धूप में जाने से स्किन काली क्यों होती है, स्किन ब्लैक होने का कारण – Why Skin Turn Black After Exposure To Sunlight In Hindi

धूप में जाने से क्यों होती है स्किन काली - Why Skin Turn Black After Exposure To Sunlight In Hindi

धूप में जाने से स्किन काली क्यों होती है, स्किन ब्लैक होने का कारण – Why Skin Turn Black After Exposure To Sunlight In Hindi

सूरज की रोशनी के संपर्क में आने से अक्सर त्वचा के रंग में बदलाव दिखाई देता है, जिसे आमतौर पर टैनिंग कहा जाता है। टैनिंग पराबैंगनी (यूवी) विकिरण के संभावित हानिकारक प्रभावों से खुद को बचाने का शरीर का प्राकृतिक तरीका है। धूप के संपर्क में आने से गोरा रंग काला होने (सन टैनिंग) की प्रक्रिया को समझना एक दिलचस्प विज्ञान है। आज आप जानेंगे कि धूप में स्किन काली क्यों होती है? चेहरा काला पड़ने या त्वचा का रंग बदलने की पूरी सच्चाई।

धूप में त्वचा काली क्यों हो जाती है? Why Does Skin Turn Black In Sunlight In Hindi

धूप में त्वचा काली क्यों हो जाती है? - Why Does Skin Turn Black In Sunlight In Hindi

अधिकतर आपने देखा होगा कि अधिक धूप में रहने से स्किन काली हो जाती है या फिर लोग सांवले हो जाते हैं। आखिर धूप में स्किन काली क्यों होती है? तो इसका जवाब है मेलानिन स्किन पिगमेंट का अधिक उत्पादन होना। धूप के संपर्क में आने के कारण त्वचा अधिक मेलानिन का उत्पादन करती है और स्किन का ब्लैक होना शुरू हो जाता है। मेलानिन एक प्राकृतिक ढाल के रूप में कार्य करता है, जो यूवी विकिरण को अवशोषित कर और उन्हें फैलाकर, त्वचा में गहराई तक प्रवेश करने और त्वचा कोशिकाओं के डीएनए को नुकसान पहुंचाने से रोकता है।

हालाँकि धूप त्वचा के लिए अच्छी हो सकती है, लेकिन इसके ओवरएक्सपोज़र से बचना चाहिए। बहुत अधिक पराबैंगनी या यूवी किरणों का एक्सपोजर सनबर्न का कारण भी बन सकता है। यूवी किरणें त्वचा की बाहरी परतों में प्रवेश करती हैं और त्वचा की आंतरिक परतों को नुकसान पहुंचा सकती हैं या त्वचा कोशिकाओं को मार सकती हैं। इन्हीं से बचाव के रूप में मेलानिन का निर्माण होता है। आइये इसे और विस्तार से समझते हैं:

(यह भी जानें: मानव त्वचा की संरचना, लेयर और रोग…)

मेलेनिन वर्णक क्या है – What Is Melanin Pigment In Hindi

मेलेनिन (Melanin) वह त्वचा वर्णक (स्किन पिगमेंट) है, जो मानव त्वचा, बाल और आंखों के विभिन्न रंगों का निर्माण करता है। त्वचा के रंग रूप का निर्धारण मेलानिन की मात्रा से होता है। मेलेनिन वर्णक की उपस्थिति के बिना, त्वचा हल्के सफेद रंग की होगी और रक्त प्रवाह के कारण त्वचा के माध्यम से गुलाबी रंग की छाया दिखेगी। गोरी त्वचा वाले लोगों में बहुत कम मेलानिन स्किन पिगमेंट का उत्पादन होता है, गहरे रंग (सांवले रंग) वाले लोगों में मध्यम मात्रा में मेलानिन का उत्पादन होता है, जबकि बहुत गहरे रंग (काले रंग) वाले व्यक्तियों में सबसे अधिक मेलेनिन का उत्पादन होता है।

याद रखें कि मेलानिन स्किन पिगमेंट का उत्पादन मेलानोसाइट्स नामक कोशिकाओं द्वारा किया जाता है, जो एपिडर्मिस के स्ट्रेटम बेसल में बिखरी हुई होती हैं। हालाँकि एक निश्चित सीमा तक मेलानिन का उत्पादन, त्वचा सुरक्षा के लिए फायदेमंद होता है। यह बढ़ा हुआ मेलेनिन एपिडर्मल कोशिकाओं के डीएनए को यूवी किरण क्षति और फोलिक एसिड के टूटने से बचाता है, जो हमारे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।

(यह भी जानें: विटामिन D के प्रकार, स्रोत, कमी से होने वाले रोग, और फायदे…)

सूर्य प्रकाश त्वचा के फायदेमंद है या नहीं – Is Sunlight Beneficial For The Skin Or Not In Hindi

सूर्य का प्रकाश त्वचा के फायदेमंद है या नहीं - Is Sunlight Beneficial For The Skin Or Not In Hindi

त्वचा विटामिन डी के निर्माण के लिए सूर्य के प्रकाश का उपयोग करती है, यह विटामिन डी सामान्य हड्डियों के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण होता है। लेकिन इसका एक नकारात्मक पहलू भी है। सूरज की पराबैंगनी किरणों का एक्सपोजर त्वचा को बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है।

सीमित मात्रा में सन एक्सपोजर शरीर के फायदेमंद होता है। त्वचा की बाहरी परत में कोशिकाएं होती हैं, जिनमें त्वचा वर्णक मेलानिन (melanin) होता है। मेलानिन त्वचा को सूर्य की पराबैंगनी किरणों से बचाता है।

लोगों को, विशेषकर उन लोगों को जिनमें मेलानिन स्किन पिगमेंट की अधिक मात्रा नहीं है (जो अधिक गोरे हैं) और जो आसानी से धूप से झुलस जाते हैं, उन्हें सूरज की तेज रोशनी के संपर्क में आने से बचना चाहिए। यदि धूप में जाने से स्किन काली पड़ती है या जलन होती है, तो आपको 10 बजे से दोपहर 2 बजे के बीच धूप में जाने से बचना चाहिए, संवेदनशील स्किन को ढककर रखना चाहिए और धूप या सन एक्सपोजर के समय को सीमित कर अपनी सुरक्षा करनी चाहिए।

(यह भी जानें: श्वेत रक्त कोशिकाओं की कमी और अधिकता से होने वाले रोग…)

FAQs

Q1. क्या स्किन का कालापन हानिकारक हो सकता है?

उत्तर: ऐसा बिलकुल भी नहीं है, कि धूप में जाने से होने वाला स्किन का सामान्य कालापन हानिकारक हो, लेकिन अत्यधिक धूप के कारण होने वाला स्किन का गंभीर कालापन कैंसर जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है।

Q2. सन एक्सपोजर के बाद त्वचा कितने समय तक काली रहती है?

Q2. सन एक्सपोजर के बाद त्वचा कितने समय तक काली रहती है?

उत्तर: धूप में जाने से हुआ स्किन का सामान्य कालापन टैन कुछ समय में फीका पड़ जाता है। लेकिन अधिक कालापन को ठीक होने में आमतौर पर कुछ सप्ताह लग सकते हैं, क्योंकि त्वचा की ऊपरी परत प्राकृतिक रूप से निकलती है।

Q3. क्या खिड़की से आती हुई धूप से स्किन काली हो सकती है?

उत्तर: हालाँकि खिड़की में लगा कांच UV किरणों को रोक सकता है, लेकिन पूरी तरह से नहीं। इसलिए, कांच की खिड़की से अन्दर आती हुई सूरज की रोशनी के लंबे समय तक संपर्क में रहने से त्वचा का काली पड़ सकती है।

Q4. धूप में त्वचा की सुरक्षा कैसे करें?

Q4. धूप में त्वचा की सुरक्षा कैसे करें?

उत्तर: अधिक तेज धूप से अपनी स्किन को सुरक्षित रखने के लिए सनस्क्रीन का उपयोग करें, सुरक्षात्मक कपड़े पहनें और धूप या सन एक्सपोजर के समय को सीमित करें।

(यह भी जानें: दिल/हृदय के बारे में मजेदार तथ्य…)

अब तो आप जान ही गए होंगे कि धूप में त्वचा काली क्यों हो जाती है? यदि dhoop mein chehra kala kyon hota hai? से सम्बंधित आपका कोई सवाल या सुझाव हो, तो हमें कमेंट में जरूर बताएं। यदि मेलानिन स्किन पिगमेंट की जानकारी पसंद आई हो तो इसे शेयर अवश्य करें।

sciencetaj profile for blog post. science taj articles are informative and related to science deep knowledge.

Post Comment

You May Have Missed