कृत्रिम मिठास पैदा करने वाले पदार्थों के नाम और उनका उपयोग – Artificial Sweetening Agents in Hindi
कृत्रिम मिठास (artificial sweeteners) विज्ञान का एक इंटरेस्टिंग विषय है। एक ओर माना जाता है कि कृत्रिम मधुरक या आर्टिफिशियल स्वीटनर कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं तथा रक्त शर्करा और आंत स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं। वही दूसरी ओर, अधिकांश स्वास्थ्य विशेषज्ञ उन्हें हमारे लिए सुरक्षित मानते हैं, तथा अनेक लोग शुगर का सेवन कम करने और वजन घटाने के लिए इन कृत्रिम मिठास एजेंट का उपयोग करते हैं। इस लेख में हम आपके कृत्रिम मिठास पैदा करने वाले रासायनिक पदार्थ से संबंधित सभी डाउट क्लियर करेंगे। आप इस लेख में जानेंगे कि कृत्रिम स्वीटनिंग एजेंट क्या हैं? मिठास बढ़ाने वाले एजेंट का उपयोग क्यों किया जाता है तथा फायदे और नुकसान के बारे में।
कृत्रिम स्वीटनर क्या हैं? – What Are Artificial Sweeteners in Hindi
कृत्रिम मिठास पैदा करने वाले पदार्थ को कृत्रिम मधुरक या “आर्टिफिशियल स्वीटनर्स” के नाम से भी जाना जाता है। कुछ खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों को मीठा स्वाद देने के लिए नेचुरल स्वीटनर्स के स्थान पर आर्टिफिशियल स्वीटनर प्रयोग में लाये जाते हैं, क्योंकि इनका कैलोरी मान बहुत ही कम होता है। इन्हें “तीव्र मिठास” (intense sweeteners) के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि यह टेबल शुगर के मुकाबले कई हजार गुना मीठे होते हैं।
मिठास बढ़ाने वाले एजेंट – Artificial Sweetening Agents in Hindi
कुछ प्रमुख कृत्रिम मिठास पैदा करने वाले रासायनिक पदार्थों या एजेंट्स में निम्नलिखित शामिल हैं:
- एस्पार्टेम (Aspartame) – यह ठंडे पेय पदार्थों में मिठास पैदा करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है, क्योंकि गर्म करने यह रसायन अपघटित हो जाता है और अपनी मिठास खो देता है। एस्पार्टेम प्रकृति में पाए जाने वाले दो अमीनो अम्ल एस्पार्टिक एसिड एवं फिनाइल एलेनाइन के डाईपेप्टाइड का मेथिल एस्टर है। इसमें कैलोरी की मात्रा शर्करा के बराबर होती है। यह चीनी की तुलना में 200 गुना अधिक मीठा होता है। एस्पार्टेम का उपयोग पेय पदार्थ, च्युइंग गम, जिलेटिन, आइसक्रीम, दही, टूथपेस्ट, चबाने योग्य विटामिन में किया जाता है।
- सैकेरिन (Saccharin) – सैकेरिन सबसे ज्यादा लोकप्रिय कृत्रिम मिठास पैदा करने वाला पदार्थ है, इसकी खोज 1879 में की गई थी। चीनी की तुलना में 200 से 700 गुना अधिक मीठा सैकेरिन कृत्रिम स्वीटनर का उपयोग अक्सर फलों के रस, कैंडी, जैम, जेली और कुकीज़ जैसे कम कैलोरी वाले प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों में किया जाता है।
- एलिटेम (Alitame) – एलिटेम गर्म करने पर स्थायी मिठास पैदा करने वाला अमीनो एसिड-आधारित आर्टिफिशियल स्वीटनर एजेंट है। यह चीनी की तुलना में 2,000 गुना और एस्पार्टेम की तुलना से 10 गुना अधिक मीठा होता है।
- सुक्रालोज (Sucralose) – वर्तमान में कृत्रिम मिठास पैदा करने वाले पदार्थों में सर्वाधिक सुक्रालोज का उपयोग किया जाता है। सुक्रालोज़, टेबल शुगर से लगभग 600 गुना अधिक मीठा होता है, खाना पकाने और अम्लीय खाद्य पदार्थों के साथ मिलाने के लिए उपयोग में लाया जाता है।
- नियोटेम (Neotame) – नियोटेम उच्च तापमान पर अधिक क्षमता वाला एक कृत्रिम मधुरक है, जो चीनी की तुलना में 6,000 से 10,000 गुना अधिक मीठा होता है।
(यह भी पढ़ें: ब्लड शुगर क्या है, नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल की कम्पलीट जानकारी...)
कृत्रिम मिठास एजेंट कैसे काम करते हैं? – How Do Artificial Sweeteners Work In Hindi
आपकी जीभ की सतह कई स्वाद कलिकाओं (taste buds) से ढकी होती है, जिनमें कई स्वाद रिसेप्टर्स होते हैं, जो विभिन्न स्वाद को पहचानने में मदद करते हैं।
कृत्रिम स्वीटनर के अणु इन रिसेप्टर पर चीनी अणुओं के समान फिट हो जाते हैं, जिससे हमें मीठा स्वाद आता है। आम तौर पर कृत्रिम स्वीटनर, चीनी से इतने भिन्न होते हैं कि आपका शरीर उन्हें कैलोरी में विभाजित नहीं कर सकता है। इस तरह यह शून्य कैलोरी प्रदान कर मीठा स्वाद देते हैं।
हालाँकि केवल कुछ ही कृत्रिम स्वीटनर को आपका शरीर कैलोरी में तोड़ सकता है। चूँकि खाद्य पदार्थों को मीठा बनाने के लिए चीनी की तुलना में बहुत कम मात्रा में कृत्रिम स्वीटनर को मिलाया जाता है, जिससे उत्पन्न कैलोरी का मान लगभग शून्य के बराबर होता है।
(यह भी पढ़ें: कृत्रिम स्वीटनर का स्वास्थ्य पर प्रभाव, क्या हैं फायदे और नुकसान…)
कृत्रिम मिठास का उपयोग क्यों किया जाता है – Why Are Artificial Sweeteners Used In Hindi
गन्ना, चुकंदर जैसे प्राकृतिक स्रोतों से चीनी का उत्पादन किया जाता है। वर्तमान में आपके भोजन में मिठास जोड़ने के लिए चीनी के स्थान पर कृत्रिम मिठास पैदा करने वाले पदार्थों का उपयोग किया जाता है। कृत्रिम मिठास का उद्देश्य भोजन के कैलोरी मान को कम करना है। चूँकि चीनी भोजन के माध्यम से उच्च कैलोरी प्रदान करती है, जिसका स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, और डायबिटीज तथा मोटापा से पीड़ित लोगों के लिए नुकसानदायक हो सकती है। चूँकि कृत्रिम स्वीटनर, प्राकृतिक चीनी की तुलना में अधिक मीठे और बहुत कम मात्रा में उपयोग किये जाते हैं। जो मोटापे और मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद करने के लिए कम कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट सेवन में योगदान देते हैं।
(यह भी पढ़ें: प्रोटीन क्या है, इसके प्रकार, कार्य और उपयोग…)
निष्कर्ष
कृत्रिम मिठास ऐसे रसायन हैं, जिनका उपयोग खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों को मीठा बनाने के लिए किया जाता है। कैलोरी सेवन को बढ़ाने में इनका योगदान सामान्यतः शून्य होता है। उम्मीद है आपको यह लेख पसंद आया होगा। यदि आपका कृत्रिम स्वीटनर एजेंट से संबधित कोई भी सवाल हो तो उसे कमेंट करके जरूर बताएं।
Post Comment