सर्दियों में होने वाली सबसे आम बीमारियां – Winter Disease In Hindi
सर्दियां जहाँ एक ओर मौसम में ठंडक लेकर आती हैं, वहीं दूसरी ओर यह हमारे लिए कई सारी बीमारियाँ भी लेकर आती हैं। सर्दियों का गिरता हुआ तापमान आपको संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील बना सकता है। दरअसल इस समय वातावरण में हुए बदलाव को हमारा शरीर सहन नहीं कर पाता है, जिस वजह से हमें कई सारी बीमारियां होने लगती हैं। हालाँकि कुछ बचाव के तरीके अपनाकर हम सर्दियों में होने वाली इन बीमारियों से बच सकते हैं और अपने आपको सुरक्षित कर सकते हैं। आज इस लेख में हम सर्दियों में होने वाली सामान्य बीमारी (Winter Diseases In Hindi) पर चर्चा करेंगे, साथ ही इन रोगों से बचने के उपाय भी जानेंगे। विंटर सीजन अर्थात सर्दी में कौन कौन सी बीमारियाँ हो सकती हैं, इनके लक्षण और रोगों से बचने के उपाय जानने के लिए आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
सर्दी में होने वाली सामान्य बीमारियां – Common Diseases In Winter In Hindi
विंटर सीजन में स्वस्थ रहने के लिए सर्दियों में होने वाली बीमारियों की जानकारी होना बहुत जरूरी है, ताकि आप सही समय पर अपनी बेहतर हेल्थ के कुछ आवश्यक कदम उठा सकें। आइये जानते हैं सर्दियों की बीमारी (Winter Season Diseases) के बारे में:-
सामान्य सर्दी – Common Cold Disease in Winter in Hindi
सर्दी जुकाम विंटर सीजन की एक आम बीमारी है। यह एक संक्रमित बीमारी है, जो एक व्यक्ति से दूसरे को भी इन्फेक्टेड कर सकती है। इसमें आपका नाक और गला संक्रमित होता है। सर्दी जुकाम के शुरूआती लक्षणों में गले में खराश, हल्का सिरदर्द, छींक आना, खांसी, सीने में कफ, नाक बहना और हल्का बुखार आना आदि शामिल होते हैं।
सामान्य सर्दी के लक्षण फ्लू की तुलना में नॉर्मल होते हैं, जो 2-4 दिनों के बाद अपने आप ठीक हो जाते हैं। सर्दी जुकाम होने पर, इसे जल्दी ठीक करने के लिए पर्याप्त धूप लें, भरपूर आराम करें और घर के अन्दर रूम हीटर का उपयोग करें।
फ़्लू (इन्फ्लुएंजा) – Flu (Influenza) Common Winter Diseases in Hindi
इन्फ्लुएंजा अर्थात फ्लू एक प्रकार का वायरल संक्रमण है, जिसके लक्षण सामान्य सर्दी से भी अधिक गंभीर होते हैं। इन्फ्लूएंजा वायरस ठंडी, शुष्क हवा में पनपता है, जो भीड़-भाड़ वाली जगह के माध्यम से एक-दूसरे में प्रवेश कर जाता है। इसमें आपका श्वसन तंत्र (जैसे मुंह, नाक, गला और लंग्स) संक्रमित होता है। फ्लू से संक्रमित व्यक्ति में बुखार आना, ठंड लगना, खांसी, थकान, सिरदर्द और उल्टी या दस्त जैसे लक्षण प्रगट होते हैं। आमतौर पर सर्दियों की यह बीमारी आराम, तरल पदार्थ और दवाओं की मदद से 7-10 दिनों में ठीक हो जाती है।
कुछ लोगों में फ्लू गंभीर समस्याएँ पैदा कर सकता है जैसे:-
- 5 वर्ष से कम और 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में।
- प्रेग्नेंट महिलाओं में।
- पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों में।
- अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त लोगों में।
न्यूमोनिया – Pneumonia Common Winter Illnesses in Hindi
सर्दियों की बीमारियों में न्यूमोनिया एक आम बीमारी है, जिसमें फेफड़े संक्रमित होते हैं। अधिकतर न्यूमोनिया के मामले वायरस संक्रमण के कारण होते हैं। इस रोग के लक्षण हल्के से लेकर अधिक गंभीर हो सकते हैं, जिनमें बुखार, बलगम पैदा करने वाली खांसी, भारी पसीना, कंपकंपी वाली ठंड, भूख न लगना, तेज सांस, सांस लेने में तकलीफ या सीने में चुभने वाला दर्द, भ्रम इत्यादि शामिल हैं।
यदि आपको वायरल निमोनिया है, तो आप अधिक से अधिक आराम करें, अच्छा खाना खाएं और अधिक तरल पदार्थ का सेवन करें। किसी भी तरह के लक्षण प्रगट होने पर जल्द से जल्द डॉक्टर से परामर्श लें।
काली खांसी – Whooping Cough Common Winter Diseases in Hindi
काली खांसी, जिसे पर्टुसिस (pertussis) के नाम से भी जाना जाता है, एक गंभीर और बहुत ही संक्रामक जीवाणु संक्रमण (bacterial infection) है जो मुख्य रूप से शिशुओं और छोटे बच्चों को प्रभावित करता है। यह बीमारी एक सामान्य सर्दी की तरह शुरू होती है, और बढ़ते-बढ़ते गंभीर खांसी का रूप ले लेती है। अन्य लक्षणों में बुखार, छींक आना, नाक बहना और आंखों से पानी आना शामिल हैं।
इसके इलाज के लिए डॉक्टर के परामर्श पर एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करें, जिससे संक्रमण जल्द से जल्द कम हो सके। गर्म रहें, बहुत सारे तरल पदार्थ पिएं और उन चीजों के संपर्क में आने से बचें जिनसे आपको खांसी होती है, जैसे धुआं या धूल।
स्ट्रेप थ्रोट – Strep Throat Common Winter Illnesses in Hindi
स्ट्रेप थ्रोट एक बैक्टीरियल संक्रमण है, जो ठंड के महीनों में अधिक प्रभावी होता है। इस रोग के प्रभाव से व्यक्ति के गले में खराश, निगलने में कठिनाई और कभी-कभी बुखार भी आ जाता है। यदि सही समय पर उपचार न किया जाए, तो बैक्टीरिया आपके शरीर के अन्य भागों जैसे टॉन्सिल, साइनस, त्वचा, कान और यहां तक कि ब्लड में भी फैल सकता है। अतः बीमारी की गंभीरता को रोकने के लिए एंटीबायोटिक उपचार आवश्यक हैं।
सर्दी में होने वाली बीमारी स्ट्रेप थ्रोट के ध्यान देने योग्य कुछ लक्षण निम्न हैं:
- अचानक गले में दर्द होना
- निगलते समय दर्द होना
- लाल और सूजे हुए टॉन्सिल
- मुँह की ऊपरी सतह पर लाल धब्बे
- बुखार आना
- सिरदर्द होना
- आपकी गर्दन में सूजी हुई लिम्फ नोड्स
कान का संक्रमण – Ear Infection Common Winter Illnesses in Hindi
ठंड के मौसम में कान में संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है, खासकर बच्चों में। हालाँकि यह वयस्कों को भी हो सकता है। कान में संक्रमण ठंड या एलर्जी से प्रेरित होता है, जिससे कान में दर्द, तरल पदार्थ का बहना और सुनने में कठिनाई होना आदि समस्याएँ देखने को मिलती हैं।
साइनसाइटिस – Sinusitis Common Winter Diseases in Hindi
साइनसाइटिस या साइनस की सूजन, ठंड के मौसम में आपको परेशान कर सकती है। इसके परिणामस्वरूप सर्दी, एलर्जी, चेहरे पर दर्द, नाक बंद और सिरदर्द आदि लक्षण उत्पन्न होते हैं। इसका कारण सर्दियों की शुष्क हवा से आपके साइनस में बलगम सूखना है। साइनसाइटिस से बचाव के लिए नाक की सफाई करते रहें और अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रहें।
नोरोवायरस – Norovirus Common Winter Illnesses in Hindi
नोरोवायरस एक संक्रामक बीमारी है, जो सभी उम्र के लोगों और वर्ष के किसी भी समय हो सकती है। हालाँकि, यह सर्दियों में होने वाली अधिक आम बीमारी है। नोरोवायरस संक्रमण के सामान्य लक्षण में जी मिचलाना, उल्टी, दस्त, पेट दर्द, बुखार और ठंड लगना शामिल हैं। कुछ स्थिति में यह बीमारी स्वतः ही ठीक हो जाती है। इसके संक्रमण से बचने के स्वच्छता नियमों का पालन करें, अच्छी तरह पका हुआ भोजन खाएं, और घर को साफ सुथरा और कीटाणुरहित रखें।
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जोड़ों का दर्द – Common Winter Illnesses Joint Pain in Hindi
सर्दियों में जोड़ों का दर्द बहुत अधिक देखने को मिलता है, जो वायुमंडलीय दबाव और ठंडे तापमान में परिवर्तन के कारण होता है। दरअसल ठंडे मौसम में पैर की उंगलियों में ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है, जिससे सूजन और जोड़ों में दर्द हो सकता है। गर्म रहना और जोड़ों की मालिश करके दर्द को काफी हद तक कम किया जा सकता है। दर्द वाले क्षेत्र को राहत पहुंचाने के लिए आप हीटिंग पैड का उपयोग कर सकते हैं।
श्वसन संबंधी बीमारियाँ – Winter Respiratory Diseases in HIndi
सर्दियों की ठंडी हवा आपके श्वसन तंत्र को संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील बना देती है। सर्दियों में सांस संबंधी निम्न रोग हो सकते हैं:-
- अस्थमा – अस्थमा को ट्रिगर करने वाले सबसे आम कारकों में ठंडी हवा प्रमुख है, जिसका मतलब है कि सर्दियों के दौरान अस्थमा होने का खतरा सबसे अधिक होता है।
- ब्रोंकाइटिस – ब्रोंकाइटिस, श्वसन मार्ग में सूजन आने के कारण होने वाली बीमारी है। इस बीमारी से सीने में कफ का जमाव, खांसी के साथ बलगम और घरघराहट जैसे सामान्य लक्षण प्रगट होते हैं।
मौसमी अवसाद – Seasonal Depression Disorder During Winter in Hindi
मौसमी अवसाद, जिसे विंटर ब्लूज़ के रूप में जाना जाता है। यह मौसम में बदलाव होने के कारण होता है, जिसके शरीर में निम्न लक्षण देखे जा सकते हैं:-
- सुस्ती, उदासी आना
- वजन बढ़ना
- ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होना
- अधिक भूख लगना
- थकान होना, आदि।
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हार्ट अटैक – Heart Attack Comes in Winter in Hindi
सर्दियों में हार्ट अटैक की समस्या सबसे अधिक देखने को मिलती है, इस समय तापमान गिरने से ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। जिसके कारण आपके हृदय की ब्लड पंप करने की क्षमता पर बोझ पड़ता है, और हार्ट अटैक आ जाता है। शारीरिक रूप से सक्रिय रहें और ध्यान रखें, कि आप अपने दिल को स्वस्थ रखने के लिए क्या खाते हैं। समय पर अपनी वार्षिक स्वास्थ्य जांच को कराते रहें।
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सर्दियों की बीमारी से बचाव के तरीके – Tips To Prevent Diseases During Winter In Hindi
विंटर सीजन अर्थात सर्दी में अपना ख्याल रखने और बीमारियों से बचाव के लिए, यहां कुछ उपाय दिए गए हैं जैसे:
- नियमित रूप से व्यायाम करें।
- संतुलित आहार खाएं और अपने आहार में विटामिन सी शामिल करें।
- गर्म या ऊनी कपड़े पहनें।
- हमेशा हाइड्रेट रहें।
- हर्बल चाय पियें।
- पर्याप्त नींद लें।
- मानसिक स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें।
- अपने आसपास स्वच्छता बनाये रखें।
- डॉक्टर के साथ वार्षिक चिकित्सा जांच की योजना बनाएं।
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इस आर्टिकल में आपने जाना विंटर सीजन अर्थात सर्दियों में होने वाली बीमारियाँ कौन सी हैं तथा इन बीमारियों से कैसे बचें। उम्मीद है हमारे लेख के माध्यम से आपको सर्दियों में स्वस्थ रहने में मदद मिलेगी। इस लेख (Winter Disease In Hindi) के सम्बन्ध में आपके जो भी सुझाव हैं, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।
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