प्रकृति में पाए जाते हैं यह चार मौलिक बल (मूल बल) – What Are Fundamental Forces In Nature In Hindi 

प्रकृति में पाए जाते हैं यह चार मौलिक बल - What Are Fundamental Forces In Nature In Hindi 

प्रकृति में पाए जाते हैं यह चार मौलिक बल (मूल बल) – What Are Fundamental Forces In Nature In Hindi 

चार मूलभूत बल हर दिन हम पर कार्य करते हैं। चाहे हमें इन बलों का एहसास हो या न हो, लेकिन हमारे खेलने से लेकर, अंतरिक्ष में रॉकेट लॉन्च करने तक, घर की बिजली हो या रेफ्रिजरेटर पर चुंबक का चिपकाना, सभी जगह ये मूल बल मौजूद होते हैं। मूल बल या मौलिक बल, जिसे भौतिकी में मौलिक अंतःक्रिया (fundamental interaction) भी कहा जाता है। इस लेख में आप प्रकृति के चार मौलिक बलों के नाम, बल की प्रकृति, रेंज और महत्व के बारे में जानेंगे (Fundamental Forces In Nature In Hindi)।

मूल बल किसे कहते हैं – What Are Fundamental Forces In Nature In Hindi 

मनुष्य प्रतिदिन कुछ सामान्‍य बलों का अनुभव करता है, जिन्‍हें मौलिक बल या मूल बल कहते हैं और इन्हें मुख्‍य रूप से चार भागों में बांटा गया है। प्रकृति के चार मौलिक बल गुरुत्वाकर्षण बल, कमजोर नाभिकीय बल, विद्युत चुम्बकीय बल और प्रबल नाभिकीय बल हैं।

कमजोर और प्रबल नाभिकीय बल बहुत कम दूरी तक ही प्रभावी होते हैं और केवल उपपरमाण्विक कणों (जैसे- इलेक्ट्रान, प्रोटोन, न्यूट्रॉन) के मध्य प्रभावी होते हैं। जबकि गुरुत्वाकर्षण और विद्युत चुम्बकीय बल की सीमा अनंत होती है। आइए इन सभी बलों को विस्तार से समझते हैं।

चार मूल बल की प्रकृति और परास नीचे लिस्ट में दी गई है:

प्रकृति के चार मौलिक बल - Four Fundamental Forces In Nature In Hindi 

प्रकृति के चार मौलिक बल – Four Fundamental Forces In Nature In Hindi 

गुरुत्वाकर्षण बल – Gravitational Force in Hindi 

 गुरुत्वाकर्षण फोर्स - Gravitational Force in Hindi 

गुरुत्वाकर्षण बल प्रकृति में सबसे कमजोर मौलिक बल है, लेकिन बहुत लंबी दूरी तक प्रभावी है। इसके अलावा, यह हमेशा आकर्षक बल होता है। यह ब्रह्मांड में किन्हीं भी उन दो वस्तुओं के बीच कार्य करता है, जिनमें द्रव्यमान या ऊर्जा होती है, क्योंकि इसका मुख्य स्रोत वस्तु या पिण्ड का द्रव्यमान है। हालाँकि गुरुत्वाकर्षण बल ग्रहों, तारों, सौर मंडलों और यहाँ तक कि आकाशगंगाओं को भी एक साथ बांधे रखता है, लेकिन यह मौलिक बलों में सबसे कमजोर होता है, क्योंकि आणविक और परमाणु स्तर पर, गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव अन्य मूल बलों (Fundamental Forces) के सापेक्ष लगभग शून्य होता है।

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कमजोर नाभिकीय बल – Weak Nuclear Force In Hindi

कमजोर नाभकीय बल - Weak Nuclear Force In Hindi

कमजोर नाभिकीय बल रेडियोधर्मी क्षय (radioactive decay) और न्यूट्रिनो अंतःक्रिया (neutrino interactions) के लिए जिम्मेदार होते है। इस बल की रेंज बहुत कम है और जैसा कि इसके नाम से पता चलता है, यह बहुत कमजोर मौलिक बल है। कमजोर बल बीटा-क्षय (न्यूट्रॉन का प्रोटॉन, इलेक्ट्रॉन और एंटीन्यूट्रिनो में रूपांतरण) का कारण बनता है। दुर्बल बल परमाणु संलयन प्रतिक्रियाओं के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है।

विद्युत चुम्बकीय बल – Electromagnetic Force in Hindi 

विद्युत चुम्बकीय बल - Electromagnetic Force in Hindi 

विद्युत चुम्बकीय बल को लॉरेंज बल भी कहा जाता है, यह आवेशित कणों के बीच कार्य करता है। विद्युत चुम्बकीय बल विद्युत आवेशों के बीच प्रतिकर्षण या बार मैग्नेट की परस्पर क्रिया जैसे विद्युत चुंबकीय प्रभाव का कारण बनता है। यह लंबी दूरी तक असर करने वाला मूल बल है, लेकिन प्रबल नाभिकीय बल की तुलना में बहुत कमजोर होता है। यह आकर्षण या प्रतिकर्षण प्रकृति का हो सकता है और केवल विद्युत आवेश वाले पदार्थ के बीच कार्य करता है। विद्युत चुम्बकीय बल के कारण ही विद्युत, चुम्बकत्व और प्रकाश सभी उत्पन्न होते हैं।

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प्रबल नाभिकीय बल (स्ट्रॉंग न्यूक्लियर फोर्स) – Strong Nuclear Force in Hindi 

स्ट्रॉंग न्यूक्लियर फोर्स - Strong Nuclear Force in Hindi 

यह बहुत मजबूत मौलिक बल है, लेकिन इस बल की रेंज कम है अर्थात यह बेहद कम दूरी तक प्रभावी होता है। यह प्रबल बल तभी कार्य करता है, जब उपपरमाण्विक कण एक दूसरे के बेहद करीब होते हैं। उन्हें एक दूसरे से 1015 मीटर के भीतर या एक प्रोटॉन के व्यास के भीतर होना चाहिए। यह किसी भी पदार्थ के परमाणुओं के नाभिकों को एक साथ जोड़े रखने के लिए जिम्मेदार है। यह बल मूल रूप से आकर्षण प्रकृति का होता है, लेकिन कुछ परिस्थितियों में प्रभावी रूप से प्रतिकर्षक हो सकता है।

प्रबल बल ग्लूऑन (gluons) नामक कणों द्वारा ‘वहन’ किया जाता है; अर्थात्, जब दो कण प्रबल मूल बल के माध्यम से परस्पर क्रिया करते हैं, तो वे ग्लूऑन का आदान-प्रदान करके ऐसा करते हैं। इस प्रकार प्रोटॉन और न्यूट्रॉन के अंदर के क्वार्क मजबूत नाभिकीय बल से एक साथ बंधे होते हैं।

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FAQ

Q1: प्रकृति में मूल बल कौन कौन से हैं?

उत्तर: प्रकृति के मुख्य रूप से चार मूल बल हैं: 1.) गुरुत्वाकर्षण बल, 2.) दुर्बल नाभिकीय बल, 3.) विद्युत्-चुम्बकीय बल, तथा 4.) प्रबल नाभिकीय बल।

Q2: प्रकृति में सबसे प्रबल बल कौन सा है?

उत्तर: प्रकृति में सबसे प्रबल या मजबूत बल प्रबल नाभिकीय बल (स्ट्रॉंग न्यूक्लियर फोर्स) है।

Q3: सबसे कमजोर बल कौन है?

उत्तर: प्रकृति में सबसे कमजोर या दुर्बल बल गुरुत्वाकर्षण बल है।

Q4: प्रकृति के सबसे दुर्बल मूल बल की परास कितनी होती है

उत्तर: प्रकृति के सबसे दुर्बल मूल बल गुरुत्वाकर्षण बल की परास (रेंज) अनंत होती है।

Q5: सबसे मजबूत से सबसे कमजोर के क्रम में चार मौलिक बल क्या हैं?- Our Fundamental Forces Strongest To Weakest In Hindi

उत्तर: सबसे मजबूत से सबसे कमजोर क्रम में मूल बल निम्न  हैं 1) प्रबल नाभिकीय बल, 2) विद्युत चुम्बकीय बल, 3) दुर्बल नाभिकीय बल, और 4) गुरुत्वाकर्षण बल।

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