हृदय की कार्य विधि और कार्डियक साइकिल - Heart Function and Cardiac Cycle in Hindi

हृदय की कार्य विधि और कार्डियक साइकिल – Heart Function and Cardiac Cycle in Hindi

कार्डियक साइकिल या हृदय चक्र, एक heartbeat को पूर्ण करने (अर्थात हृदय में रक्त भरने और बाहर निकालने की प्रक्रिया) के दौरान हृदय में होने वाली सभी क्रमबद्ध घटनाओं को संदर्भित करता है। कार्डियक साइकिल में आलिंद और निलय में संकुचन (सिस्टोल) और विश्राम (डायस्टोल) जैसे चरण शामिल होते हैं। इस आधार पर हृदय चक्र में कई चरण होते हैं, जो हृदय के इलेक्ट्रिक सिस्टम द्वारा काम करते हैं। Cardiac Cycle शरीर के बाकी हिस्सों में रक्त परिसंचरण को सुनिश्चित करता है। आइए हृदय चक्र या कार्डियक साइकिल क्या है, इसके चरण और कार्यविधि को विस्तार से जानते हैं:

हृदय के माध्यम से रक्त का परिसंचरण – Blood Circulation Through the Heart in Hindi

हृदय के माध्यम से रक्त परिसंचरण - Blood Circulation Through the Heart in Hindi

हृदय के माध्यम से रक्त का परिसंचरण एक विशिष्ट दिशा में होता है। ब्लड फ्लो अर्थात रक्त परिसंचरण के निम्न दो भाग होते हैं:

1. ऑक्सीजन रहित रक्त प्रवाह (Deoxygenated Blood Flow)

हृदय में रक्त प्रवाह के प्रथम भाग में अशुद्ध रक्त शरीर से दाएं आलिंद में प्रवेश करता है। tricuspid valve से होकर दाएं निलय में जाता है। दाएं निलय से ऑक्सीजन रहित रक्त (अशुद्ध रक्त) pulmonary valve के माध्यम से पल्मोनरी धमनी में पंप किया जाता है और ऑक्सीजनेशन के लिए फेफड़ों में भेजा जाता है।

2. ऑक्सीजन युक्त रक्त प्रवाह (Oxygenated Blood Flow)

सर्वप्रथम ऑक्सीजन युक्त शुद्ध रक्त फेफड़ों से बाएं आलिंद में वापस आता है। फिर माइट्रल वाल्व (mitral valve) से होकर बाएं निलय में जाता है। बाएं निलय से शुद्ध रक्त को महाधमनी वाल्व (aortic valve) के माध्यम से महाधमनी (aortic) में पंप किया जाता है और पूरे शरीर में वितरित किया जाता है।

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हृदय की कार्य विधि और कार्डियक साइकिल – Heart Function and Cardiac Cycle in Hindi

हृदय की कार्य विधि और हृदय चक्र - Heart Function and Cardiac Cycle in Hindi

हृदय चक्र के चरण – Phases of the Cardiac Cycle

कार्डियक साइकिल (Cardiac Cycle) में मुख्य 2 चरण होते हैं: सिस्टोल और डायस्टोल।

  1. सिस्टोल (Systole): संकुचन का चरण (phase of contraction)। यह तब होता है जब हृदय की मांसपेशी सिकुड़ती है और निलय (ventricle) पल्मोनरी धमनी या महाधमनी में रक्त पंप करते हैं।
  2. डायस्टोल (Diastole): विश्राम का चरण (phase of relaxation)। यह वह चरण है जब हृदय की मांसपेशी शिथिल हो जाती है और हृदय के कक्ष ब्लड से भर जाते हैं।

यह चक्र (कार्डियक साइकिल) निरंतर चलते रहते हैं और पूरे शरीर में रक्त का प्रवाह बना रहता है।

दिल के दायें भाग की कार्यविधि – Right Side of Heart Function in Hindi   

शरीर में उपस्थित अशुद्ध रक्त (ऑक्सीजन रहित रक्त), शरीर की सबसे बड़ी शिराओं वेना कावा (Vena Cava) के माध्यम से दाहिने आलिंद (right atrium) में प्रवेश करता है। रक्त से भरने के बाद दायां आलिंद सिकुड़ता है और रक्त को दाएं निलय में पंप करता है। जब दाएं निलय में रक्त भर जाता है तब पल्मोनरी वाल्व खुलता है, और अशुद्ध रक्त को ऑक्सीजन युक्त शुद्ध रक्त में बदलने के लिए पल्मोनरी धमनी (pulmonary artery) के माध्यम से फेफड़ों तक पहुँचाया जाता है।

दिल के बाएं भाग की कार्यविधि – Left Side of Heart Function in Hindi

फेफड़ों से ऑक्सीजन युक्त शुद्ध रक्त पल्मोनरी शिरा (pulmonary vein) के माध्यम से दिल के बाएं भाग में उपस्थित बाएं आलिंद (left atrium) में पहुँचता है। बाएं आलिंद के सिकुड़ने से रक्त को बाएं निलय में धकेल दिया जाता है। जब बायां निलय रक्त से पूरी तरह से भर जाता है, तब महाधमनी वाल्व (Aortic valve) खुलता है और शुद्ध रक्त को महाधमनी (aorta) के माध्यम से पूरे शरीर में भेज दिया जाता है।

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