यह प्रोटोजोआ से होने वाले रोग हो सकते हैं जानलेवा – Diseases Caused by Protozoa in Hindi

प्रोटोजोआ सूक्ष्म जीव होते हैं, जो विभिन्न बीमारियों का कारण बन सकते हैं। भारत में प्रोटोजोआ से होने वाले सामान्य रोगों में मलेरिया, कालाजार, अमिबी पेचिश, पायरिया और जिआर्डियासिस शामिल हैं। ये बीमारियाँ, जिन्हें प्रोटोजोआ रोग के नाम से जाना जाता है, देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य चिंता का विषय हैं। प्रोटोजोआ विभिन्न माध्यमों से मानव शरीर में प्रवेश कर सकता है, जैसे दूषित भोजन या पानी, गंदगी या संक्रमित व्यक्तियों के सीधे संपर्क से। एक बार जब प्रोटोजोआ शरीर के अंदर प्रवेश करते हैं तो उनकी संख्या बढ़ती जाती है, जिससे बीमारी और स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इस लेख में, हम भारत में प्रोटोजोआ से होने वाले रोग (Protozoa Diseases in Hindi), लक्षण, और प्रोटोजोआ की जानकारी देने जा रहें। आइये जानते हैं प्रोटोजोआ के कारण होने वाली बीमारी के बारे में।

Table of Contents

प्रोटोजोआ रोग फैलने का मुख्य कारण – Protozoa Diseases Causes in Hindi

परजीवी प्रोटोजोआ सूक्ष्मजीव हैं, जो कभी-कभी मनुष्यों में अनेक बीमारियों का कारण बन सकते हैं। प्रोटोजोआ रोग फैलने के मुख्य कारण निम्न हैं, अर्थात प्रोटोजोआ से होने वाले रोग निम्न माध्यम से फैलते हैं:

  • दूषित पानी या भोजन
  • मच्छर
  • सैंड फ्लाई (Sand flies)
  • यौन संचारित रोग

प्रोटोजोआ से होने वाले रोग की लिस्ट – List of Protozoan Diseases in Humans in Hindi

प्रोटोजोआ से होने वाले रोग की लिस्ट - List of 10 Protozoan Diseases in Humans in Hindi

  1. मलेरिया (Malaria)
  2. विसेरल लीशमैनियासिस (कालाजार) (visceral leishmaniasis)
  3. अमिबी पेचिश (अमीबियासिस/Amoebiasis)
  4. निद्रा रोग (ट्रिपैनोसोमियासिस Trypanosomiasis)
  5. जिआर्डियासिस (Giardiasis)
  6. ट्राइकोमोनिएसिस Trichomoniasis)
  7. टोक्सोप्लाज्मोसिस (Toxoplasmosis)
  8. ब्लास्टोसिस्टिस (Blastocystis)

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मानव में प्रोटोजोआ से होने वाले रोग – 8 Protozoa Diseases in Humans in Hindi

प्रोटोजोआ रोग भारत में काफी प्रचलित हैं और गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा करते हैं। भारत में आमतौर पर प्रोटोजोआ से होने वाले रोग इस प्रकार हैं:

1. मलेरिया: प्रोटोजोआ से होने वाला वाला रोग – Malaria Protozoa Diseases in Hindi

मलेरिया - Malaria Diseases in Hindi

मलेरिया भारत में एक प्रमुख प्रोटोजोआ से होने वाली बीमारी है, जो विशेषकर उन क्षेत्रों में फैलती है, जहां मच्छरों की संख्या अधिक है।

कारण: यह रोग प्लाज्मोडियम जीनस के परजीवियों के कारण होता है (मनुष्यों में, मलेरिया चार अलग-अलग प्रजातियों द्वारा फैलाता है: प्लाज्मोडियम मलेरिया, प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम, प्लाज्मोडियम विवैक्स, और प्लाज्मोडियम ओवेल)।

रोग कैसे फैलता है/बाहक: परजीवी केवल मादा एनाफिलीज मच्छर (female Anopheles mosquito) द्वारा फैलाया जाता है। आमतौर पर यह शाम और सुबह के समय काटता है।

लक्षण: प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम प्रजाति के कारण होने वाला मलेरिया रोग सबसे अधिक गंभीर है। मलेरिया के कुछ सबसे सामान्य लक्षणों में बार-बार बुखार, ठंड लगना, थकान, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी, पेट दर्द और खांसी शामिल हैं।

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2. अमीबियासिस प्रोटोजोआ रोग – Amoebiasis Diseases Caused by Protozoa in Hindi

अमीबायसिस को अमीबी पेचिश के रूप में भी जाना जाता है। प्रोटोजोआ से होने वाला यह रोग आंतों को प्रभावित करता है।

कारण: यह रोग परजीवी एंटामीबा हिस्टॉलिटिका के कारण होता है।

रोग कैसे फैलता है: अमीबियासिस एक प्रकार का गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण है, जो अक्सर मौसम या जलवायु के बजाय खराब स्वच्छता और दूषित भोजन या पानी के सेवन से फैलता है।

लक्षण: आमतौर पर अमीबियासिस गंभीर दस्त, पेट दर्द और अन्य जठरांत्र संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है। अधिकांश स्थितियों में अमीबियासिस पेट दर्द से शुरू होता है, जो अंततः दस्त में बदल जाता है। इसके अलावा, बुखार, मतली, भूख न लगना और मल में खून आना भी अमीबियासिस का संकेत है।

3. ट्रिपैनोसोमियासिस (निद्रा रोग) प्रोटोजोआ से होने वाली बीमारी – Trypanosomiasis or Sleeping Sickness Protozoa Diseases in Hindi

कारण: यह ट्रिपैनोसोमा ब्रूसी (Trypanosoma brucei) प्रोटोजोआ की प्रजातियों द्वारा फैलता है। इस प्रजाति के दो प्रकार मनुष्यों को संक्रमित कर सकते हैं: (1.) ट्रिपैनोसोमा ब्रूसी गैम्बिएन्स (TbG) और (2.) ट्रिपैनोसोमा ब्रूसी रोडेसिएन्स (TbR)।

रोग कैसे फैलता है/बाहक: यह प्रोटोजोआ रक्त-चूसने वाले कीट (blood-sucking insect: tsetse fly) द्वारा प्रसारित होते हैं।

लक्षण: बीमारी के कुछ सबसे आम लक्षणों में सिरदर्द, तेज बुखार, चिड़चिड़ापन, सोने में कठिनाई महसूस होना, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द और लिम्फ नोड्स में सूजन शामिल हैं। गंभीर मामलों में, कुछ लोगों की त्वचा पर दाग-धब्बे पड़ जाते हैं और तंत्रिका संबंधी समस्याएं विकसित हो जाती हैं। यदि उपचार न किया जाए तो संक्रमित रोगी की कुछ महीनों के भीतर मृत्यु हो सकती है।

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4. कालाजार रोग (विसेरल लीशमैनियासिस) – Visceral Leishmaniasis Protozoan Diseases in Hindi

विसेरल लीशमैनियासिस, जिसे आमतौर पर कालाजार, ब्लैक फीवर, दमदम बुखार के नाम से भी जाना जाता है।

कारण: यह प्रोटोजोअन परजीवी लीशमैनिया डोनोवानी के कारण होता है।

रोग कैसे फैलता है/बाहक: यह प्रोटोजोआ रोग संक्रमित सैंडफ्लाइज़ के काटने से फैलता है।

लक्षण: विसेरल लीशमैनियासिस आंतरिक अंगों को प्रभावित करता है, जिससे लंबे समय तक बुखार, वजन कम होना, प्लीहा और यकृत का बढ़ना और कमजोरी आदि लक्षण उत्पन्न होते हैं।

5. जिआर्डियासिस: प्रोटोजोआ से होने वाला वाला रोग – Giardiasis Diseases Caused by Protozoa in Hindi

जिआर्डियासिस - Giardiasis in Hindi

जिआर्डियासिस भारत में एक आम अतिसार (diarrheal) संबंधी प्रोटोजोआ संक्रमण (जलजनित रोग) है।

कारण: यह प्रोटोजोआ परजीवी जिआर्डिया लैम्ब्लिया के कारण होता है।

रोग कैसे फैलता है/बाहक: यह प्रोटोजोआ रोग अक्सर दूषित जल स्रोतों के माध्यम से फैलता है।

लक्षण: जिआर्डियासिस प्रोटोजोआ रोग के कारण आंतें (intestinal tract)  प्रभावित होती हैं, जिससे पेट दर्द, दस्त, सूजन और वजन कम होना जैसे लक्षण प्रगट होते हैं।

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6. टोक्सोप्लाज्मोसिस प्रोटोजोआ डिजीज – Toxoplasmosis Protozoan Diseases in Hindi

टोक्सोप्लाज्मोसिस रोग में आंख, मस्तिष्क और लिम्फ नोड्स संक्रमित होते हैं।

कारण: टोक्सोप्लाज्मोसिस दुनिया के सबसे आम प्रोटोजोआ टोक्सोप्लाज्मा गोंडी (Toxoplasma gondii) से होने वाला एक प्रकार का प्रोटोजोआ संक्रमण है।

रोग कैसे फैलता है/बाहक: प्रोटोजोआ दूषित पानी, दूषित मिट्टी, अधपका मांस खाने और बिल्ली के मल के संपर्क के माध्यम से फ़ैल सकता है।

लक्षण: इस बीमारी से संक्रमित लोगों में फ्लू जैसे लक्षण विकसित होते हैं, और आँखे लाल होना, धुंधला दिखाई देने का अनुभव हो सकता है। इसके अलावा, संक्रमित लोगों को शरीर में दर्द और थकान का भी अनुभव हो सकता है।

7. ट्राइकोमोनिएसिस परजीवी से होने वाला वाला रोग – Trichomoniasis Diseases Caused by Protozoa in Hindi

कारण: ट्राइकोमोनिएसिस एक यौन संचारित रोग है, जो ट्राइकोमोनिएसिस वेजाइनलिस (Trichomoniasis Vaginalis) के कारण होता है।

रोग कैसे फैलता है: यह परजीवी संभोग के दौरान एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है।

प्रभावित अंग: पुरुषों में, लिंग का आंतरिक भाग (मूत्रमार्ग) सबसे अधिक प्रभावित होता है। दूसरी ओर, महिलाओं में निचला जननांग (योनि, गर्भाशय ग्रीवा, योनी और मूत्रमार्ग शामिल है) सबसे अधिक प्रभावित होता है।

लक्षण: अधिकांश स्थितियों में, ट्राइकोमोनिएसिस बिना किसी ध्यान देने योग्य लक्षण के होता है। इस बीमारी से पीड़ित पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित क्षेत्रों में खुजली और जलन का अनुभव हो सकता है, साथ ही अजीब तरल का स्राव भी हो सकता है।

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8. ब्लास्टोसिस्टिस परजीवी से होने वाला वाला रोग- Blastocystis Diseases Caused by Protozoa in Hindi

कारण: यह प्रोटोजोआ से होने वाला रोग जल-जनित ब्लास्टोसिस्टिस होमिनिस (Blastocystis hominis) प्रोटोजोआ के कारण होता है।

रोग कैसे फैलता है: इसके संचरण का तरीका अज्ञात रहता है, लेकिन खराब स्वच्छता और खराब साफ-सफाई वाले क्षेत्रों में इससे संक्रमित लोगों की संख्या अधिक होती है।

लक्षण: ब्लास्टोसिस्टोसिस अक्सर लक्षणहीन होता है; यह बिना कोई लक्षण दिखाए भी हो सकता है।

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