फ्लेवोनोइड्स (विटामिन पी) क्या है, जानें प्रकार, स्रोत और फायदे – What Is Flavonoids (Vitamin P) Types, Sources, Benefits in Hindi
Flavonoids in Hindi: पौधे आधारित खाद्य पदार्थों में अनेक प्रकार के पोषक तत्व और विटामिन पाए जाते हैं, जिसके कारण इन्हें पोषण का प्रमुख स्रोत माना जाता है। फ्लेवोनोइड, पौधे में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले यौगिकों का एक समूह है, जिन्हें पहले कभी विटामिन पी के नाम से जाना जाता था। यह पौधे और मानव स्वास्थ्य के लिए काफी महत्वपूर्ण फ्लेवोनोइड्स के प्रकार, कार्य, flavonoids classification उपयोग, लाभ, और खाद्य स्रोत के बारे में आज आप इस लेख में विस्तार से जानेंगे।
विटामिन पी क्या है – What Is Vitamin P in Hindi
विटामिन पी एक पुराना शब्द है, जिसका उपयोग अतीत में फ्लेवोनोइड नामक पदार्थों के एक समूह का वर्णन करने के लिए किया जाता था। फ्लेवोनोइड्स पौधों में पाए जाने वाले पॉलीफेनोलिक यौगिकों का एक वर्ग है, और वे अपने एंटीऑक्सीडेंट गुणों के लिए जाने जाते हैं। हालाँकि, ये यौगिक वास्तव में विटामिन नहीं हैं। फलों, सब्जियों, चाय, कोको, रेड वाइन और अन्य पौधों पर आधारित खाद्य पदार्थों में व्यापक रूप से कई प्रकार के फ्लेवोनोइड पाए जाते हैं। यह कुछ खाद्य पदार्थों को उनका रंग देते हैं, पौधों को पराबैंगनी (यूवी) किरणों और संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करते हैं, और इनके स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं।
फ्लेवोनोइड्स क्या हैं – What are Flavonoids in Hindi
Flavonoids प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले यौगिकों का एक विविध समूह है, जो पॉलीफेनोल परिवार का हिस्सा हैं। वे पौधों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, फलों, फूलों और पत्तियों के रंग में योगदान देते हैं। फ्लेवोनोइड को कई उपवर्गों में विभाजित किया गया है, जिनमें फ्लेवोनोल्स, फ्लेवोन्स, फ्लेवोनोन्स, आइसोफ्लेवोन्स, एंथोसायनिन और फ्लेवेनॉल्स (कैटेचिन्स) शामिल हैं।
जब 1930 में वैज्ञानिकों द्वारा पहली बार फ्लेवोनोइड्स को संतरे से निकाला गया, तो उन्हें एक नए प्रकार का विटामिन माना गया और इसलिए, उन्हें विटामिन P नाम दिया गया। इस नाम का अब उपयोग नहीं किया जाता है, क्योंकि फ्लेवोनोइड विटामिन नहीं हैं।
फ्लेवोनोइड की रासायनिक संरचना – Basic Structure of Flavonoids in Hindi
फ्लेवोनोइड की रासायनिक संरचना में तीन रिंगों (C6-C3-C6) में व्यवस्थित 15 कार्बन परमाणु शामिल होते हैं। जिसमें दो फेनोलिक रिंग (aromatic रिंग) होते हैं, जो 3-कार्बन श्रृंखला वाली हेट्रोसाइक्लिक रिंग से जुड़े होते हैं। यह संरचनात्मक व्यवस्था Flavonoids के विभिन्न उपवर्गों को जन्म देती है, जिनमें से प्रत्येक के अलग-अलग गुण होते हैं।
फ्लेवोनोइड्स के प्रकार और खाद्य स्रोत – Flavonoids Types and Food Sources in Hindi
फ्लेवोनोइड्स, जिसे बायोफ्लेवोनोइड्स (bioflavonoids) के रूप में भी जाना जाता है, यह 6 उपवर्गों के साथ पॉलीफेनोल प्लांट यौगिकों (polyphenol plant compounds) का एक परिवार है। वर्तमान में 6,000 से अधिक फ्लेवोनोइड ज्ञात हैं। पौधे-आधारित विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ और उनके रंग अक्सर फ्लेवोनोइड के विस्तृत प्रकार का संकेत देते हैं। अपने आहार में विभिन्न प्रकार के फलों और सब्जियों को शामिल करना Flavonoids का पर्याप्त सेवन सुनिश्चित करने का एक शानदार तरीका है। फलों, सब्जियों, रेड वाइन, कोको और चाय में विभिन्न प्रकार के फ्लेवोनोइड प्रचुर मात्रा में होते हैं।
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फ्लेवोनोइड के प्रमुख प्रकार और उनके खाद्य स्रोत निम्न हैं: (flavonoids classification)
फ्लेवोनोल्स (Flavonols)
आहार में फ्लेवोनोइड्स का सबसे प्रचुर स्रोत फ्लेवोनोल्स में मुख्य रूप से केम्पफेरोल (kaempferol), क्वेरसेटिन (quercetin), मायरिकेटिन (myricetin) और फिसेटिन (fisetin) शामिल हैं। ये यौगिक जैतून का तेल, जामुन, प्याज, केल, अंगूर, टमाटर, रेड वाइन और चाय में पाए जाते हैं।
फ्लेवोन्स (Flavones)
फ्लेवोन Flavonoids का एक वर्ग है, जो खाद्य पदार्थों में व्यापक रूप से मौजूद हैं, मुख्य रूप से मसालों और कुछ पीले या नारंगी फलों और सब्जियों में। अजमोद, पार्सले, पुदीना, अजवाइन और कैमोमाइल फ्लेवोन यौगिक के प्रमुख खाद्य स्रोत हैं। प्रमुख फ्लेवोन में शामिल हैं: एपिजेनिन, ल्यूटोलिन, क्रिसिन (Chrysin)।
फ्लेवनॉल्स (Flavanols)
Flavan-3-ol या फ्लेवनॉल्स उपवर्ग में कैटेचिन (catechins) जैसे- एपिकैटेचिन और एपिगैलोकैटेचिन शामिल हैं, जो काली, हरी और ऊलोंग (oolong) चाय में उच्च सांद्रता में पाए जाते हैं। फ्लेवनॉल्स कोको, सेब, अंगूर और रेड वाइन में भी मौजूद होते हैं।
फ्लेवनोन्स (Flavanones)
खट्टे फलों में पाए जाने वाले फ्लेवनोन संतरे, नींबू और अन्य फलों के छिलकों के कड़वे स्वाद के लिए जिम्मेदार होते हैं। फ्लेवनोन उपसमूह में हेस्पेरिटिन (hesperitin), नारिंगेनिन (naringenin) और एरियोडिक्ट्योल (eriodictyol) शामिल हैं।
आइसोफ्लेवोन्स (Isoflavones)
फ्लेवोनोइड्स के समूह में शामिल सबसे प्रसिद्ध आइसोफ्लेवोन्स जेनिस्टिन (genistin) और डेडजिन (daidzin) हैं, जो सोयाबीन और सोया उत्पादों में पाए जाते हैं।
एंथोसायनिडिन्स (Anthocyanidins)
अधिकांश लाल, नीले या बैंगनी फल और सब्जियाँ अपना रंग एंथोसायनिडिन से प्राप्त करते हैं। क्रैनबेरी, स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी, ब्लैकबेरी, अंगूर और रेड वाइन में साइनाइडिन (cyanidin), डेल्फ़िनिडिन (delphinidin) और पेओनिडिन (peonidin) जैसे एंथोसायनिडिन यौगिक मौजूद होते हैं।
पौधों में फ्लेवोनोइड्स के कार्य – Functions of Flavonoids in Plants in Hindi
फ्लेवोनोइड पौधों में संक्रमण को रोकने, सूरज की तेज रोशनी और पर्यावरणीय तनाव से बचाने तथा परागण के लिए कीड़ों को अपनी ओर आकर्षित करने में मदद करने के लिए मौजूद होते हैं। वे कई गहरे रंग के फलों और सब्जियों, जैसे कि जामुन, चेरी और टमाटर के रंग के लिए भी जिम्मेदार हैं।
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फ्लेवोनोइड्स के लाभ – Benefits and Uses of Flavonoids in Hindi
इन यौगिकों ने अपने संभावित स्वास्थ्य लाभों के कारण सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। शोध से पता चलता है कि फ्लेवोनोइड में एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीवायरल और कैंसर विरोधी गुण हो सकते हैं। वे हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने, इम्यूनिटी बढ़ाने और पूरी तरह शरीर को स्वस्थ रखने में भी मदद कर सकते हैं। शायद फ्लेवोनोइड्स का सबसे महत्वपूर्ण लाभ एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करने की उनकी क्षमता है। खाद्य पदार्थ के रूप में फ्लेवोनोइड्स के फायदे निम्न हैं:
- मस्तिष्क स्वास्थ्य – फ्लेवनॉल्स पर कई अध्ययनों से पता चलता है कि वह मस्तिष्क कोशिकाओं की क्षति को कम कर सकते हैं और मनुष्यों में मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकते हैं।
- डायबिटीज – फ्लेवोनोइड्स से भरपूर आहार का सेवन टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को कम करता है। प्रतिदिन 300 मिलीग्राम फ्लेवोनोइड के सेवन से डायबिटीज का खतरा 5% कम हो जाता है।
- दिल की बीमारी – Flavonoids के कुछ वर्ग, विशेष रूप से फ्लेवोनोल्स, एंथोसायनिडिन, फ्लेवोन, फ्लेवेनोन और Flavan-3-ol का सेवन हृदय रोग के जोखिम काफी कम कर सकते हैं।
- कैंसर की रोकथाम – एक स्टडी में कुछ Flavonoids ने कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोककर संभावित कैंसर विरोधी प्रभावों का प्रदर्शन किया है।
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