मानव हृदय की संरचना एवं कार्य विधि – Human Heart Anatomy in Hindi

मानव हृदय की संरचना एवं कार्य विधि - Human Heart Anatomy in Hindi

मानव हृदय की संरचना एवं कार्य विधि – Human Heart Anatomy in Hindi

Human heart anatomy: हृदय एक पेशीय अंग है, जो परिसंचरण तंत्र का प्रमुख अंग है। हृदय का मुख्य कार्य सम्पूर्ण शरीर में ऑक्सीजन तथा अन्य पोषक तत्वों को पहुँचाने के लिए रक्त को पंप करने, और कार्बन डाइऑक्साइड तथा अन्य अपशिष्ट को शरीर से बाहर निकालना है। हार्ट की संरचना और कार्य की पूर्ण जानकारी के अभाव में हृदय रोग के परिणामस्वरुप मृत्यु दर बढ़ रही है। आज इस लेख में हम आपको मानव हृदय की संरचना, हृदय की कार्य विधि, हृदय रोग के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे।

मानव हृदय की संरचना – Human Heart Anatomy in Hindi

मानव हृदय की संरचना - Human Heart Anatomy in Hindi

ह्यूमन हार्ट, बंद मुट्ठी के आकार का एक पेशीय अंग (muscular organ) है, जो ब्रेस्टबोन (breastbone) के पीछे थोड़ा बाएं ओर और डायाफ्राम (diaphragm) के ऊपर स्थित होता है। यह पसलियों (ribcage) द्वारा सुरक्षित होता है। हृदय सम्पूर्ण शरीर में रक्त को पंप करने का कार्य करता है, इसे कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम (cardiovascular system) या परिसंचरण तंत्र कहा जाता है।

दिल की कितनी परतें होती हैं? – Layers of Heart in Hindi

हृदय की संरचना 4 मुख्य लेयर से बनी होती है:

  1. पेरीकार्डियम – यह एक दोहरी दीवार वाली थैली होती है, जो हृदय को घेरने वाली सबसे बाहरी परत है। यह दिल की धड़कन के दौरान घर्षण को कम करती है।
  2. एपिकार्डियम (epicardium) – संयोजी ऊतक से बनी हृदय की दीवार की सबसे बाहरी सुरक्षात्मक परत एपिकार्डियम है, जो पेरिकार्डियम (pericardium) की आंतरिक परत है।
  3. मायोकार्डियम (myocardium) – मायोकार्डियम हृदय की मध्य परत है, जो संकुचन के लिए जिम्मेदार है और मोटी मांसपेशियों से बनी होती है।
  4. एंडोकार्डियम (endocardium) – एंडोकार्डियम हृदय की आंतरिक परत है, जो रक्त के संपर्क में रहती है। हृदय की आंतरिक सतह एंडोकार्डियम से ढकी होती है, जो दोनों निलय, दोनों आलिंद और सभी वाल्वों को कवर करती है।

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मनुष्य हृदय के कक्ष – Chambers of the Heart in Hindi

मानव हृदय 4 कक्ष या चेंबर (प्रकोष्ट) में विभाजित है: ऊपरी 2 कक्ष आलिन्द (Atria) कहलाते हैं, जो रक्त ग्रहण करते हैं और निचले 2 कक्ष निलय (Ventricles) कहलाते हैं, जो रक्त का निर्वहन करते हैं।

  • दायां आलिंद (right atrium) – दायाँ आलिंद (right atrium), शरीर की ऊपरी और निचली वेना कावा के माध्यम से ऑक्सीजन रहित रक्त प्राप्त करता है और इसे दाएं निलय (right ventricle) में पंप करता है।
  • दायां निलय (right ventricle) – दाएं निलय (right ventricle) पल्मोनरी शिरा (Pulmonary Veins) के माध्यम से फेफड़ों में ऑक्सीजन रहित रक्त पंप करता है।
  • बायां आलिंद (left atrium) – बायां आलिंद (left atrium), Pulmonary Veins के माध्यम से फेफड़ों से ऑक्सीजन युक्त रक्त प्राप्त करता है, और इस रक्त को बाएं निलय (left ventricle) में पंप करता है।
  • बायां निलय (left ventricle) – बायां निलय हृदय का सबसे मजबूत कक्ष है। जो महाधमनी के माध्यम से शरीर में ऑक्सीजन युक्त रक्त पंप करता है। बाएं निलय (left ventricle) के संकुचन से ही रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) उत्पन्न होता है।

हृदय के वाल्व – Heart Valve in Hindi

प्रत्येक मनुष्य के हृदय में 4 वाल्व होते हैं, जो रक्त को केवल एक ही दिशा में बहने के लिए प्रेरित करते हैं।

  1. ट्राइकसपिड वाल्व (Tricuspid Valve– दाएं आलिंद (right atrium) और दाएं निलय (right ventricle) के बीच।
  2. पल्मोनरी वाल्व (Pulmonary valve) – यह दाएं निलय (right ventricle) और पल्मोनरी धमनी के बीच।
  3. माइट्रल वाल्व (Mitral valve) – यह बाएं आलिंद और बाएं निलय के बीच।
  4. महाधमनी वाल्व (Aortic valve) – यह बाएं निलय (left ventricle) और महाधमनी के बीच।

नोट: हृदय धड़कने की आवाज “लब-डब” इन्हीं वाल्व के क्रमशः बंद होने के कारण आती है। “लब” की आवाज ट्राइकसपिड वाल्व और माइट्रल वाल्व के बंद होने से और “डब” की आवाज पल्मोनरी और महाधमनी वाल्व के बंद होने से आती है।

रक्त वाहिकाएं – Blood Vessels in Hindi

रक्त वाहिकाएं - Blood Vessels in Hindi

रक्त वाहिकाएं 3 प्रकार की होती हैं:

  1. धमनियां (Arteries) – धमनियां ट्यूब जैसी मजबूत और लोचदार रक्त वाहिकाएँ होती हैं, जो हृदय से ऑक्सीजन युक्त रक्त को शरीर के ऊतकों और अंगों तक पहुँचाती हैं। वे रक्त परिसंचरण और हृदय प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इनकी दीवारें हृदय द्वारा पंप किए गए रक्त के उच्च दबाव को झेल सकती हैं। इन रक्त वाहिकाओं में वाल्व की जरूरत नहीं होती हैं, क्योंकि ब्लड पर लगने वाला प्रेशर उसे केवल एक ही दिशा में बहाता रहता है।
  2. शिराएं (Veins) – शिराएं आपके पूरे शरीर में फैली हुई रक्त वाहिकाएँ होती हैं, जो ऑक्सीजन रहित ब्लड (deoxygenated blood) को इकट्ठा कर आपके हृदय में वापस भेजती हैं। शिराओं की दीवार धमनियों की अपेक्षा पतली होती हैं।
  3. केशिकाएं (Capillaries) यह केशिकाएं, छोटी धमनियों और सबसे छोटी शिराओं को आपस में जोड़ने का कार्य करती हैं।

कोरोनरी धमनियां (coronary arteries) – हृदय की सतह पर पाई जाने वाली रक्त वाहिकाएं, जो हृदय की मांसपेशियों को ऑक्सीजन युक्त रक्त प्रदान करने का कार्य करती हैं।

वेना कावा शिराएं (Vena Cava Veins) – वेना कावा के दो हिस्से होते हैं:

  • सुपीरियर वेना कावा (Superior Vena Cava) – यह बड़ी, वाल्व रहित शिरा शरीर के ऊपरी आधे हिस्से (सिर, गर्दन, हाथ, और छाती) से अशुद्ध रक्त (ऑक्सीजन रहित रक्त) को हृदय तक ले जाती है। यह शिरा लगभग 7 सेंटीमीटर लंबी और 2 सेंटीमीटर चौड़ी होती है।
  • इंफ़ीरियर वेना कावा (Inferior Vena Cava) – यह बड़ी और लंबी शिरा शरीर के निचले हिस्से से ऑक्सीजन रहित रक्त को हृदय तक ले जाती है। इसमें एक वाल्व होता है, जो दाहिने आलिंद (right atrium) से मिलने पर बनता है। यह शिरा लगभग 10 सेंटीमीटर लंबी और 2.2 सेंटीमीटर व्यास की होती है।

हृदय के माध्यम से रक्त का परिसंचरण – Blood Circulation Through the Heart in Hindi

हृदय के माध्यम से रक्त परिसंचरण - Blood Circulation Through the Heart in Hindi

हृदय के माध्यम से रक्त का परिसंचरण एक विशिष्ट दिशा में होता है जिससे कुशल ऑक्सीजनेशन और पोषक तत्वों की डिलीवरी सुनिश्चित हो सके।

ऑक्सीजन रहित रक्त प्रवाह (Deoxygenated Blood Flow)

यह अशुद्ध रक्त शरीर से दाएं आलिंद में प्रवेश करता है। ट्राइकसपिड वाल्व से होकर दाएं निलय में जाता है। pulmonary valve के माध्यम से पल्मोनरी धमनी में पंप किया जाता है और ऑक्सीजनेशन के लिए फेफड़ों में भेजा जाता है।

ऑक्सीजन युक्त रक्त प्रवाह (Oxygenated Blood Flow)

ऑक्सीजन युक्त शुद्ध रक्त फेफड़ों से बाएं आलिंद में वापस आता है। फिर माइट्रल वाल्व से होकर बाएं निलय में जाता है। बाएं निलय से शुद्ध रक्त को महाधमनी वाल्व के माध्यम से महाधमनी में पंप किया जाता है और पूरे शरीर में वितरित किया जाता है।

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हृदय की कार्य विधि और कार्डियक साइकिल – Heart Function and Cardiac Cycle in Hindi

हृदय की कार्य विधि और हृदय चक्र - Heart Function and Cardiac Cycle in Hindi

हृदय के कार्य चक्र (Cardiac Cycle) में मुख्य 2 चरण होते हैं: सिस्टोल और डायस्टोल।

  1. सिस्टोल (Systole): संकुचन का चरण, जहाँ निलय (ventricle) पल्मोनरी धमनी और महाधमनी में रक्त पंप करते हैं।
  2. डायस्टोल (Diastole): विश्राम का चरण, जहाँ हृदय के कक्ष ब्लड से भर जाते हैं।

यह चक्र(कार्डियक साइकिल) निरंतर चलते रहते हैं और पूरे शरीर में रक्त का प्रवाह बना रहता है।

दिल के दायें भाग की कार्यविधि – Right Side of Heart Function in Hindi   

शरीर में उपस्थित अशुद्ध रक्त (ऑक्सीजन रहित रक्त), शरीर की सबसे बड़ी शिराओं वेना कावा (Vena Cava) के माध्यम से दाहिने आलिंद (right atrium) में प्रवेश करता है। रक्त से भरने के बाद दायां आलिंद सिकुड़ता है और रक्त को दाएं निलय में पंप करता है। जब दाएं निलय में रक्त भर जाता है तब पल्मोनरी वाल्व खुलता है, और अशुद्ध रक्त को ऑक्सीजन युक्त शुद्ध रक्त में बदलने के लिए पल्मोनरी धमनी (pulmonary artery) के माध्यम से फेफड़ों तक पहुँचाया जाता है।

दिल के बाएं भाग की कार्यविधि – Left Side of Heart Function in Hindi

फेफड़ों से ऑक्सीजन युक्त शुद्ध रक्त पल्मोनरी शिरा (pulmonary vein) के माध्यम से दिल के बाएं भाग में उपस्थित बाएं आलिंद (left atrium) में पहुँचता है। बाएं आलिंद के सिकुड़ने से रक्त को बाएं निलय में धकेल दिया जाता है। जब बायां निलय रक्त से पूरी तरह से भर जाता है, तब महाधमनी वाल्व (Aortic valve) खुलता है और शुद्ध रक्त को महाधमनी (aorta) के माध्यम से पूरे शरीर में भेज दिया जाता है।

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दिल की बीमारियाँ – Heart diseases in hindi

मानव हृदय रोग मुख्य रूप से निम्न प्रकार के होते हैं, जैसे:

  • कोरोनरी धमनी की बीमारी (Coronary artery disease)
  • स्टेबल एनजाइना पेक्टोरिस (Stable angina pectoris)
  • अस्थिर एनजाइना पेक्टोरिस (Unstable angina pectoris)
  • मायोकार्डियल रोधगलन (हार्ट अटैक)
  • एरिथमिया (Arrhythmia)
  • कन्जेस्टिव हार्ट फेल्योर(Congestive heart failure)
  • कार्डियोमायोपैथी (Cardiomyopathy)
  • मायोकार्डिटिस (Myocarditis)
  • पेरिकार्डिटिस (Pericarditis)
  • पेरिकार्डियल बहाव (Pericardial effusion)
  • आलिंद फिब्रिलेशन (Atrial fibrillation)
  • पल्मोनरी एम्बोलिज्म (Pulmonary embolism)
  • एंडोकार्डिटिस (Endocarditis)
  • माइट्रल वाल्व प्रोलैप्स (Mitral valve prolapsed)
  • कार्डियक अरेस्ट (Cardiac arrest)

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हार्ट (दिल) का परीक्षण – Heart Tests in hindi

दिल की समस्याओं का निदान करने और कार्यों पर निगरानी रखने के लिए अनेक प्रकार के परीक्षणों का उपयोग किया जा सकता है, जिनमें शामिल हैं:

  • इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ईसीजी या ईकेजी) (Electrocardiogram (ECG or EKG))
  • इकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram)
  • कार्डियक स्ट्रेस टेस्ट (Cardiac stress test)
  • कार्डिएक कैथीटेराइजेशन (Cardiac catheterization)
  • होल्टर मॉनिटर (Holter monitor)

हार्ट से सम्बंधित तथ्य – Heart Fact in hindi

  • मानव हृदय एक दिन या 24 घंटे में 100,000 बार धड़कता है, प्रतिदिन शरीर में 5,000 गैलन (gallons) रक्त को धकेलता है।
  • एक वयस्क व्यक्ति का दिल प्रति मिनट 60 से 80 बार धड़कता है।
  • हेनरी ग्रे (Henry Gray’s) के अनुसार, हृदय का वजन पुरुषों में 280 से 340 ग्राम और महिलाओं में 230 से 280 ग्राम तक हो सकता है।
  • नवजात शिशुओं के हृदय की धड़कन की गति 70 से 190 बीट प्रति मिनट होती है।

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निष्कर्ष

मानव हृदय एक जटिल और महत्वपूर्ण अंग है, जो हमारे जीवन का केंद्र है। कक्षों और वाल्वों से लेकर इसकी शारीरिक रचना की समझ, आपको यह समझने में मदद कर सकती है कि हृदय कैसे काम करता है और हृदय स्वास्थ्य को कैसे बनाए रखें। मानव हृदय की संरचना (Human Heart Anatomy in Hindi) के बारे में यह जानकारी आपको कैसी लगी हमें कमेंट में जरूर बताएं। हमारे facebook page को like करें तथा youtube chenal subscribe करें।

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