पदार्थ की प्लाज्मा अवस्था क्या है, चौथी प्राकृतिक अवस्था – What is Plasma State of Matter in Hindi
पदार्थ की चौथी अवस्था प्लाज्मा है, जिसे अक्सर गैसों का ही एक भाग (subset of gases) माना जाता है। गैसों की तरह, प्लाज्मा का कोई निश्चित आकार या आयतन नहीं होता है, और ठोस या तरल पदार्थ की तुलना में इनका कम घनत्व होता है, फिर भी दोनों अवस्थाएँ (गैस और प्लाज्मा) बहुत अलग-अलग व्यवहार करती हैं। सामान्य गैसों के विपरीत, प्लाज्मा अवस्था आवेशित परमाणुओं से बनी है, जिनमें से कुछ या सभी इलेक्ट्रॉन, धनात्मक चार्ज परमाणु के आस-पास स्वतंत्र रूप से घूमते हैं। यदि आप विस्तार से जानना चाहते हैं कि प्लाज्मा क्या है, पदार्ध की प्लाज्मा अवस्था के उदाहरण और इसकी क्या उपयोगिता है? प्लाज्मा कहां पाया जाता है? तो लेख पूरा पढ़ें।
प्लाज्मा अवस्था के बारे में रोचक तथ्य – Some Interesting Facts About Plasma State in Hindi
- प्लाज्मा पदार्थ की चौथी अवस्था है।
- यह सुपरहीटेड पदार्थ (superheated matter) है।
- ब्रह्माण्ड में सम्पूर्ण पदार्थ का 99% भाग प्लाज्मा है।
- कॉपर की तुलना में प्लाज्मा विद्युत का बेहतर सुचालक है।
- प्लाज्मा अवस्था में पदार्थ की मात्रा ठोस, तरल या गैसीय अवस्था में मौजूद पदार्थ की तुलना में कहीं अधिक होती है।
- प्लाज्मा एक आवेशित गैस है, जिसमें मजबूत कूलम्ब बल या इलेक्ट्रोस्टैटिक इंटरैक्शन होता है।
- संपूर्ण ब्रह्मांड में पदार्थ की सबसे सामान्य प्राकृतिक अवस्था प्लाज्मा से सूर्य और तारे बनते हैं।
- पदार्थ के प्लाज्मा कणों में ऋणात्मक आवेशित इलेक्ट्रॉनों की संख्या धनात्मक आवेशित प्रोटॉन की संख्या के बराबर होती है।
- प्लाज्मा अवस्था की एक और विशेषता यह है कि उन्हें चुंबकीय क्षेत्र द्वारा अपनी जगह पर रखा जा सकता है।
- पृथ्वी स्वयं एक प्लाज़्मा में डूबी हुई है, जिसे सौर पवन कहा जाता है और आयनमंडल के रूप में एक घने प्लाज़्मा से घिरी हुई है।
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भौतकी में प्लाज्मा क्या है – What is Plasma in Science in Hindi
ठोस, तरल और गैस के बाद प्लाज्मा को “पदार्थ की चौथी अवस्था” कहा जाता है। प्लाज्मा एक विद्युत आवेशित गैस है। प्लाज्मा कणों में विद्युत आवेश होता है, तथा वह विद्युत और चुंबकीय क्षेत्रों से प्रभावित होते हैं।
प्लाज्मा अवस्था सुपरहीटेड पदार्थ (superheated matter) है, अर्थात यह इतना गर्म है कि इलेक्ट्रॉन परमाणुओं से अलग हो जाते हैं और एक आयनित गैस बनाते हैं। ब्रह्मांड के 99% से अधिक भाग में प्लाज़्मा है। सूर्य से लेकर तारों, निहारिकाओं और यहां तक कि अरोरा लाइट के रूप में भी प्लाज्मा चमकता हुआ दिखाई देता है। आकाश में चमकने वाली बिजली भी Plasma है, उसी प्रकार हमारे शहर की सड़कों पर नियॉन संकेत भी Plasma हैं। प्लाज्मा को पदार्थ की चौथी अवस्था कहा गया है।
प्लाज्मा अवस्था कैसे बनती है – How is Plasma Formed in Hindi
प्लाज्मा आवेशित गैसीय अणु है। गैस के परमाणु से एक या अधिक इलेक्ट्रॉनों के मुक्त होने से प्लाज्मा बनता है। जो परमाणु अपने ऋणात्मक चार्ज इलेक्ट्रॉन खो देते हैं, उन्हें आयन कहा जाता है। एक आयनित परमाणु में धनात्मक आवेश होता है। प्लाज्मा आम तौर पर इन धनात्मक चार्ज आयनों और ऋणात्मक चार्ज वाले इलेक्ट्रॉनों का मिश्रण होता है।
अधिकांश प्लाज़्मा तब बनता है, जब किसी गैस को उच्च तापमान पर गर्म कर अतिरिक्त ऊर्जा दी जाती है, अर्थात गैसों को सुपरहीट किया जाता है। अत्याधिक गर्म गैस में परमाणु इतनी तेजी से घूम रहे होते हैं, कि जब वे एक-दूसरे से टकराते हैं, तो इलेक्ट्रॉन खो देते हैं। सूर्य की उच्च ऊर्जा वाले फोटॉन सहित गामा किरणें, एक्स-रे, या पराबैंगनी विकिरण परमाणुओं से इलेक्ट्रॉनों को अलग कर प्लाज्मा बना सकती हैं। उच्च-वोल्टेज बिजली, जैसे बिजली गिरने से भी प्लाज़्मा का निर्माण हो सकता है।
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ब्रह्माण्ड में प्लाज्मा कहां पाया जाता है – Presence of Plasma in The Universe in Hindi
ब्रह्माण्ड में प्लाज्मा, पदार्थ की सबसे सामान्य अवस्था है। प्लाज्मा अवस्था में पदार्थ की मात्रा ठोस, तरल या गैसीय अवस्था में मौजूद पदार्थ की तुलना में कहीं अधिक होती है। रहस्यमय “डार्क मैटर” के अलावा सभी पदार्थों का 99 प्रतिशत हिस्सा प्लाज्मा है। सूर्य और अन्य तारों में अधिकांश पदार्थ प्लाज्मा अवस्था में मौजूद है।
यद्यपि ब्रह्मांड में प्लाज्मा का पाया जाना बेहद आम है, लेकिन इसकी उपस्थिति पृथ्वी पर कम मात्रा में है। हालाँकि पृथ्वी के वायुमंडल के आयनमंडल (थर्मोस्फीयर) में कुछ प्लाज्मा होता है, जिसका निर्माण सूर्य से आने वाली पराबैंगनी विकिरण के माध्यम से होता है। पृथ्वी के वायुमंडल की ऊपरी परतों, थर्मोस्फीयर और एक्सोस्फीयर (बाह्यमण्डल) में विभिन्न गैसों के परमाणुओं और अणुओं के साथ प्लाज्मा भी मिला हुआ होता है। वायुमंडल के ऊपर, पृथ्वी एक चुंबकीय क्षेत्र से घिरी हुई है, जिसे मैग्नेटोस्फीयर (Magnetosphere) कहा जाता है। मैग्नेटोस्फीयर के अधिकांश आयनित कण प्लाज्मा ही हैं।
पदार्थ की प्लाज्मा अवस्था की क्या उपयोगिता है – Uses of Plasma State of Matter in Hindi
पदार्थ की प्लाज्मा अवस्था का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है, जैसे:
- नियंत्रित थर्मोन्यूक्लियर संलयन में (controlled thermonuclear fusion)
- बायोमेडिकल अनुप्रयोगों में (biomedical applications)
- लाइटिंग में (lighting)
- चिकित्सा में (medicine)
- इलेक्ट्रॉनिक्स में (electronics)
- परिवहन और अंतरिक्ष प्रणोदन में (transportation and space propulsion)
- डिस्प्ले टेक्नोलॉजी में (display technology)
- अंतरिक्ष भौतिकी में (space physics)
- गैस लेजर में (gas lasers), आदि।
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पदार्थ की प्लाज्मा अवस्था के उदाहरण – Plasma State of Matter Examples in Hindi
पदार्थ की प्लाज्मा अवस्था के कुछ उदाहरण निम्न हैं:
- आकाश में चमकने वाली बिजली
- औरोरा लाइट
- नियॉन संकेतों और फ्लोरोसेंट लाइट बल्ब के अंदर उत्तेजित कम दबाव वाली गैस
- सौर पवन
- वेल्डिंग आर्क्स
- पृथ्वी का आयनमंडल
- तारे
- बिजली की चिंगारी, इत्यादि।
प्लाज्मा कैसा दिखाई देता है – What Does Plasma State Look Like in Hindi
प्लाज्मा आकाश में चमकती रोशनी के रूप में दिखता है। इसके अलावा पृथ्वी की सतह के ऊपर हरी रोशनी अरोरा भी प्लाज्मा पदार्थ है, जिसे 25 जुलाई, 2010 को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से देखा गया था। जब पृथ्वी के मैग्नेटोस्फीयर में प्लाज्मा कभी-कभी पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के साथ ध्रुवीय क्षेत्रों की ओर बहता है, तो इससे आकाश में रंगीन रोशनी दिखाई देती है, जिसे हम अरोरा, या उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवीय ज्योति कहते हैं।
सूर्य का सुंदर प्राकृतिक प्रकाश प्लाज़्मा का एक और उदाहरण हैं। सूर्य से लगातार निकलने वाली सौर हवा में विभिन्न प्रकार की सौर ऊर्जा के साथ-साथ बड़ी मात्रा में प्लाज्मा भी होता है, जो आंखों से दिखाई नहीं देता।
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क्या प्लाज्मा स्टेट को कृत्रिम रूप से बनाया जा सकता है – Plasma Can be Created Artificially in Hindi
हाँ, कुछ प्लाज्मा को मनुष्यों द्वारा कृत्रिम रूप से बनाया जाता है। गैसीय अणुओं को चमकते प्लाज्मा में परिवर्तित करने के लिए बिजली (Electricity) का उपयोग किया जाता है, जैसे कि रंगीन नियॉन लाइट, जो अक्सर संकेतों में उपयोग की जाती है। कुछ प्रकार के फ़्लैट-स्क्रीन टेलीविज़न और फ्लोरोसेंट बल्ब, जिसमें बिजली (Electricity) से प्लाज्मा बनता है।
फ्लोरोसेंट लाइट बल्ब कैसे काम करता है – How Does a Fluorescent Light Bulb Work in Hindi
एक स्थान पर प्लाज्मा अवस्था को क्रियाशील होते हुए फ्लोरोसेंट लाइट बल्ब या नियॉन संकेत में देख सकते हैं। जब एक गैस (जैसे- नियॉन) में उच्च वोल्टेज प्रवाह किया जाता है, तो इलेक्ट्रॉन या तो गैस के परमाणुओं से अलग हो जाते है या उच्च ऊर्जा स्तरों में चले जाते हैं। इस स्थिति में बल्ब के अंदर की गैस एक प्रवाहकीय प्लाज्मा (conductive plasma) बन जाती है। जब उत्तेजित इलेक्ट्रॉन अपने पिछले ऊर्जा स्तर पर वापस आते हैं, तो फोटॉन उत्सर्जित करते हैं, जो हमें प्रकाश के रूप में दिखाई देता है।
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