बीज अंकुरण क्या है, जानें सीड जर्मिनेशन के प्रकार और प्रक्रिया – Seed Germination Types And Process In Hindi

बीज अंकुरण क्या है? जाने इसके विभिन्न प्रकार और प्रक्रिया - Seed Germination Types And Process In Hindi

बीज अंकुरण क्या है, जानें सीड जर्मिनेशन के प्रकार और प्रक्रिया – Seed Germination Types And Process In Hindi

Seed Germination Types And Process In Hindi: पेड़-पौधे लगाना हर किसी का शौक होता है, कुछ लोग कटिंग के जरिए तो कुछ बीज के माध्यम से पौधे उगाते हैं, और अपने घर के बगीचों को सजाते हैं। ऐसे में जब हम इन पौधों को बढ़ते हुए देखते हैं, तो वाकई खुशी होती है, और आश्चर्यजनक भी लगता है। हालाँकि एक छोटे बीज से एक बड़े पेड़ बनने तक के इस सफर में बहुत समय लगता है, जिसमें उन्हें सही परिस्थितियाँ प्रदान करने की आवश्यकता होती है। बीज अंकुरण के कई प्रकार होते हैं, जो आमतौर पर बीज के आकार पर निर्भर करते हैं। तो आइए आज हम सीड जर्मिनेशन प्रक्रिया को आसान शब्दों में समझेंगे, जिसमें बीज अंकुरण के प्रकार, पौधे बनने की प्रक्रिया और जरूरी परिस्थितियां शामिल है।

बीज अंकुरण क्या है? – What Is Seed Germination In Hindi

बीज अंकुरण क्या है? - What Is Seed Germination In Hindi?

बीज अंकुरण एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से एक सुप्त बीज एक नए पौधे में बदल जाता है। जर्मिनेशन प्रक्रिया पौधों के जीवन चक्र की शुरुआत का प्रतीक है, जो विभिन्न पौधों की प्रजातियों की निरंतरता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। बीज से पौधे के निर्माण में एक लंबी प्रक्रिया शामिल होती है और यह हवा, पानी, मिट्टी जैसे विभिन्न कारकों से प्रभावित होती है, जिससे अलग-अलग प्रकार के अंकुरण होते हैं।

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बीज अंकुरण के प्रकार – Different Types of Seed Germination In Hindi

बीज अंकुरण के प्रकार - Different Types of Seed Germination In Hindi

बीज का अंकुरण पौधे के जीवन की एक जादुई शुरुआत है, जो विभिन्न रूपों में प्रकट होता है। बीजपत्रों (cotyledons) के ऊपर अंकुर के तने के भाग को एपिकोटाइल (epicotyl) और बीजपत्रों के नीचे के भाग को हाइपोकोटिल (hypocotyl) कहा जाता है। तो आइए इन सीड जर्मिनेशन के प्रकार पर विस्तार से नज़र डालें, जिनमें से प्रत्येक की अपनी अनूठी विशेषताएं हैं:

1) एपिजील अंकुरण (Epigeal Germination In Hindi)

एपिजील अंकुरण एक विशेष प्रक्रिया है, जिसमें द्विबीजपत्री पौधों में बीज अंकुरण के समय बीजपत्र (cotyledons) को मिट्टी से बाहर धकेला जाता है। एपिजील अंकुरण एक गतिशील प्रक्रिया है, क्योंकि यहाँ पौधा साहसपूर्वक ऊपर की ओर बढ़ता जाता है, यह आमतौर पर बीजपत्र के नीचे के भाग हाइपोकोटिल (hypocotyl) की तीव्र वृद्धि और लम्बाई के कारण होता है। एपिजील अंकुरण में सूरजमुखी, अरंडी और बीन जैसे बीज शामिल है।

2) हाइपोजियल अंकुरण (Hypogeal Germination In Hindi)

हाइपोजियल अंकुरण में, बीजपत्र मिट्टी की सतह के नीचे रहते हैं। बीज ज़मीन के अंदर रहता है और उभरता हुआ अंकुर एपिकोटाइल (बीजपत्रों के ऊपर का हिस्सा) ऊपर की ओर बढ़ता है। जिससे पहली सच्ची पत्तियां और तना जमीन से ऊपर ग्रो होता है। इस प्रकार का जर्मिनेशन आमतौर पर मटर, मक्का, घासों और छोटे पौधों में देखा जाता है।

3) जरायुजी/विविपेरस अंकुरण (Viviparous Germination In Hindi)

विविपेरस अंकुरण एक विशेष प्रकार का अंकुरण है, जिसमें बीज फल के अंदर अंकुरित होता है, जबकि यह अभी भी मूल पौधे से जुड़ा होता है। एक बार जब बीज अंकुरित हो जाते हैं, तो अंकुरों को मिट्टी में गिरा दिया जाता है, जिससे उनकी जड़ें मिट्टी में विकसित होने लगती हैं और खुद को स्थापित करने लगती हैं। यह अनोखा अंकुरण कुछ पौधों, विशेष रूप से मैंग्रोव पौधों (mangrove plants) तथा कुछ सकुलेंट पौधों में देखा जाता है, जहां बीज अलग होने से पहले अंकुर में विकसित होते हैं।

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बीज अंकुरण की प्रक्रिया – Process Of Seed Germination In Hindi

बीज अंकुरण के प्रकार और प्रक्रिया - Process Of Seed Germination

बीज अंकुरण एक अद्भुत प्रक्रिया है, जहाँ से एक पौधे का जीवन शुरू होता है। बीज से पौधे तक की इस यात्रा में क्रमिक चरणों की एक श्रृंखला शामिल होती है। तो आइए बीज अंकुरण प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानें:

अंकुरण (Sprout/germination):

जब हम बीज को मिट्टी या अन्य माध्यम में बोते हैं, तब अंकुरण प्रक्रिया बीज द्वारा पानी के अवशोषण से शुरू होती है। यह बीज के अंदर एंजाइम (enzymes) और चयापचय (metabolic) प्रक्रियाओं को सक्रिय करता है, सुप्तता को तोड़ता है और विकास शुरू करता है।

सीडलिंग/अंकुर (Seedling):

जैसे ही बीज पानी को सोखता है, वह फूल जाता है और बाहरी बीज का आवरण फट जाता है। एक छोटा अंकुर, जिसे रेडिकल (radicle) के नाम से जाना जाता है, पहले निकलता है, उसके बाद प्लम्यूल (plumule) निकलता है, जो पौधे के प्ररोह प्रणाली (shoot system) में विकसित होगा। इस शुरुआती अवस्था को अंकुरण कहा जाता है। सरल शब्दों में कहें तो अंकुरण वह प्रक्रिया है, जिसमें एक नया पौधा बीज से निकलकर मिट्टी की सतह पर आता है।

वनस्पति (Vegetation):

जब सीडलिंग विकसित होकर एक छोटा पौधा बनता है, उसे वनस्पति कहते हैं। यह वह अवस्था है, जहाँ सीडलिंग पत्तियां, तना और जड़ें पैदा करना शुरू कर देती है। इस चरण के दौरान पौधे में महत्वपूर्ण वृद्धि होती है।

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बडिंग (Budding):

पत्तियों के बढ़ने से लेकर कलियाँ बनने तक की प्रक्रिया को बडिंग कहा जाता है, जिसके लिए पौधे में फास्फोरस की अधिक आवश्यकता होती है।

फ्लावरिंग (Flowering):

यह वो अवस्था है, जब पौधे पर फूल और फल बनने शुरू हो जाते हैं। यह एक महत्वपूर्ण चरण है, जहां परागण और निषेचन होता है, जिससे बीज का उत्पादन होता है।

पकना (Ripening):

पौधों के जीवन चक्र का अंतिम चरण पकने का चरण होता है, जहां पौधा परिपक्व होता है, और बीज पूर्ण विकास तक पहुंचते हैं। जब फूल और फल पूरी तरह पकने के कगार पर आ जाते हैं, तो उन्हें एक या दो सप्ताह तक किसी पोषक तत्व की आवश्यकता नहीं होती है।

बीजों के अंकुरण के लिए आवश्यक परिस्थितियाँ – Conditions Necessary For Seed Germination In Hindi

बीजों के अंकुरण के लिए आवश्यक परिस्थितियाँ - Conditions Necessary For Seed Germination In Hindi

यदि आप सफल बीज अंकुरण चाहते हैं तो आपको इन शर्तों को जानना और पूरा करना होगा, ताकि आप सफल बागवानी कर सकें।

  • पानी: एंजाइमों और चयापचय प्रक्रियाओं को सक्रिय करने, निष्क्रियता को तोड़ने और अंकुरण प्रक्रिया शुरू करने के लिए पर्याप्त नमी आवश्यक है। अंकुरण प्रक्रिया के लिए पानी प्राथमिक आवश्यकता है।
  • मिट्टी: मिट्टी या ग्रोइंग मीडियम की संरचना और बनावट बीज के अंकुरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। पौधे आमतौर पर अच्छी जल निकासी वाली और पोषक तत्वों से भरपूर मिट्टी पसंद करते हैं।
  • तापमान: बीज बोने से पहले अपने क्षेत्र का तापमान जान लें, क्योंकि अंकुरण के लिए इष्टतम तापमान सीमा महत्वपूर्ण है। विभिन्न पौधों की प्रजातियों के बीजों का अंकुरण, अलग-अलग तापमान पर होता है।
  • प्रकाश: बीज अंकुरण में प्रकाश एक महत्वपूर्ण कारक है, हालाँकि विभिन्न पौधों की प्रजातियों में इसकी आवश्यकताएँ अलग-अलग होती हैं। कुछ बीजों को अंकुरित होने के लिए प्रकाश की आवश्यकता होती है, जबकि अन्य को अंधेरा पसंद होता है।

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उम्मीद है, आपको यह पोस्ट पसंद आई होगी, जहां हमने बीज अंकुरण क्या है, जर्मिनेशन के प्रकार और बीज अंकुरण की प्रक्रिया के बारे में चर्चा की है। लेख को अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ साझा करें और इस पोस्ट से संबंधित कोई भी प्रश्न या सुझाव को हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर ज़रूर बताएं।

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