कांच तरल है या ठोस? जानें कांच का अद्भुत सच – Is Glass a Liquid or a Solid? The Science of Glass in Hindi

कांच तरल है या ठोस? जानें कांच का अद्भुत सच - Is glass a Liquid or a Solid? The Science of Glass in Hindi

कांच तरल है या ठोस? जानें कांच का अद्भुत सच – Is Glass a Liquid or a Solid? The Science of Glass in Hindi

क्या आपने कभी खिड़की की ओर देखकर सोचा है, “कांच तरल है या ठोस?”

मध्ययुगीन इमारतों (medieval buildings) की रंगीन कांच की खिड़कियों के बारे में कुछ अजीब बात है: वे ऊपर की तुलना में नीचे से अधिक मोटी होती हैं। कई लोगों का मानना है कि ऐसा इसलिए है, क्योंकि कांच वास्तव में एक तरल पदार्थ है, जो बेहद धीमी गति से नीचे की ओर बहता है। इसके विपरीत, कुछ लोगों का तर्क है कि कांच बहता नहीं है, क्योंकि यह एक ठोस है – या शायद एक अक्रिस्टलीय ठोस (amorphous solid) या अतिशीतित तरल (supercooled liquid) है। तो अब सवाल उठता है कि वास्तव में कांच क्या है – ठोस या तरल, या इनके बीच की कोई अवस्था? इस सवाल का जवाब जानने से पहले हमे कांच को समझना होगा।

कांच क्या है – What is Glass in Hindi

कांच क्या है - What is Glass in Hindi

वैज्ञानिक जॉन माउरो ने बताया कि, “कांच न तो असली तरल है और न ही असली ठोस (true solid)। इसमें दोनों के गुण हैं। यह पदार्थ की अपनी एक अलग अवस्था है। “परिभाषा के तौर पर कांच पदार्थ की एक असाम्य (nonequilibrium), अक्रिस्टलीय अवस्था (noncrystalline state) है।”

कल्पना कीजिए कि आपके पास जेली है। जब आप इसे चम्मच से निकालते हैं, तो यह थोड़े समय के लिए ठोस दिखती है, लेकिन अगर आप थोड़ा इंतजार करते हैं, तो यह डगमगाने लगती है और तरल की तरह व्यवहार करने लगती है। कांच भी कुछ-कुछ जेली जैसा ही होता है। जब आप इसे छूते हैं तो यह ठोस लगता है, लेकिन यदि आप इसे बहुत समय देते हैं, तो यह तरल की तरह व्यवहार करता है। अतः कांच बिल्कुल ठोस या बिल्कुल तरल नहीं है; यह इनके बीच में है। यद्यपि ग्लास तरल की तुलना में ठोस की तरह अधिक व्यवहार करता है।

कांच के बारे में जरूरी बातें – Some Important Facts About Glass in Hindi

  • काँच अथवा शीशा अकार्बनिक पदार्थों से बना हुआ पारदर्शक अथवा अपारदर्शक पदार्थ है।
  • काँच एक अतिशीतित द्रव (supercooled liquid) या अक्रिस्टलीय ठोस (amorphous solid) है, जो सोडियम सिलिकेट और कैल्शियम सिलिकेट का एक समांगी मिश्रण (homogeneous mixture) है।
  • कांच निर्माण के लिए मुख्य पदार्थ सिलिका (SiO2) है और यह प्रकृति में क्वार्ट्‌ज़ एवं सिलिकेट यौगिकों के रूप में पाया जाता है। काँच निर्माण सामग्री के लिए बालू (रेत) और क्वार्टजाइट चट्टानें (quartzite rock) महत्वपूर्ण हैं।
  • सोडा-लाइम काँच में लगभग 75% सिलिका (SiO2), सोडियम आक्साइड (Na2O) और चूना (CaO) और अनेकों अन्य चीजें कम मात्रा में मिली होती हैं।
  • ग्लास उच्च तापमान का सामना कर सकता है और 100% पुनर्चक्रण योग्य (reusable) है।
  • लेड ऑक्साइड ग्लास (Lead oxide glass) में उच्च परावर्तक गुण होते हैं, जिसका उपयोग आभूषण बनाने में होता है।
  • जब कांच टूटता है, तो दरारें 3000 मील प्रति घंटे की गति से चलती हैं।

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कांच किससे बना होता है?What Is Glass Made Of in Hindi

कांच किससे बना होता है? - What Is Glass Made Of in Hindi

सबसे पहले बात करते हैं कि कांच किस चीज से बना होता है (glass kaise banta hai)। कांच मुख्य रूप से रेत (सिल्का) से बनाया जाता है, जी हाँ, वही रेत जो आपको समुद्र तट पर मिलती है। लेकिन यह रेत की तरह नहीं है। “ज्यादातर रोजमर्रा के ग्लास को सोडा-लाइम सिलिकेट ग्लास कहा जाता है, जो लगभग 1,500 डिग्री सेल्सियस [2,732 डिग्री फ़ारेनहाइट] तापमान पर पिघले हुए रेत (SiO2), चूना पत्थर (CaO) और सोडा ऐश (Sodium carbonate) से बना होता है। लेकिन कांच  के अन्य प्रकार भी होते हैं, जैसे गर्मी प्रतिरोधी पाइरेक्स या मजबूत और मोड़ने योग्य गोरिल्ला ग्लास, जिसमें विशेष गुण प्रदान करने के लिए अन्य रसायन भी मिले होते हैं।

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काँच के भौतिक गुण – Physical Properties of Glass in Hindi

  • काँच अथवा शीशा अकार्बनिक पदार्थों से बना हुआ पदार्थ है।
  • घनत्व – कांच का घनत्व 2.5 है, कांच में सबसे अधिक घनत्व लेड ऑक्साइड द्वारा आता है और सबसे कम घनत्व बोरिक ऑक्साइड द्वारा।
  • संपीडन – कांच की संपीडन क्षमता काफी उच्च होती है, उदाहरण के लिए 1 सेंटीमीटर क्यूब कांच को तोड़ने के लिए लगभग 10 टन भार की जरूरत होगी।
  • तापीय गुण – गर्म करने पर कांच प्रसारित होता है, पर बोरिक ऑक्साइड एवं मैग्नीशियम ऑक्साइड के कांच में न्यूनतम प्रसार होता है और क्षारीय ऑक्साइड के कांच में अधिकतम प्रसार।
  • उष्मा चालकता – कांच की उष्मीय चालकता कम होती है, अर्थात यह ऊष्मा का poor conductor है; सिलिका तथा बोरिक ऑक्साइड से कांच की उष्मीय-चालकता कम हो जाती है।
  • श्यानता – काँच बनाने में उपयोग किये गए ऑक्साइड पर कांच की श्यानता निर्भर करती है। चूने की वृद्धि से कांच की श्यानता बढ़ती है और सोडा की मात्रा बढ़ाने से श्यानता घटती है।

कांच सबसे अलग क्यों है?Why is Glass Different to Others in Hindi

यह काफी दिलचस्प बात है, कि कांच बिल्कुल उन चीजों जैसा नहीं है, जिन्हें हम आमतौर पर ठोस पदार्थ कहते हैं और यह कोई तरल पदार्थ भी नहीं है। यह अपनी ही एक श्रेणी में है, और हम इसे “अक्रिस्टलीय ठोस (amorphous solid)” कहते हैं। अर्थात यह कुछ हद तक ठोस जैसा है और कुछ हद तक तरल जैसा है, लेकिन बिल्कुल उनके जैसा नहीं है।

आमतौर पर गलनांक (melting point) के नीचे, ठोस क्रिस्टलीय संरचना सबसे स्थिर होती है, और गलनांक (melting point) के ऊपर, तरल रूप अधिक स्थिर हो जाता है। प्रकृति में पायी जाने वाली सभी सामग्रियां अपना सबसे स्थिर रूप अपनाना चाहती हैं, जिसे साम्य में होना कहा जाता है। हालाँकि कांच असामान्य है, क्योंकि यह इस स्थिर अवस्था में मौजूद नहीं है।

कांच तरल है या ठोस, इसका उत्तर क्या है?Is Glass Liquid or Solid  in Hindi

कांच तरल है या ठोस, इसका उत्तर क्या है? - Is Glass Liquid or Solid  in Hindi

सबसे पहले, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि कांच केवल वह पारदर्शी सामग्री नहीं है, जिसका उपयोग हम खिड़कियों के लिए करते हैं। बल्कि, यह सामग्रियों का एक परिवार है।

वैज्ञानिक जॉन माउरो ने बताया कि, “कांच न तो असली तरल है और न ही असली ठोस (true solid)। इसमें दोनों के गुण हैं। इसे समझना मुश्किल हो सकता है, लेकिन स्पष्टीकरण के लिए इसके प्रत्येक घटक को अलग-अलग देखने से ही पता चल सकता है कि कांच ठोस और तरल रूप के बीच कैसे स्थिर है।

वैज्ञानिको ने बताया कि, “जो चीज ठोस क्रिस्टलीय संरचना बनाती है, उस सामग्री में परमाणु अपनी स्थिति में स्थिर होते हैं। दूसरी ओर, एक तरल में, परमाणु हर जगह होते हैं और आसानी से पुनर्व्यवस्थित हो सकते हैं।”

चूँकि ग्लास अर्थात कांच को बनाने के लिए विभिन्न घटकों को पिघलाकर सिरप जैसा एक बहुत चिपचिपा तरल बनाया जाता है, जो आसानी से बहता नहीं है। फिर, यह जल्दी से ठंडा होता है, लेकिन यह इतना चिपचिपा होता है कि, परमाणु अधिक व्यवस्थित ठोस संरचना में पुनर्व्यवस्थित नहीं हो पाते हैं, और वे अव्यवस्थित अवस्था में फंस जाते हैं। “अर्थात कांच यांत्रिक रूप से ठोस है, लेकिन तरल जैसी अव्यवस्थित परमाण्विक संरचना के साथ।”

साम्य अवस्था तक पहुंचने के लिए, ग्लास (कांच) को वापस तरल अवस्था की ओर गति करने की आवश्यकता होगी। लेकिन कमरे के तापमान पर, कण इतनी धीमी गति से चलते हैं कि यह व्यावहारिक नहीं है। “इसे मेटास्टेबल साम्य (metastable equilibrium) कहा जाता है।”

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निष्कर्ष – Conclusion

कांच विज्ञान का एक रहस्य है, लेकिन यही इसे इतना खास बनाता है। यह पूरी तरह तरल (द्रव) नहीं है, और न ही पूरी तरह ठोस है, लेकिन यह अक्रिस्टलीय ठोस (amorphous solid) या अतिशीतित तरल (supercooled liquid) है। उम्मीद है अब आप जान चुके होंगे कि कांच तरल है या ठोस?

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