मनुष्यों में कवक से होने वाले रोग (माइकोसिस) – Fungal Diseases (mycosis) in Humans in Hindi

कवक से होने वाले रोग (माइकोसिस) - Fungal Diseases (mycosis) in Humans in Hindi

मनुष्यों में कवक से होने वाले रोग (माइकोसिस) – Fungal Diseases (mycosis) in Humans in Hindi

फंगस अर्थात कवक से होने वाली बीमारी या अन्य विकार को फंगल इन्फेक्शन (माइकोसिस) कहते हैं। फंगस आमतौर पर आपकी त्वचा, बाल, नाखून या श्लेष्म झिल्ली को प्रभावित करती है, लेकिन यह आपके फेफड़ों या शरीर के अन्य अंगों को भी संक्रमित कर सकती है। यदि आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है तो आपको फंगल इन्फेक्शन अर्थात कवक से होने वाले रोग  से प्रभावित होने का खतरा अधिक रहता है। फंगस से होने वाले रोग  के इलाज के लिए डॉक्टर द्वारा आमतौर पर एंटीफंगल दवाओं का उपयोग करने की सिफारिस की जाती है। आइये जानते हैं कवक से होने वाले रोग के नाम और फंगल इन्फेक्शन के प्रकार के बारे में।

फंगल संक्रमण क्या हैं? – What Are Fungal Infections In Hindi

कवक संक्रमण को माइकोसिस के नाम से भी जाना जाता है। फंगल संक्रमण, या माइकोसिस, कवक (yeast or mold) के कारण होने वाली बीमारियाँ हैं। कवक रोग सर्वाधिक आपकी त्वचा या नाखूनों के अलावा कुछ स्थितियों में आपके मुंह, गले, फेफड़े, मूत्र पथ और शरीर के अन्य हिस्सों में भी संक्रमण का कारण बन सकता है।

फंगस यूकेरियोटिक जीवों का एक समूह है जिसमें यीस्ट और मोल्ड जैसे सूक्ष्मजीव शामिल होते हैं। कई कवक हमारे मुंह, आंत्र, त्वचा में स्वाभाविक रूप से रहते हैं और इनसे किसी भी तरह का नुकसान नहीं होता है, लेकिन कुछ परिस्थितियों में यह अत्यधिक बढ़ सकते हैं और इन्फेक्शन का कारण बन सकते हैं।

कवक से होने वाले रोग  – Human Fungal Diseases List In Hindi

कवक से होने वाले रोग  - Human Fungal Diseases List In Hindi

  • एक्जिमा (Eczema or Dermatitis)
  • दाद (ringworm)
  • खाज
  • एथलीट फूट (हांथी पाँव)
  • जॉक इच (jock itch)
  • यीस्ट इन्फेक्शन (कैंडिडिआसिस)
  • दमा (asthma)

फंगल संक्रमण के प्रकार क्या हैं? – Types Of Fungal Infections In Humans In Hindi

फंगल संक्रमण आपकी त्वचा की सतह या श्लेष्म झिल्ली पर, आपकी त्वचा के नीचे या आपके शरीर के अन्य अंगों के अंदर (जैसे फेफड़े, मस्तिष्क या हृदय) में हो सकता है।

1. सतही फंगल संक्रमण – Superficial Fungal Infections In Hindi

1. सतही फंगल संक्रमण - Superficial Fungal Infections In Hindi

स्किन फंगल इन्फेक्शन या त्वचा की सतह पर होने वाले कवक रोग में आपके नाखून, त्वचा और श्लेष्मा झिल्ली प्रभावित होती है। सतही फंगल रोग के नाम कुछ इस प्रकार हैं:

  • दाद (Ringworm (dermatophytosis) – त्वचा, बाल और नाखून की कोशिकाओं पर जीवित रहने वाले कवक का एक समूह (डर्माटोफाइट्स) के कारण दाद होती है। डर्माटोफाइट्स कवक समूह आपके पैरों (एथलीट फुट), आपकी कमर और भीतरी जांघों (जॉक इच), आपकी खोपड़ी (scalp), आपके हाथों और त्वचा के बाल को संक्रमित कर सकते हैं।
  • ओनिकोमाइकोसिस (Onychomycosis/Nail fungus) – नाखून में फंगल इन्फेक्शन (Fungal Nail Infections) को ऑनिकोमाइकोसिस कहा जाता है। इसमें नाखूनों का रंग फीका पड़ सकता है और उनमें दरारें आ सकती हैं।
  • कैंडिडिआसिस (Candidiasis/ Yeast infection) – कैंडिडा यीस्ट के कारण त्वचा और श्लेष्मा झिल्ली में संक्रमण कैंडिडिआसिस कहलाता है। इस प्रकार के कवक रोग में ओरल थ्रश (oral thrush), कुछ प्रकार के डायपर रैश (diaper rash), योनि में यीस्ट संक्रमण (vaginal yeast infections), एसोफेजियल कैंडिडिआसिस इत्यादि शामिल हैं।

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2. त्‍वचा के नीचे के फंगल रोग Subcutaneous Fungal Diseases In Hindi

2. त्‍वचा के नीचे के फंगल रोग - Subcutaneous Fungal Diseases In Hindi

स्किन के नीचे कवक से होने वाले रोग दुनिया के उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में अधिक आम हैं। यदि फंगस किसी चोट, खरोंच, कट या घाव के मध्यम से आपकी त्वचा की सतह के नीचे प्रवेश करती है तो संक्रमण का बन सकती है, और आपकी त्वचा पर चकत्ते (rashes), अल्सर और अन्य लक्षण पैदा करती है।

स्किन के नीचे होने वाले कवक रोगों में निम्न शामिल हैं:

  • स्पोरोट्रीकोसिस (Sporotrichosis (rose gardener’s disease))स्पोरोथ्रिक्स कवक (Sporothrix fungus) स्पोरोट्रीकोसिस का कारण बनती है। यह कवक मिट्टी और पौधों जैसे स्पैगनम मॉस, गुलाब की झाड़ियों और घास में रहता है। यह फंगस एक छोटे से कट या खरोंच के माध्यम से त्वचा में प्रवेश करती है, और हाथों या बांहों की त्वचा इससे सबसे अधिक प्रभावित होती है।
  • क्रोमोब्लास्टोमाइकोसिस (Chromoblastomycosis) – कई अलग-अलग प्रकार की कवक क्रोमोब्लास्टोमाइकोसिस का कारण बन सकती हैं। यह लंबे समय तक चलने वाले त्वचा संक्रमण का कारण बन सकता है।
  • यूमाइसीटोमा (Eumycetoma) कई अलग-अलग कवक यूमाइसीटोमा का कारण बन सकती है। यह फंगल रोग आमतौर पर आपके पैरों को प्रभावित करता है।

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3. डीप फंगल इन्फेक्शन – Deep Fungal Infections In Hindi

3. डीप फंगल इन्फेक्शन - Deep Fungal Infections In Hindi

शरीर के अन्दर का फंगल इन्फेक्शन आपके शरीर की त्वचा के अलावा अन्य आंतरिक अंगों जैसे फेफड़े, ब्लड, मूत्र पथ या मस्तिष्क को प्रभावित करता है। इस तरह के कुछ फंगल इन्फेक्शन आमतौर पर कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में ही बीमारी का कारण बनते हैं।

शरीर के अन्दर के कवक रोग में शामिल हैं:

हिस्टोप्लाज्मोसिस (Histoplasmosis):

हिस्टोप्लाज्मा कवक के कारण हिस्टोप्लाज्मोसिस फंगल रोग होता है, जो आपके फेफड़े, मस्तिष्क या शरीर के अन्य आंतरिक भाग को संक्रमित कर सकता है। यह कवक पर्यावरण विशेष रूप से उस मिट्टी में रहता है, जिसमें बड़ी मात्रा में पक्षी या चमगादड़ का मल होता है।

ब्लास्टोमाइकोसिस (Blastomycosis):

ब्लास्टोमाइसेस कवक जो ब्लास्टोमाइकोसिस का कारण बनती है, आमतौर पर आपकी हड्डियों, त्वचा और फेफड़ों को संक्रमित करती है।

एस्परगिलोसिस (Aspergillosis):

एस्परगिलस (Aspergillus), वह फफूंद जो एस्परगिलोसिस का कारण बनती है,  और लंग इन्फेक्शन का कारण बन सकती है। यह आपके शरीर के अन्य हिस्सों को भी संक्रमित कर सकती है। यह कवक मृत पत्तियों और सड़ी हुई वनस्पति पर पनपती है। साँस लेने के दौरान यह कवक शरीर के अन्दर प्रवेश करती हैं और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों में संक्रमण का कारण बनती है।

न्यूमोसिस्टिस निमोनिया (Pneumocystis pneumonia):

न्यूमोसिस्टिस जीरोवेसी निमोनिया (PJP) फंगस के कारण होने वाला लंग्स इन्फेक्शन है, जो न्यूमोसिस्टिस जीरोवेसी नामक फंगस के कारण होता है।

ब्लैक फंगस / म्यूकोर्मिकोसिस (Mucormycosis):

ब्लैक फंगस म्यूकोर्मिसेट्स नामक फंगस के कारण होने वाली बीमारी है। ब्लैक फंगस आपके साइनस और मस्तिष्क, फेफड़े, आंतों, त्वचा या आपके शरीर के कई हिस्सों को एक ही समय में संक्रमित कर सकता है।

क्रिप्टोकॉकोसिस (Cryptococcosis):

क्रिप्टोकोकस फंगस क्रिप्टोकॉकोसिस फंगल रोग का कारण बनते हैं। यह संक्रमण कबूतर की बीट के संपर्क या बिना धोए कच्चे फल खाने से मनुष्यों में फैल सकता है। किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी यह कवक संक्रमण फैल सकता है। इसमें मुख्य रूप से आपके फेफड़ों में संक्रमण होता है, लेकिन कभी-कभी आपके मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी (क्रिप्टोकोकल मेनिनजाइटिस) में भी बढ़ सकता है।

(यह भी जानें: फेफड़े के रोग और उनके प्रकार…)

फंगल संक्रमण का खतरा सबसे अधिक किसे है? Who Is Most At Risk For Fungal Infections In Hindi

फंगल संक्रमण का खतरा सबसे अधिक किसे है? - Who Is Most At Risk For Fungal Infections In Hindi

विशेषकर जो फंगस संक्रमण आपकी त्वचा या नाखूनों को प्रभावित करता हैं वह किसी को भी हो सकता है। शरीर के उन स्थानों पर फंगल संक्रमण आम है, जहां अधिक नमी और घर्षण होता है। इसके अलावा कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली, मधुमेह, एचआईवी/एड्स, कैंसर रोग से पीड़ित व्यक्तियों में फंगल संक्रमण होने का ख़तरा सबसे अधिक रहता है।

सबसे सामान्य कवक से होने वाले रोग में त्वचा या नाखूनों पर होने वाले संक्रमण शामिल हैं। आमतौर पर यह गंभीर नहीं होते हैं। लेकिन यदि आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है, तो आपको कुछ फंगल संक्रमणों से गंभीर बीमारी होने का खतरा रहता है।

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