्रकार- Button Mushroom in Hindi

भारत में सबसे अधिक व्यावसायिक रूप से खेती की जाने वाली और खाई जाने वाली मशरूम, बटन मशरूम (एगारिकस बिस्पोरस) है। बटन मशरूम दुनिया में एक प्रसिद्ध खाद्य मशरूम है। यह छोटे, सफेद या क्रीम रंग के होते हैं और उनकी टोपी (छतरी) छोटी होती है। यह मशरूम किराने की दुकानों और सुपरमार्केट में बेचा जाता है। हम जो मशरूम खाते हैं उनमें से 90 प्रतिशत मशरूम इसी किस्म के होते हैं।

बटन मशरूम के उपयोग और फायदे – Button Mushroom Uses and Benefits in Hindi

इसे कच्चा या पकाकर खाया जा सकता है। बटन मशरूम का उपयोग सूप, सलाद और पिज़्ज़ा में भी किया जाता है। वे पाचन प्रक्रिया को आसान बनाने और प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करने में भाग लेते हैं। इनमें एंटीऑक्सिडेंट गुण भी होते हैं, जो हृदय रोग के खतरे को कम कर सकते हैं।

बटन मशरूम उगाने का तरीका:

मशरूम के बीजाणुओं (जिन्हें खरीदा जा सकता है) को पुआल, खाद और पशु खाद जैसी सामग्रियों में रखकर खेती की जाती है। ये सामग्रियां सब्सट्रेट (substrate) के रूप में कार्य करती हैं। इनके ऊपर नम मिट्टी और पीट काई के मिश्रण की एक परत भी डाली जाती है। बटन मशरूम उगाने के लिए तापमान 20-25℃, और आर्द्रता 80-85% होनी चाहिए।

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ओएस्टर मशरूमOyster Mushroom in Hindi

ओएस्टर मशरूम - Oyster Mushroom in Hindi

भारत में खेती की जाने वाली ढींगरी मशरूम अर्थात ओएस्टर मशरूम एक प्रकार की खाद्य मशरूम है और इसे भारत में सबसे अच्छे मशरूम में से एक माना जाता है। यह प्लुरोटस की एक प्रजाति है, जो आमतौर पर जंगलों में, पेड़ों के किनारे उगती है। सुंदर सीप खोल के समान संरचना के कारण इन्हें ओएस्टर मशरूम कहा जाता है। इसका स्वाद समुद्री भोजन सीप जैसा होता है। मखमली बनावट के साथ यह मशरूम विभिन्न रंगों जैसे ग्रे, सफेद, ब्राउन, गुलाबी और पीले रंग की होती हैं।

ओएस्टर मशरूम के उपयोग और फायदे – Oyster Mushroom Uses and Benefits in Hindi

खाद्य मशरूम के सबसे महत्वपूर्ण प्रकारों में से एक, ओएस्टर मशरूम भारतीय व्यंजनों में अत्यधिक लोकप्रिय है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने, रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और हृदय कार्यप्रणाली में सुधार करने में फायदेमंद होती है।

ओएस्टर मशरूम उगाने का तरीका:

ओएस्टर मशरूम की खेती के लिए सब्सट्रेट के रूप में गेहूं या धान के भूसे का प्रयोग किया जाता है। भूसे को पानी में भिगोकर एक कंटेनर में भरें और इसमें मशरूम स्पॉन या मशरूम का बीज अच्छी तरह मिला दें। फिर कंटेनरों को माइसीलियम (सफ़ेद धागेनुमा जाल) के पनपने के लिए रूम टेम्परेचर पर अंधेरे कमरे में रख दें। जब माइसेलियम सब्सट्रेट में पूरी तरह फैल जाए तब मशरूम की ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए कंटेनर को प्रकाश वाली जगह पर रख दिया जाता है।

एनोकी मशरूम – Enoki Mushroom in Hindi

एनोकी मशरूम - Enoki Mushroom in Hindi

मशरूम की विभिन्न किस्मों में से एक एनोकी मशरूम एक विदेशी प्रजाति है। इसे एनोकिटेक (Enokitake), विंटर मशरूम (winter mushrooms), गोल्डन नीडल मशरूम या लिली मशरूम के नाम से भी जाना जाता है। यह पतझड़ और वसंत ऋतु के दौरान प्राकृतिक रूप से पेड़ के तनों पर उगाए जाते हैं।

बनावट के तौर पर एनोकी मशरूम, मशरूम के अन्य प्रकार से भिन्न होती है। आम तौर पर सफेद लंबा, पतला डंठल और सिरे पर एक छोटी गोल टोपी होती है। उनके आधार या हाइफ़े दृढ़ता से आपस में जुड़े होते हैं और तने लगभग चार से पांच इंच तक बढ़ते हैं।

एनोकी मशरूम के उपयोग और लाभ – Enoki Mushroom Uses and Benefits in Hindi

एशियाई व्यंजनों में सलाद, सूप, और अचार बनाने में एनोकी मशरूम का प्रयोग किया जा सकता है। एनोकी मशरूम फाइबर, विटामिन (बी1, बी3, बी5, बी6, और डी), पोटेशियम, कॉपर और आयरन जैसे खनिजों का अच्छा स्रोत है। इसमें कैलोरी और वसा की मात्रा भी कम होती है। इम्युनिटी बूस्टर और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण एनोकी मशरूम काफी फायदेमंद है।

एनोकी मशरूम उगाने का तरीका:

भारत में इस प्रकार के मशरूम की खेती के लिए धान के भूसे और अन्य कार्बनिक पदार्थों का उपयोग सब्सट्रेट के रूप में किया जाता है। एनोकी मशरूम स्पॉन (बीज) को सब्सट्रेट के साथ मिलाकर, उचित वायु परिसंचरण और पर्याप्त रोशनी के साथ ठंडे तापमान में रखा जाता है। मशरूम की हार्वेस्टिंग तब की जाती है, जब डंठल लगभग चार से पांच इंच लंबे हो जाते हैं।

शिटाके मशरूम – Shiitake Mushroom in Hindi

भारत में मशरूम मशरूम के प्रकार - How Many Types of Mushrooms in India in Hindi

भारत में महत्वपूर्ण मशरूम के प्रकारों में शिटाके मशरूम एक महत्वपूर्ण विदेशी किस्म है। वे लाल-भूरे रंग के होते हैं और औषधीय गुण पाए जाते हैं। शिटाके मशरूम को आमतौर पर ओक्स और अन्य चौड़ी पत्ती वाले पेड़ों की मृत और सड़ती हुई लकड़ी पर उगते हुए देख सकते हैं। यह लाल-भूरे रंग के होते हैं और रेशेदार डंठल के साथ उनमें एक टोपी होती है।

शिटाके मशरूम के उपयोग और फायदे – Shiitake Mushroom Uses and Benefits in Hindi

भारत में इस प्रकार के मशरूम का सदियों से औषधी के रूप में उपयोग किया जाता रहा है। इसमें विटामिन बी, विटामिन सी, विटामिन डी और आयरन के उच्च स्तर होते हैं, जो मनुष्यों को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। शिटाके मशरूम में कैंसर रोधी गुण भी पाए जाते हैं।

शिटाके मशरूम उगाने का तरीका:

शिटाके मशरूम उगाने के लिए ओक लॉग को सब्सट्रेट के रूप में उपयोग किया जाता है। सब्सट्रेट में छेद किए जाते हैं और उसमें मशरूम स्पॉन (मशरूम का बीज) डाला जाता है। इसके बाद इन्हें 15-20℃ के तापमान पर ठंडी और अंधेरी जगह में रखा जाता है। शुरुआत में ओक लॉग को एक या दो दिनों के लिए बारिश की तरह ठंडे पानी से भिगोया जाता है। फिर उन्हें ताजी हवा और प्रकाश के संपर्क में रखा जाता है। जब टोपी पूरी तरह से विकसित हो जाती है, लेकिन थोड़ी बंद होती है, तब इस अवस्था में मशरूम की कटाई की जाती है।

मोरेल मशरूम – Morel Mushrooms in Hindi

मोरेल मशरूम - Morel Mushrooms in Hindi

उत्तम स्वाद वाली मोरेल मशरूम, भारत में मशरूम की अत्यधिक बेशकीमती किस्म है। मशरूम की सबसे महंगी किस्मों में से एक मोरेल मशरूम को मुख्य रूप से वसंत के मौसम में जंगली इलाको में उगाया जाता है।

उन्हें बंद छत्ते की संरचना वाली टोपी से आसानी से पहचाना जा सकता है। भारत में इस प्रकार के खाने योग्य मशरूम का उपयोग मलाईदार सॉस, सूप, रिसोट्टो आदि व्यंजनों में किया जाता है। मोरेल मशरूम, जंगली प्रजातियां हैं और घरेलू स्तर पर इनकी खेती करना मुश्किल है।

मोरेल मशरूम के उपयोग और लाभ – Morel Mushroom Uses and Benefits in Hindi

अपने अनूठे स्वाद के कारण इन्हें आम तौर पर स्वादिष्ट व्यंजनों, सॉस और सूप में उपयोग किया जाता है। मोरेल मशरूम फाइबर, विटामिन (बी2 और बी3), और खनिजों के अच्छे स्रोत हैं। इस प्रकार के मशरूम में महत्वपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते हैं।

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रेशी मशरूम – Reishi Mushroom in Hindi

रेशी मशरूम - Reishi Mushroom in Hindi

भारत में रेशी मशरूम को लिंग्ज़ी मशरूम भी कहा जाता है। औषधीय गुणों वाले रेशी मशरूम, लाल-भूरे रंग के होते हैं। यह मुख्य रूप से मेपल जैसे पर्णपाती पेड़ों की तलहटी में उगते हैं। छोटे डंठल और किडनी के आकार की टोपी के कारण उनका स्वरूप पंखे के आकार का होता है।

रेशी मशरूम के उपयोग और लाभ – Reishi Mushroom Uses and Benefits in Hindi

भारत में इस प्रकार के मशरूम का उपयोग मुख्य रूप से चाय, अर्क या पाउडर सप्लीमेंट के रूप में होता है। यह मशरूम एंटीऑक्सीडेंट, बीटा-ग्लूकेन और अन्य महत्वपूर्ण यौगिकों से भरपूर होती है। इनमें सूजनरोधी, कैंसररोधी और तनाव मुक्ति गुण होते हैं।

ऊपर बताये गए 6 मशरूम के प्रकार भारत में व्यावसायिक रूप से सबसे अधिक महत्वपूर्ण हैं और खाने योग्य मशरूम की लिस्ट में भी शामिल हैं। यह लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट में जरूर बताएं। हमारे facebook page को like करे तथा youtube chenal subscribe करें।

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1 comment

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Omprakash Singh

Very good

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