ल्यूकोपेनिया (WBC की कमी) के प्रकार, कारण, लक्षण, इलाज – What Is Leukopenia (Low White Blood Cell Count) In Hindi
ल्यूकोपेनिया तब होता है, जब आपके रक्त में वाइट ब्लड सेल की संख्या सामान्य से कम होती है। इसमें एक या अधिक प्रकार की श्वेत रक्त कोशिकाएं कम हो सकती हैं, विशेष रूप से, न्यूट्रोफिल (Neutrophils) की कमी अधिक सामान्य है। इसमें व्यक्ति की रोग प्रतिरोधी क्षमता कम हो जाती है। एक ल्यूकोपेनिया की स्थिति गंभीर संक्रमण, और कैंसर सहित विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य जटिलताओं या बीमारियों का संकेत हो सकती है। तो आइये लेख में हम ल्यूकोपेनिया के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे, और जानेंगे कि ल्यूकोपेनिया क्या है, WBC की कमी के कारण, लक्षण, टेस्ट, उपचार और केयर के बारे में।
ल्यूकोपेनिया क्या है – What is Leukopenia in Hindi
हमारा शरीर प्रतिदिन लगभग 100 अरब श्वेत रक्त कोशिकाओं (ल्यूकोसाइट्स) का उत्पादन करता है। ल्यूकोसाइट्स हमारे शरीर को वायरस और बैक्टीरिया जैसे रोगजनकों से बचाने में मदद करते हैं।
ल्यूकोपेनिय में, आपके शरीर में श्वेत रक्त कोशिकाओं की संख्या, विशेष रूप से न्यूट्रोफिल की संख्या सामान्य से कम होती है। पर्याप्त श्वेत रक्त कोशिकाओं के बिना, संक्रमण तेजी से बढ़ता है। यदि किसी व्यक्ति को ल्यूकोपेनिया है तो उसे जानलेवा संक्रमण (जैसे सेप्टिसीमिया (septicemia)) हो सकता है और संबंधित व्यक्ति की मौत भी हो सकती है।
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ल्यूकोपेनिया के प्रकार – Leukopenia Types in Hindi
मानव रक्त में पाँच प्रकार की WBC पाई जाती है, न्यूट्रोफिल, लिम्फोसाइट, मोनोसाइट्स, इओसिनोफिल्स, और बेसोफिल्स। अतः किसी विशेष प्रकार की वाइट ब्लड सेल में कमी के आधार पर ल्यूकोपेनिया के 5 प्रकार होते हैं:
- न्यूट्रोपेनिया (neutropenia) – न्यूट्रोपेनिया (neutropenia) अर्थात न्यूट्रोफिल की कमी, ल्यूकोपेनिया का सबसे सामान्य प्रकार है।
- लिम्फोसाइटोपेनिया (lymphocytopenia) – ल्यूकोपेनिया का एक अन्य सामान्य प्रकार लिम्फोसाइटोपेनिया (रक्त में लिम्फोसाइट्स की कमी) है।
- मोनोसाइटोपेनिया (Monocytopenia) – रक्त में WBC के एक अन्य प्रकार “मोनोसाइट्स” की कमी (monocytes) की स्थिति को मोनोसाइटोपेनिया कहा जाता है।
- बेसोपेनिया (basopenia or basocytopenia) – किसी व्यक्ति के रक्त में बेसोफिल्स (basophils) नामक WBC की कमी के कारण उत्पन्न ल्यूकोपेनिया के प्रकार को बेसोपेनिया या बेसोसाइटोपेनिया कहा जाता है।
- इओसिनोपेनिया (eosinopenia) – इओसिनोपेनिया तब होता है, जब रक्त में इओसिनोफिल्स (eosinophils) का स्तर सामान्य से कम होता है।
ल्यूकोपेनिया के लक्षण क्या हैं? – What Are Leukopenia Symptoms in Hindi
सामान्यतौर पर WBC की कमी अर्थात ल्यूकोपेनिया के कोई विशेष लक्षण नहीं होते है, लेकिन यह स्थिति संक्रमण का कारण बन सकती है, जिसके निम्नलिखित लक्षण होते हैं:
- बुखार और ठंड लगना
- मुँह में छाले होना
- फेस पर लाल या सफेद धब्बे आना
- गला खराब होना
- खांसी चलना या सांस लेने में तकलीफ होना
- दर्दनाक पेशाब या पेशाब से दुर्गंध आना
- दस्त लगना।
ल्यूकोपेनिया का कारण – Leukopenia Causes In Hindi
कुछ स्वास्थ्य संबंधी स्थितियों के कारण लोगों को ल्यूकोपेनिया हो सकता है, जिनमें कुछ दवाएँ लेना, कुपोषण से पीड़ित होना और कुछ विटामिन की कमी भी शामिल है। आइये जानते हैं ल्यूकोपेनिया (WBC की कमी) का कारण बनने वाली कुछ स्वास्थ्य स्थितयों के बारे में:
- वायरल संक्रमण (Viral infections) जैसे सर्दी और इन्फ्लूएंजा
- अति सक्रिय प्लीहा (hypersplenism)
- ल्यूकेमिया (Leukemia) और अन्य प्रकार के कैंसर
- संक्रामक रोग (Infectious diseases) – जैसे: एड्स, तपेदिक (tuberculosis), इत्यादि।
- कीमोथेरपी (chemotherapy)
- विकिरण उपचार (radiation therapy)
- अस्थि मज्जा विकार (Bone marrow disorders) जैसे- मल्टीपल मायलोमा और अप्लास्टिक एनीमिया
- ऑटोइम्यून बीमारियाँ: ल्यूपस (lupus), रुमेटीइड अर्थराइटिस (rheumatoid arthritis)।
- अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण (bone marrow transplant), इत्यादि।
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ल्यूकोपेनिया की जांच – Leukopenia Diagnosis in Hindi
शुरूआती स्थिति में ल्यूकोपेनिया के ध्यान देने योग्य कोई विशिष्ट लक्षण प्रगट नहीं होते हैं, इसलिए डॉक्टर कम्पलीट ब्लड काउंट (सीबीसी) टेस्ट करके ल्यूकोपेनिया का निदान करते हैं। पॉजिटिव रिजल्ट में WBC काउंट प्रति माइक्रोलीटर रक्त में 4,000 से कम होता है। यदि डॉक्टर को लगता है कि आपको संक्रमण हो सकता है, तो वे अतिरिक्त परीक्षण की सिफारिश कर सकते हैं, जैसे:
- बोन मेरो बायोप्सी (Bone marrow biopsy)
- साइटोमेट्री रक्त परीक्षण (Cytometry blood test)
- यूरिन टेस्ट
- छाती का एक्स-रे, इत्यादि।
ल्यूकोपेनिया का इलाज – Leukopenia Treatment in Hindi
आमतौर पर ल्यूकोपेनिया (WBC की कमी) का पता चलने पर डॉक्टर इसके अंतर्निहित कारणों का इलाज करते हैं। उदाहरण के लिए, यदि आपको संक्रमण के कारण ल्यूकोपेनिया हुआ है, तो डॉक्टर संक्रमण का इलाज करने के लिए एंटीबायोटिक्स या एंटीवायरल दवाएं दे सकता है। यदि कोई दवा ल्यूकोपेनिया का कारण बनती है, तो डॉक्टर उस दवा को खाने से मना कर सकता है या फिर उसके स्थान पर कोई दूसरी दवा दे सकता है। ग्रोथ फैक्टर दवा का सेवन, अस्थि मज्जा को कोशिकाओं के अधिक उत्पादन को बढ़ावा दे सकता है।
ल्यूकोपेनिया से बचाव – Leukopenia Prevention in hindi
आप अपने संपूर्ण स्वास्थ्य का ध्यान रखकर और संक्रमण से बचकर ल्यूकोपेनिया के जोखिम को कम कर सकते हैं। ल्यूकोपेनिया से बचाव के तरीकों में निम्न शामिल हैं:
- स्वच्छता के नियमों का पालन करें। हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोएं। तौलिए, रेज़र या टूथब्रश दूसरों के साथ साझा न करें।
- फ्लू और कोविड-19 के टीकों सहित सभी टीकों के बारे में अपडेट रहें।
- पौष्टिक आहार का सेवन करें।
- पर्याप्त आराम करें।
- मांस और अन्य कच्चे खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
- तालाबों और नदियों में नहाने से बचें।
- यदि आप गार्डनिंग करते हैं, तो गार्डन के काम करने के दौरान दस्ताने पहनें।
- अपने डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं का ही सेवन करें।
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FAQ
Q1. क्या ल्यूकोपेनिया एक प्रकार का कैंसर है?
उत्तर: नहीं, ल्यूकोपेनिया एक प्रकार का कैंसर नहीं है। लेकिन ल्यूकोपेनिया और कैंसर के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध है। कैंसर के उपचार से पीड़ित व्यक्ति को ल्यूकोपेनिया हो सकता है।
Q2. क्या ल्यूकोपेनिया से ल्यूकेमिया (ब्लड कैंसर) होता है?
उत्तर: नहीं, लेकिन ल्यूकेमिया (ब्लड कैंसर) ल्यूकोपेनिया का कारण बन सकता है। ल्यूकेमिया अर्थात ब्लड कैंसर में, आपका शरीर असामान्य रक्त कोशिकाओं को बनाता है, जो गुणा और विभाजित होती हैं। अंततः असामान्य कोशिकाओं की संख्या, स्वस्थ रक्त कोशिकाओं से अधिक हो जाती है। इससे आपके शरीर में श्वेत रक्त कोशिकाओं का स्तर सामान्य से कम हो जाता है।
Q3. ल्यूकोपेनिया से कौन सबसे अधिक प्रभावित होता है?
उत्तर: आमतौर पर WBC की संख्या बार-बार बढ़ती और घटती रहती है। लेकिन ल्यूकोपेनिया तब होता है, जब आपके रक्त में WBC की संख्या कम हो जाती है और बढ़ती नहीं है। कुछ स्वास्थ्य समस्या वाले या कैंसर का इलाज करा रहे लोगों में अक्सर ल्यूकोपेनिया (WBC की कमी) होता है।
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