भारतीय आयुर्वेद में कुछ आयुर्वेदिक एवं औषधीय पौधे हमें स्वस्थ और ऊर्जावान बनाए रखने में काफी मदद करते हैं। इसलिए, आयुर्वेद का आज के जीवन में अधिक महत्व रखता है।
पोषक तत्वों, एंटी-बैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से समृद्ध औषधीय पौधे गले और त्वचा से संबंधित बीमारियों और कई रोगों के इलाज में सहायक होती हैं। टॉप 10 आयुर्वेदिक एवं औषधीय पौधे निम्न हैं:
मेथी जिसे दुनिया भर के शेफ Fenugreek कहते हैं। मेथी के बीज के साथ पूरा पौधा आयुर्वेदिक विज्ञान के लिए एक वरदान है। मेथी के बीज मजबूत बालों के विकास को बढ़ावा देते हैं।
कैलेंडुला या पॉट मैरीगोल्ड त्वचा उद्योग में अत्यधिक महत्व रखता है। यह मोच, घाव, डंक आदि को आसानी से ठीक कर सकता है और चाय के रूप में बुखार, ब्लड प्रेशर और पुराने संक्रमण में लाभ पहुंचता है।
कैलेंडुला
डिल एक वार्षिक हर्ब है जिसे सूप, करी और अचार में उपयोग के लिए उगाया जाता है। ताजा होने पर डिल का उपयोग करना सबसे अच्छा है क्योंकि सूखने पर इसका स्वाद चला जाता है।
औषधीय गुण वाला पौधा सेज रजोनिवृत्ति संबंधी समस्याओं, और बांझपन जैसी बीमारियों में फायदेमंद है। यह मूड बूस्टर करने, पाचन तंत्र बेहतर बनाने से लेकर योनि संबंधी समस्याओं के लिए लाभप्रद है।
आयुर्वेद जगत में प्राचीन, अश्वगंधा विभिन्न लाभों जैस इम्युनिटी बढ़ाने, कोलेस्ट्रॉल स्तर को बेहतर बनाने, चिंता और तनाव को कम करने, आँख और मस्तिष्क स्वस्थ के लिए उपयोगी है।
यह फूलदार जड़ी-बूटी आयुर्वेदिक एवं औषधीय विज्ञान में काफी लोकप्रिय है। कैमोमाइल चाय पाचन, आराम और नींद को बढ़ावा देती है तथा दांतों, कानों से संबंधित दर्द का इलाज करने में सहायक है।
कैमोमाइल
शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद एक जड़ी-बूटी, लैवेंडर खूबसूरत खुशबूदार पौधा है। इसके फूलों को सलाद, नींबू पानी या आहार में शामिल किया जा सकता है।
विश्व स्तर पर अपना आयुर्वेदिक और औषधीय महत्व रखने वाली तुलसी, गंभीर खांसी और सर्दी को दूर करने में प्रभावी होती है। यह पौधा मलेरिया, सिरदर्द, अनिद्रा, सांस की बीमारियों आदि को ठीक कर सकता है।
तुलसी
जिनसेंग ऊर्जा, सेक्स ड्राइव को बढ़ावा देता है और शरीर को संतुलित रखता है। हालाँकि अभी इसके कुछ लाभों पर रिसर्च होना बाकी है। मधुमेह वाले लोगों को जिनसेंग का उपयोग नहीं करना चाहिए।