एसिटिक एसिड क्या है, सूत्र, गुण, उपयोग और बनाने की विधि – Acetic acid (Ethanoic acid) properties, uses in Hindi

एसिटिक एसिड (CH3COOH) को कार्बनिक यौगिक की श्रेणी में रखा जाता है, जिसका IUPAC नाम एथेनोइक अम्ल (Ethanoic acid) है। यह कार्बोक्सलिक एसिड का एक सरलतम रूप है, जिसमें मिथाइल समूह, एक कार्बोक्सिल (carboxyl) क्रियात्मक समूह से जुड़ा होता है। Acetic acid (एथेनोइक अम्ल), दुर्बल अम्ल होता है, क्योंकि इसे जल में घोले जाने पर यह पूर्ण रूप से अपघटित या आयनित नहीं होता है। एसिटिक एसिड रंगहीन द्रव है तथा जल में पूरी तरह से घुलनशील है। 25°C तापमान पर विनेगर एसिड (Acetic acid in hindi)  का ph मान 4.76 होता है। एसिटिक अम्ल बनाने की बेस्ट विधि, शीघ्र सिरका विधि है। यदि आप एसिटिक एसिड क्या है, रासायनिक सूत्र, CH3COOH का उपयोग और गुण के बारे में जानना चाहते हैं तो इस लेख को पूरा पढ़े।

एसिटिक एसिड क्या है – What is Acetic acid in Hindi

एसिटिक एसिड क्या है - What is Acetic acid in Hindi

एथेनोइक अम्ल एक कार्बनिक अम्ल है, जिसमें कार्बोक्सलिक ग्रुप (-COOH) पाया जाता है। यह सिरका में सबसे अधिक मात्रा में पाये जाने वाला कार्बोक्सलिक अम्ल है। एसिटिक अम्ल के कारण ही सिरका स्वाद में खट्टा और तीक्ष्ण गंध वाला होता है। acetic amla सबसे अधिक व्यावसायिक कार्यों में उपयोग में लाया जाने वाला अम्ल है। शुद्ध एसिटिक एसिड या निर्जल एसिटिक एसिड (undiluted Acetic acid) को ही ग्लेशियल एसिटिक एसिड के रूप में जाना जाता है। प्राकृतिक कार्बोहाइड्रेट के किण्वन (fermentation) और ऑक्सीकरण द्वारा उत्पादित CH3COOH के पतले (लगभग 5 प्रतिशत) घोल को ही सिरका कहा जाता है, तरल एसिटिक अम्ल, एथेनॉल और जल की तरह एक उत्तम ध्रुवीय विलायक है। यह ध्रुवीय और  अध्रुवीय दोनों विलायकों को घोलने की क्षमता रखता है।

एथेनोइक अम्ल के रोचक तथ्य – Interesting facts about acetic amla in Hindi

  • 8वीं सदी में पहली बार मुस्लिम कीमियागर जबीर इब्न हय्यान (गैबर) ने सिरका के आसवन से एसिटिक अम्ल प्राप्त किया था।
  • जर्मन रसायनज्ञ हरमन कोल्बे ने पहली बार 1847 में अकार्बनिक पदार्थों के माध्यम से एसिटिक एसिड को संश्लेषित किया था।
  • 1910 तक लकड़ी के आसवन द्वारा बने ” पाइरोलिग्नियस एसिड (Pyroligneous Acid)” के माध्यम से ज्यादातर ग्लेशियल एसिटिक बनाया जाता था।
  • एसिटिक एसिड के लिए एक सामान्य प्रतीक AcOH होता है।
  • ऐसीटिक अम्ल का सूत्र CH3COOH है।
  • Acetic amla के अन्य नाम: एथेनोइक एसिड, इथायलिक एसिड, विनेगर एसिड, मीथेन कार्बोक्जिलिक एसिड, ग्लेशियल एसिटिक अम्ल।

(यह भी पढ़ें: अल्कोहल क्या है, जानें प्रकार, गुण, उपयोग, बनाने की विधि…)

ऐसीटिक एसिड का रासायनिक सूत्र – Chemical Formula of acetic acid in Hindi

एथेनोइक अम्ल का रासायनिक सूत्र CH3COOH होता है, इसे एथेनोइक अम्ल (Ethanoic Acid) के रूप में भी जाना जाता है। एसिटिक अम्ल का अणुसूत्र C2H4O2 होता है। एसिटिक एसिड की वियोजन की क्रिया में हाइड्रोजन धनायन (H+) के निकलने से एसिटेट ऋणायन (CH3COO−) प्राप्त होता है।

(यह भी पढ़ें: हाइड्रोक्लोरिक एसिड: फार्मूला, बनाने की विधि, गुण और उपयोग…)

एसिटिक एसिड की संरचना – Acetic amla structure in Hindi

"</p

एथेनोइक अम्ल के अणुओं के मध्य हाइड्रोजन बंध उपस्थित होता है। संरचनात्मक रूप से, फार्मिक एसिड के बाद ऐसीटिक एसिड दूसरा सबसे सरल कार्बोक्सिलिक एसिड है।

एसिटिक एसिड के गुण – Properties of acetic acid in Hindi

एसिटिक एसिड के कुछ विशिष्ट गुण इस प्रकार हैं:

  1. Acetic amla का आण्विक द्रव्यमान (acetic acid molecular weight) – एसिटिक अम्ल का अणुभार या आण्विक द्रव्यमान 60.052 ग्राम/मोल होता है।
  2. एथेनोइक अम्ल का क्वथनांक (acetic acid boiling point) – एसिटिक अम्ल का क्वथनांक 117.9 °C या 244.2 °F होता है। अर्थात एसिटिक अम्ल 117.9 °C तापमान पर द्रव अवस्था से वाष्प अवस्था में परिवर्तित होने लगता है।
  3. ऐसीटिक एसिड का गलनांक (acetic acid melting point) – CH3COOH का गलनांक 16 °C या 61.9 °F होता है, अर्थात एसिटिक एसिड को 16.6 °C तापमान तक ठंडा किए जाने पर यह ठोस अवस्था में परिवर्तित होने लगता है।
  4. एथेनोइक अम्ल का घनत्व (Acetic acid density) – CH3COOH का घनत्व द्रव अवस्था में 1.049 g/cm3  और ठोस अवस्था में 1.266 g/cm3 होता है।
  5. Acetic acid का पीएच  (PH of acetic acid) – 25 °C तापमान पर विनेगर एसिड (Acetic acid) का ph मान 4.76 होता है। अर्थात एसिटिक एसिड दुर्बल अम्ल होता है, क्योंकि जलीय विलयन में यह अम्ल केवल आंशिक रूप से वियोजित होता है।
  6. एथेनोइक अम्ल, तीक्ष्ण गंध (pungent smell) वाला रंगहीन तरल पदार्थ है।
  7. सांद्र विलयन की अवस्था में यह प्रबल संक्षारक की तरह कार्य करता है।
  8. विनेगर एसिड (Acetic acid) का संयुग्म क्षार (conjugate base), एसिटेट (acetate) है, जिसे CH3COO– द्वारा दिया दर्शाया जाता है।
  9. 1.0 M (मोलर) सांद्रता वाले एथेनोइक एसिड विलयन का पीएच 2.4 होता है, जिसका अर्थ है कि यह पूरी तरह से अपघटित नहीं होता है।
  10. Acetic acid तरल अवस्था में, एक ध्रुवीय (polar), प्रोटिक विलायक (protic solvent) है, जिसके परावैद्युत स्थिरांक (dielectric constant) का मान 2 होता है।

(यह भी पढ़ें: वाष्पशील कार्बनिक यौगिक (VOC) क्या है, जानें सम्पूर्ण जानकारी…)

एसिटिक एसिड बनाने की विधि – Acetic amla preparation method in Hindi

एसिटिक एसिड बनाने की विधि – Acetic acid Preparation method in Hindi

औद्योगिक स्तर पर acetic amla का उत्पादन मेथेनॉल (CH3OH) के कार्बोनिलेशन (carbonylation) द्वारा किया जाता है। इस प्रक्रिया एथेनोइक एसिड (Acetic acid)  का निर्माण तीन चरणों में होता है।

  1. CH3OH (methanol) + HI (hydrogen iodide)  →  CH3I (methyl iodide intermediate) + H2O
  2. CH3I (methyl iodide) + CO (carbon monoxide)   →   CH3COI (acetyl iodide)
  3. CH3COI  +  H2O   →   CH3COOH (acetic acid) + HI

नोट:-  इस प्रक्रिया के 2 चरण में उत्प्रेरक के रूप में एक धातु कार्बोनिल कॉम्प्लेक्स (metal carbonyl complex) का उपयोग किया जाता है।

एसिटिक एसिड के निर्माण की अन्य विधियाँ –

  1. एसिटाल्डीहाइड का ऑक्सीकरण (oxidation of acetaldehyde) – कोबाल्ट, क्रोमियम और मैंगनीज के कुछ नैफ्थलीन साल्ट (naphthalene salts) को धातु उत्प्रेरक के रूप में प्रयोग कर एसीटैल्डिहाइड का ऑक्सीकरण किया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप एसिटिक एसिड बनता है। इस अभिक्रिया को निम्न रासायनिक समीकरण द्वारा प्रदर्शित किया जा सकता है:

2CH3CHO + O2  →  2CH3COOH

  1. एथिलीन का ऑक्सीकरण (oxidation of Ethylene) – एथिलीन (C2H4) को पैलेडियम उत्प्रेरक (palladium catalyst) और हेटेरोपॉली एसिड (heteropoly acid) की मदद से विनेगर एसिड (Acetic acid) में ऑक्सीकृत किया जा सकता है, इस अभिक्रिया को निम्न रासायनिक समीकरण द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।

C2H4  +  O  →  CH3COOH

  1. कुछ एनारोबिक बैक्टीरिया(anaerobic bacteria) में शुगर को सीधे एसिटिक एसिड में बदलने की क्षमता होती है।

C6H12O6    →   3CH3COOH

एसिटिक अम्ल के उपयोग – Acetic acid uses in Hindi

एसिटिक अम्ल के उपयोग - Acetic acid uses in Hindi

एसिटिक (एथेनोइक) एसिड दैनिक जीवन के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण कार्बनिक यौगिक है। Acetic acid का निम्न प्रकार से उपयोग किया जाता है:

घर पर एसिटिक अम्ल का उपयोग – Ethanoic acid uses at home in Hindi

घरों में एसिटिक अम्ल के तरल विलयन का उपयोग अक्सर एक डिस्केलिंग एजेंट (descaling agent) के तौर पर किया जाता है। घरों में एसिटिक अम्ल का उपयोग सिरका (Vinegar) के रूप में खाना पकाने, अचार बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। सिरका, Acetic acid का पानी में बना विलयन है और इसमें 5% से 20% एसिटिक (एथेनोइक) एसिड होता है।

(यह भी पढ़ें: सल्फ्यूरिक अम्ल बनाने की विधि, गुण और उपयोग…)

एसिटिक एसिड का औद्योगिक उपयोग – Acetic amla uses in industry in Hindi

औद्योगिक क्षेत्र में उपयोग किए जाने वाले सभी रसायन में से Acetic acid (एथेनोइक अम्ल) एक आवश्यक अभिकर्मक है, जिसका उपयोग निम्न प्रकार से किया जा सकता है, जैसे:

  • इत्र (Perfumes), प्लास्टिक, शीतल पेय की बोतलों (पोलिइथाइलीन टेरिफ्थेलेट) के निर्माण में
  • कीटनाशकों के निर्माण में
  • सिन्थेटिक फाइबर और कपड़े बनाने में
  • एंटीसेप्टिक (Antiseptic), बैक्टीरिया रोधी और फंगस रोधी दवाओं के निर्माण में
  • फोटोग्राफिक फिल्म के लिए सेलूलोज़ एसिटेट के रूप में
  • ध्रुवीय विलायक के रूप में
  • चिकित्सकीय रूप से, विनेगर एसिड (Acetic acid) का उपयोग कैंसर के इलाज के दौरान ट्यूमर में सीधे इंजेक्शन के रूप में किया जाता है।

(यह भी पढ़ें: सफाई एजेंट (क्लींजिंग एजेंट) के प्रकार और उनका उपयोग कब करें…)

एसिटिक अम्ल के उपयोग में सावधानी – Precautions in the use of Ethanoic amla in Hindi

  • एथेनोइक अम्ल को नाइट्रिक अम्ल, क्रोमिक अम्ल, एथिलीन ग्लाइकोल, परक्लोरिक अम्ल, परऑक्साइड औऱ हाइड्रॉक्सिल से दूर रखना चाहिए।
  • सांद्र एसिटिक अम्ल एक संक्षारक की तरह कार्य करता है अतः इसका उपयोग सावधानीपूर्वक करना चाहिए, क्योंकि यह त्वचा जलन, फफोले और आंख को स्थायी रूप से नुकसान पहुँचा सकता है। एसिटिक एसिड का उपयोग करते समय विशेष रूप से निट्राइल रबर से बने दस्ताने पहनने की सलाह दी जाती है।
  • विनेगर एसिड (Acetic acid) की वाष्प तीक्ष्ण और संक्षारक होने के कारण, इसे ढ़क्कन वाले पात्र में रखा जाता है। सिरका के रूप में यह हानिरहित होता है।

(यह भी पढ़ें: बीज अंकुरण के लिए क्या जरूरी है, जानें आवश्यक परिस्थितियां…)

Leave a comment