डीएचए क्या है, DHA के फायदे, नुकसान और स्रोत – What Is DHA, Benefits, Side effect and Source In Hindi
दिल, मस्तिष्क, आंखें और तंत्रिका तंत्र के पूर्ण विकास के लिए नवजात शिशुओं को DHA की बेहद आवश्यकता होती है, जिसकी पूर्ति मां के दूध से और प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं द्वारा ओमेगा-3 फैटी एसिड सप्लीमेंट के सेवन से होती है। मछली में पाए जाने वाले इकोसापेंटेनोइक एसिड (EPA) और डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड (DHA) आवश्यक ओमेगा-3 फैटी एसिड है। लेकिन डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड (DHA) गर्भावस्था के दौरान और नवजात शिशु के जीवन के शुरुआती चरणों में विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है। आज के इस लेख आप जानेगें कि, DHA क्या है, docosahexaenoic acid के फायदे, नुकसान और डीएचए के स्रोत, के बारे में (Docosahexaenoic acid Uses in Hindi)।
Dha क्या है – What Is DHA In Hindi
डीएचए (डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड) ओमेगा-3 फैटी एसिड है। यह एक लंबी श्रृंखला वाला पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड होता है, जो मानव मस्तिष्क, रेटिना, त्वचा और सेरेब्रल कॉर्टेक्स (cerebral cortex) का एक प्रमुख घटक है। यह तंत्रिका और आंख के ऊतकों में भी पाया जाता है। अनेक गर्भवती महिलाओं को अक्सर डीएचए (DHA) सप्लीमेंट लेने की सिफारिश की जाती है, क्योंकि यह गर्भावस्था संबंधी समस्याओं को कम करने और विकासशील बच्चे के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए लाभकारी होता है।
हमारा शरीर स्वाभाविक रूप से कम मात्रा में DHA ओमेगा-3 बनाता है, लेकिन हम भोजन या सप्लीमेंट से इसकी उचित मात्रा को प्राप्त कर सकते हैं।
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Dha ओमेगा-3 कब लेना चाहिए – When Should Taking DHA in Hindi
DHA ओमेगा-3 फैटी एसिड एक आवश्यक वसा है, जिसे आहार या सप्लीमेंट के माध्यम से ग्रहण किया जाता है। गर्भावस्था (pregnancy) से पहले और उसके दौरान अधिकाँश डॉक्टर डीएचए (डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड) लेने की सलाह देते हैं, लेकिन डॉक्टर के परामर्श के बगैर डीएचए का अधिक सेवन नहीं करना चाहिए।
महिलाओं को प्रेगनेंसी के कम से कम छह महीने पहले और विकासशील भ्रूण को तीसरी तिमाही के दौरान अधिक DHA की आवश्यकता होती है। इसके साथ ही डिलीवरी के बाद शिशुओं को स्तनपान के माध्यम से DHA का पोषण देने के लिए माताओं को ओमेगा-3 सप्लीमेंट के सेवन की सलाह दी जा सकती है।
प्रेगनेंसी में Dha के लाभ – DHA Health Benefits in Pregnancy in Hindi
डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड(डीएचए) को गर्भावस्था से जुड़ी कुछ स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को कम करने और अनेक स्वास्थ्य लाभ के उद्देश्य से, बेहद उपयोगी माना जाता है। प्रेगनेंसी के दौरान DHA ओमेगा-3 के निम्न फायदे होते हैं:
- DHA प्रीक्लेम्पसिया (preeclampsia) “गर्भावस्था के दौरान हाई ब्लड प्रेशर” की समस्या को दूर करने के लिए उपयोग में लाया जाता है।
- गर्भपात (miscarriage) और समयपूर्व डिलीवरी की संभावनाओं को कम करने के लिए डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड फायदेमंद होता है।
- पोस्टपार्टम डिप्रेशन (postpartum depression) या बच्चे को जन्म देने के बाद डिप्रेशन के खतरे को कम करने के लिए प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को DHA के सेवन की सिफारिश की जाती है।
- नवजात शिशु में न्यूरोलॉजिकल विकास और दृष्टि विकास में DHA से लाभ मिलता है।
- पूर्ण भ्रूण विकास और जन्म के बाद स्वस्थ ऊतकों के निर्माण में DHA ओमेगा-3 फैटी एसिड आवश्यक होता है।
- DHA ओमेगा-3 शिशुओं में एलर्जी के जोखिम को कम करने में मदद करता है।
- शोधकर्ताओं के अनुसार, प्रसव के दौरान महिलाओं के रक्त में डीएचए के उच्च स्तर होने पर उनके जन्म लेने वाले शिशुओं में ध्यान अर्थात बुद्धि का स्तर काफी उच्च होता है।
- DHA ओमेगा-3 की आवश्यक मात्रा 2-3 साल की उम्र तक के बच्चों के लिए काफी महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि इस उम्र में बच्चे के मस्तिष्क का विकास होता है।
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DHA के स्रोत – Sources of DHA in Hindi
डीएचए (DHA) के दैनिक सेवन का सबसे अच्छा स्रोत “भोजन” है। समुद्री शैवाल (seaweed) और ठंडे पानी वाली वसायुक्त मछली में ओमेगा-3 DHA पाया जाता है, जिसमें सैल्मन, ब्लूफिन ट्यूना, सार्डिन, शेलफिश और हेरिंग मछलियाँ शामिल हैं। इसके अलावा निम्न खाद्य पदार्थों में भी डीएचए (डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड) का उच्च स्तर पाया जाता है, जैसे:
- अंडे और दूध
- मछली के तेल
- स्तन का दूध
- तिल, चिया बीज
- अखरोट (walnuts) और अखरोट का तेल, इत्यादि।
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DHA के नुकसान – DHA Side Effect in Hindi
हालांकि DHA स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, लेकिन लोगों को प्रतिदिन 3 ग्राम से अधिक डीएचए या अन्य ओमेगा-3 फैटी एसिड नहीं लेना चाहिए, और आहार सप्लीमेंट से प्रतिदिन 2 ग्राम से अधिक नहीं लेना चाहिए। प्रतिदिन 3 ग्राम से अधिक डीएचए और अन्य ओमेगा-3 फैटी एसिड लेना संभवतः असुरक्षित है। ऐसा करने से रक्त का थक्का जमना धीमा हो सकता है और रक्तस्राव की संभावना बढ़ सकती है। सबसे अच्छा है कि आप डॉक्टर से सलाह प्राप्त करें और उनके मार्गदर्शन में DHA की मात्रा का सही निर्धारण करें। मछली या DHA सप्लीमेंट का अधिकतम मात्रा में सेवन करने से निम्न समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे:
- मांसपेशियों में दर्द,
- मुंह से बदबू आना(bad breath)
- हार्टबर्न (heartburn) या पेट में जलन
- डकार आना (Burping) या एसिड रिफ्लक्स
- जी मिचलाना (nausea) इत्यादि।
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