प्रकार और नॉर्मल रेंज

WBC 

By: Sourabh

WBC को शरीर का रक्षक या “बॉडीगार्ड” भी कहा जाता है। जिनका जीवन काल 2 से 4 दिनों तक का होता है।

किसी भी व्यक्ति के रक्त में श्वेत रक्त कणिकाएं (ल्यूकोसाइट) पाँच प्रकार की होती हैं, तथा प्रत्येक का एक विशेष कार्य होता है।

WBC (ल्यूकोसाइट्स) के दो प्रकार हैं- granulocyte और agranulocyte।ग्रैनुलोसाइट्स के तीन प्रकार हैं: न्यूट्रोफिल, इओसिनोफिल और बेसोफिल। इसी तरह एग्रानुलोसाइट्स के दो प्रकार हैं: लिम्फोसाइट्स और मोनोसाइट्स।

कुल WBC का 55 से 70 प्रतिशत भाग न्यूट्रोफिल का बना होता है। न्यूट्रोफिल, फंगल और बैक्टीरियल संक्रमण से लड़ने में मदद करती हैं।

न्यूट्रोफिल (Neutrophils)

लिम्फोसाइट्स WBC का दूसरा सबसे सामान्य प्रकार है। यह कोशिकाएं शरीर को वायरल संक्रमण से बचाती हैं। WBC में 22 से 44% लिम्फोसाइट पाई जाती हैं।

लिम्फोसाइट (Lymphocyte)

मोनोसाइट्स सबसे सामान्य कोशिकाएं है। यह संक्रमण से लड़ने में शरीर की मदद करती हैं। WBC में 0 से 7% मोनोसाइट्स पाई जाती हैं।

मोनोसाइट्स (Monocytes)

WBC में 0 से 4% इओसिनोफिल्स उपस्थित होती हैं। Eosinophils परजीवी (parasites) से लड़ने में मदद करती हैं, तथा एलर्जी से सुरक्षा प्रदान करती हैं।

इओसिनोफिल्स (Eosinophil)

बेसोफिल्स एलर्जी प्रतिक्रियाओं से शरीर को सुरक्षित रखने में मदद करती हैं। एक स्वस्थ व्यक्ति में 0 से 3 बेसोफिल प्रति माइक्रोलीटर रक्त में पाई जाती हैं।

बेसोफिल्स (Basophils)

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