थायराइड उत्तेजक हार्मोन क्या है, TSH टेस्ट रिजल्ट और नॉर्मल रेंज – TSH Test Results and Normal Range in Hindi
tsh test in hindi: हाइपोथायरायडिज्म (अंडरएक्टिव थायराइड) तथा हाइपरथायरायडिज्म (ओवरएक्टिव थायराइड) जैसी समस्याओं की जांच करने के TSH टेस्ट किया जाता है। इस परीक्षण द्वारा यह पता लगाया जा सकता है कि थायराइड ग्रंथि सही तरीके से काम कर रही है या नहीं। थायराइड-उत्तेजक हार्मोन (TSH) का नॉर्मल लेवल 0.4 से 4.0 मिली यूनिट प्रति लीटर (mU/L) के बीच होता है। जब टीएसएच का स्तर सामान्य स्थिति कम या ज्यादा हो जाता है, तो इसके परिणामस्वरूप मांसपेशियों, श्वास, शरीर के तापमान से संबंधित अनेक समस्याएँ उत्पन्न हो सकती है। आज के इस लेख में आप जानेंगे कि थायराइड स्टिमुलेटिंग हार्मोन क्या है, tsh normal range in hindi, TSH टेस्ट के रिजल्ट और सामान्य प्रश्न-उत्तर के बारे में।
थायराइड उत्तेजक हार्मोन क्या है – TSH kya hota hai in Hindi
थायराइड उत्तेजक हार्मोन (TSH) का उत्पादन पिट्यूटरी ग्रंथि द्वारा किया जाता है। यह थायराइड द्वारा जारी हार्मोन की मात्रा को विनियमित करने के लिए जिम्मेदार है। अर्थात TSH, थायराइड ग्रंथि को उत्तेजित कर थायरॉइड हार्मोन के उत्पादन को बनाये रखने और नियंत्रित करने का काम करता है। थायराइड, गले की एक छोटी तितली (butterfly) के आकार की ग्रंथि होती है, जो थायराइड हार्मोन रीलीज करती है। यह मुख्य रूप से तीन प्रकार के प्राथमिक हार्मोन बनाती है:
- ट्राईआयोडोथायरोनिन (T3) (triiodothyronine)
- थायरोक्सिन (T4) (thyroxine)
- कैल्सीटोनिन (calcitonin)
यह हार्मोन चयापचय और अन्य शारीरिक कार्यों को नियंत्रित करते हैं।
यदि पिट्यूटरी ग्रंथि अधिक TSH का उत्पादन करती है, तो थायरॉयड भी अधिक हार्मोन का उत्पादन करेगा। अतः थायराइड हार्मोन का सही मात्रा में उत्पादन हो रहा है या नहीं, इसका पता TSH की मात्रा द्वारा लगाया जा सकता है और इसका निर्धारण करने के लिए TSH टेस्ट आवश्यक है।
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टीएसएच टेस्ट क्यों किया जाता है – Why do I need a TSH Test in Hindi
थायराइड रोगों का पता लगाने के लिए TSH टेस्ट किया जाता है। यदि कोई व्यक्ति थायरॉयड रोग से सम्बंधित लक्षणों का अनुभव कर रहा है, तो डॉक्टर द्वारा रोग की जानकारी के लिए टीएसएच टेस्ट की सिफारिस की जाती है। थायराइड रोगों को हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) या हाइपरथायरायडिज्म (hyperthyroidism) दो प्रकार में बांटा गया है।
हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism in Hindi)
हाइपोथायरायडिज्म को अंडरएक्टिव थायरॉयड की स्थिति के रूप में भी जाना जाता है। इससे सम्बंधित रोग में थायराइड ग्रंथि बहुत कम मात्रा में हार्मोन का उत्पादन करती है, जिससे मेटाबोलिज्म धीमा हो जाता है। थकान होना, कमजोरी आना और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई जैसे लक्षण इस स्थिति में महसूस किये जा सकते हैं।
अंडरएक्टिव थायरॉयड या हाइपोथायरायडिज्म से सम्बंधित सामान्य रोगों में निम्न शामिल हैं:
- हाशिमोटो डिजीज (Hashimoto’s disease) – एक ऑटोइम्यून डिजीज।
- थायरोडिटिस (Thyroiditis) – थायरॉयड ग्रंथि की सूजन।
- पोस्टपार्टम थायरॉइडाइटिस (Postpartum thyroiditis)
- आयोडीन की कमी (Iodine deficiency), इत्यादि।
हाइपरथायरायडिज्म (hyperthyroidism in Hindi)
हाइपरथायरायडिज्म को ओवरएक्टिव थायराइडएक के रूप में भी जाना जाता है, इससे सम्बंधित रोग में थायरॉयड ग्रंथि बहुत अधिक मात्रा में हार्मोन का उत्पादन करती है, जिससे मेटाबोलिज्म फास्ट हो जाता है। चिंता, भूख और सोने में कठिनाई आदि हाइपरथायरायडिज्म के सामान्य लक्षण है। हाइपरथायरायडिज्म से सम्बंधित सामान्य रोगों में निम्न शामिल हैं:
- थायराइडाइटिस (Thyroiditis)
- ग्रेव्स रोग (Graves’ disease)
- थायराइड नोड्यूल (Thyroid nodules)
- शरीर में बहुत अधिक आयोडीन होना।
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थायराइड उत्तेजक हार्मोन (टीएसएच) टेस्ट – TSH Test Kya Hota Hai in Hindi
TSH टेस्ट एक प्रकार का ब्लड टेस्ट है, जिसमें TSH के स्तर की जाँच की जाती है। इस टेस्ट के रिजल्ट के आधार पर आगे अन्य परीक्षण भी किये जा सकते हैं, जैसे:
- T4 टेस्ट
- T3 टेस्ट
- TSH रिसेप्टर एंटीबॉडी
- एंटी TPO टेस्ट, इत्यादि।
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TSH टेस्ट के रिजल्ट – Thyroid Stimulating Hormone Test Results in Hindi
थाइरोइड उत्तेजक हार्मोन की नॉर्मल रेंज 0.4 से 4.0 मिली-इंटरनेशनल यूनिट प्रति लीटर (mIU/L) है। जब थायराइड ग्रंथि कम मात्रा में हार्मोन बनाती है, तो उसे उत्तेजित करने के लिए TSH का स्तर बढ़ जाता है। इसी तरह यदि थायराइड ग्रंथि अधिक मात्रा में हार्मोन बनाती है, तो शरीर में TSH का उत्पादन कम हो जाता है जिससे थायराइड हार्मोन की अधिक मात्रा को नियंत्रित किया जा सके। अतः TSH टेस्ट के रिजल्ट के आधार पर हाइपोथायरायडिज्म और हाइपरथायरायडिज्म की स्थिति का पता लगाया जा सकता है।
क्या होता अगर TSH स्तर उच्च है – High TSH Levels in Hindi
टेस्ट से प्राप्त TSH का उच्च स्तर हाइपोथायरायडिज्म या एक अंडरएक्टिव थायरायड की स्थिति का संकेत है। इस स्थिति में थायराइड ग्रंथि पर्याप्त हार्मोन का उत्पादन नहीं करती है। TSH टेस्ट का उच्च स्तर निम्न स्थितियों या रोगों की ओर संकेत करता है, जैसे:
- प्रेगनेंसी
- आयोडीन की कमी (Iodine deficiency)
- हाशिमोटो डिजीज (Hashimoto’s disease)
- थायरॉयडिटिस (Thyroiditis)
- पोस्टपार्टम थायरॉयडिटिस (Postpartum thyroiditis)
क्या होता अगर TSH स्तर कम है – Low TSH Levels in Hindi
यदि टीएसएच टेस्ट द्वारा प्राप्त होने वाला TSH का लो लेवल हाइपरथायरायडिज्म या एक ओवरएक्टिव थायराइड का संकेत होता है। इस स्थिति में पिट्यूटरी ग्रंथि द्वारा TSH का उत्पादन कम होता है, क्योंकि थायरॉयड ग्रंथि बहुत अधिक t3, t4 हार्मोन का उत्पादन कर रही होती है। अगर TSH का स्तर कम है तो वह निम्न स्थितियों या रोगों की ओर संकेत करता है:
- उच्च आयोडीन स्तर
- ग्रेव्स रोग (Graves’ disease)
- थायराइडाइटिस (Thyroiditis)
- थायराइडनोड्यूल (Thyroid nodules), इत्यादि।
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FAQ TSH Test in Hindi
Q1. t3 और t4 सामान्य है, लेकिन tsh अधिक है, तो क्या होगा?
उत्तर: यदि t3 और t4 थायराइड हार्मोन का स्तर सामान्य सीमा के भीतर है, लेकिन tsh स्तर अधिक है, तो इसका मतलब है कि आपकी थायरॉयड ग्रंथि पिट्यूटरी ग्रंथि के संकेतों पर ठीक से काम नहीं कर रही है। इस स्थिति को प्राथमिक हाइपोथायरायडिज्म के रूप में जाना जाता है। यह अंतर्निहित स्थितियों के कारण थायरॉयड ग्रंथि की शिथिलता, दवाओं का प्रभाव या पिट्यूटरी ग्रंथि विकारों जैसे अन्य कारकों के कारण हो सकता है।
Q2. क्या दूध उच्च tsh स्तर के लिए अच्छा है?
उत्तर: दूध का टीएसएच टेस्ट के स्तर पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ता है। हालाँकि, आयोडीन थायरॉइड फ़ंक्शन के लिए आवश्यक है, और दूध सहित अन्य डेयरी उत्पाद आयोडीन का एक अच्छा स्रोत हो सकते हैं। यदि आयोडीन की कमी के कारण TSH का स्तर उच्च है, तो अपने आहार में आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे डेयरी उत्पाद, समुद्री भोजन और आयोडीन युक्त नमक को शामिल करना फायदेमंद हो सकता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि अत्यधिक आयोडीन का सेवन थायराइड ग्रंथि के कार्यों पर नकारात्मक प्रभाव भी डाल सकता है।
Q3. TSH टेस्ट के उच्च स्तर को प्राकृतिक रूप से कैसे सामान्य करें?
उत्तर: विशिष्ट आहार और जीवनशैली में बदलाव थायराइड को अच्छी तरह से कार्य करने के लिए फायदेमंद हो सकते, लेकिन थायराइड से संबंधित रोगों में TSH के स्तर को सामान्य करने के लिए अकेले प्राकृतिक उपचार पर्याप्त नहीं हो सकते हैं। हालाँकि, एक स्वस्थ जीवनशैली (जैसे- आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर संतुलित आहार का सेवन, तनाव के स्तर को कम करना, नियमित व्यायाम करना, पर्याप्त नींद लेना और धूम्रपान – शराब के अत्यधिक सेवन से बचना इत्यादि) चिकित्सा उपचार के लिए फायदेमंद होती है।
Q4. क्या TSH को बिना दवा के ठीक किया जा सकता है?
उत्तर: थायराइड की स्थिति के उचित निदान, उपचार और स्थिति की निगरानी के लिए डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है। जब कम सक्रिय थायरॉयड (हाइपोथायरायडिज्म) के कारण TSH टेस्ट का स्तर उच्च होता है, तब इस स्थिति में प्रभावी इलाज के लिए दवा लेना आमतौर पर आवश्यक है।
Q5. थायराइड के लिए कौन सा फल सबसे अच्छा है?
उत्तर: हालाँकि कोई भी विशिष्ट फल थायराइड विकारों को ठीक नहीं कर सकता है। विभिन्न प्रकार के फलों को अपने संतुलित आहार में शामिल करने से थायराइड ग्रंथि को स्वस्थ रखने में सहायता मिल सकती है। उदाहरणों में बेरी (जैसे ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी और रसभरी), खट्टे फल (जैसे संतरे और नींबू), और उष्णकटिबंधीय फल (जैसे पपीता और अनानास) थायराइड स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं।
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