होम गार्डन या बालकनी गार्डन एक ऐसा स्थान होता है जहाँ लोग बैठकर अपना खाली समय बिताते हैं, जहाँ बैठकर वह शाम की चाय की चुश्कियाँ लेकर अपनी थकान और स्ट्रेस को दूर करते हैं।
गार्डन या घरों में सुगंधित पौधों को उगाना एक अलग ही अनुभव हो सकता है। यह पौधे खुशबूदार वातावरण बनाने के साथ आपके घर में कुछ हरियाली भी जोड़ते हैं।
अगर आप अपने गार्डन या घर की बालकनी में पौधों की नेचुरल सुगंध भरना चाहते हैं तो हम आपको कुछ खुशबूदार पौधों के बारे में बताएंगे, जिन्हें आप पॉट में लगा सकते हैं:-
मोगरा अपनी मीठी खुशबू और सफेद फूलों के लिए जाना जाता है। यह फूल पवित्रता, प्रेम और आध्यात्मिकता का प्रतीक है, इसे आप अपने गार्डन में लगा सकते हैं।
पुदीना में ठंडी और ताजगी भरी खुशबू होती है। यह एक हार्ड जड़ी बूटी है जो नम मिट्टी को पसंद करती है और आंशिक छाया या पूर्ण सूर्य के प्रकाश को सहन कर सकती है।
खाना पकाने में व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली लेमनग्रास में एक ताज़ा नींबू जैसी सुगंध होती है। यह फुल सनलाइट में अच्छी तरह से बढ़ता है।
स्वीट एलिसम में छोटे, मीठी महक वाले फूल होते हैं। यह कम उगने वाला पौधा है, जो अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी और आंशिक धूप में अच्छी ग्रोथ करता है।
गार्डेनिया, जिसे गंधराज भी कहा जाता है, इस पौधे में मीठी खुशबू वाले बड़े, सफेद फूल होते हैं, जो बगीचों में सुंदरता जोड़ते हैं। यह पौधा आंशिक धूप में ग्रोथ करता है।
केवड़ा या केतकी अपने सुगंधित सफेद फूलों के लिए जाना जाता है। यह अच्छी जल निकास वाली मिट्टी और आंशिक धूप में उगता है और एक सुखद सुगंध देता है।
रातरानी, जिसे नाइट ब्लूमिंग जैस्मिन भी कहा जाता है, इसके फूल स्टार शेप के और मीठी खुशबू वाले होते हैं। यह फूल रात में खिलते हैं और रात में ही खुशबू बिखेरते हैं।
चंपा के फूलों में तेज़ और मनमोहक गंध होती है इसे आप अपने गार्डन में लगा सकते हैं। इन फूलों का उपयोग धार्मिक कार्यों में भी किया जाता है।
रजनीगंधा में तेज़, मीठी सुगंध और सुंदर फूल होते हैं। यह बेहतर ड्रेनेज वाली मिट्टी और मध्यम मात्रा में पानी मिलने पर ग्रोथ करता है।
गुलाब के फूल कई रंगों में खिलते हैं और इनमें हल्की खुशबू होती है। पौधे में अधिक फूल खिलने के लिए पूरे दिन धूप और समय समय पर प्रूनिंग की ज़रूरत होती है।
चमेली के सुंदर सफेद रंग के फूलों में भीनी-भीनी खुशबू होती है, जिसकी देखभाल करना आसान है। इसे 6 से 8 घंटे की धूप और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी पसंद है।