मानसून गार्डन में  ये टिप्स अपनाएं और देखें जादू! 

मानसून के दौरान बारिश होने के कारण गार्डन में पौधों को खास देखभाल की जरूरत होती है। तो आइये जानते हैं मानसून गार्डन में ऐसा क्या करें कि जादू देखने मिले: 

बारिश होने पर गार्डन के पौधों को बहुत ज़्यादा पानी मिलता है। जिससे जड़ें कमज़ोर होने लगती हैं। गमलों के ड्रेनेज होल चेक करें और मिट्टी में किसी रॉड या लकड़ी की मदद से छेद बना दें।

ड्रेनेज में सुधार

मानसून गार्डन में पौधों को किसी मजबूत लकड़ी या रस्सी से सहारा दें, ताकि तेज बारिश और हवाओं से पौधे टूटें ना। बेल वाली सब्जियों के लिए आप मचान बना सकते हैं।

पौधों को सहारा दें

ध्यान दें गार्डन के पौधे हवादार और रोशनी वाली जगह पर रखे हों। मानसून के दौरान हर 15-20 दिन में गमले में लगे पौधों को गोबर की खाद या वर्मीकम्पोस्ट खाद डालते रहें। 

धूप और खाद  

बारिश के मौसम में पौधों के सूखे, पीले या बिमार पत्तों, तेजी से बढ़ने वाली शाखाओं को काट दें। इससे पौधे नई ग्रोथ करते हैं और बीमारियों से बचाव होता है।

प्रूनिंग करें

मानसून के दौरान निकलने वाले कुछ कीड़े या पतंगे पौधों को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं, इनसे पौधों को बचाने के लिए हर 10 से 15 दिनों में नीम ऑइल का स्प्रे करते रहें।

कीड़ों से पौधों को बचाएं

मानसून के दौरान गार्डन में फंगल इंफेक्शन अधिक फैलता है। अतः पौधों को इससे बचाने के लिए नीम तेल या फंगल इंफेक्शन के लिए उपलब्ध दवाइयों का छिड़काव करें।

फंगल इंफेक्शन से बचाव

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