सैकड़ो वर्षों तक  जीवों के मृत शरीर को  खराब होने से बचाती है शराब

आपने जीव विज्ञान की प्रयोगशाला में जीवों के नमूनों को एक तरह के घोल में रखा देखा होगा। दरअसल जीवों के मृत शरीर को खराब होने से बचाने के लिए उच्च सांद्रता वाली अल्कोहल का उपयोग होता है।

लेकिन शराब इतनी अच्छी तरल परिरक्षक (fluid preservative) क्यों होती है? यह सैकड़ो वर्षों तक मृत शरीर, पौधे या अन्य उतक के नमूनों को कैसे संरक्षित रख सकती है? आइये जानते है:

शराब या अल्कोहल, रोगाणुओं के प्रति विषाक्त होने के कारण, वर्षों तक बैक्टीरिया को बढ़ने और पेय को खराब करने से रोकती है।

कार्बनिक पदार्थों जैसे डीएनए, ऊतक या यहां तक ​​कि मृत जानवर के पूरे शरीर को संरक्षित करने के लिए उच्च अल्कोहल सांद्रता (विशेष रूप से इथेनॉल) की आवश्यकता होती है।

अधिकांश द्रव-संरक्षित नमूनों में पहले फॉर्मेलिन इंजेक्ट किया जाता है, जो प्रोटीन को टूटने से रोकता है, और कोशिका सामग्री को अघुलनशील पदार्थों में जमा देता है।

दिलचस्प बात यह है कि, जैविक नमूनों को संरक्षित करने के लिए उपयोग किये जाने वाले तरल में अल्कोहल लगभग 70% और 30% पानी होता है।

घोल में उपस्थित 30% पानी ऊतकों को हाइड्रेटेड रखेगा, जिससे जीव या संरक्षित नमूने के आकार में विकृति नहीं आती। तथा फंगस और बैक्टीरिया के विकास को रोकने के लिए 70% अल्कोहल पर्याप्त होती है।

70% से भी अधिक सांद्रता वाले अल्कोहल, उदाहरण के लिए 95% इथेनॉल में कोशिका या ऊतक पानी की कमी के कारण कठोर प्रोटीन में परिवर्तन हो जाते हैं।

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