पौधों में कवक से होने वाले इन रोगों को न करें इग्नोर – Plant Fungal Diseases In Hindi

पौधों में फफूंदी या कवक जनित रोग फ्यूजेरियम, पायथियम (pythium) आदि कवक रोगजनक (fungi pathogen) के कारण होते हैं। एन्थ्रेक्नोज, लीफ स्पॉट, ब्लाइट आदि पौधों में फंगस या कवक से होने वाले रोग (Plant Fungal Diseases In Hindi) हैं। पौधों में कवक जनित रोग होने का मुख्य कारण मौसम में अचानक बदलाव, ज्यादा पानी देना, पत्तियों को गीला करना या किसी संक्रमित पौधे का सम्पर्क हो सकता है। यह पादप रोग मिट्टी से मौजूद फंगी या कवक रोगजनकों के कारण होते हैं, जो अधिक नमी के कारण सक्रिय हो जाते हैं। कवक जनित पादप रोग या पौधों में कवक से होने वाले रोग (Fungus) कौन-कौन से हैं, फंगस रोग की सूची की जानकारी के लिए लेख पूरा पढ़ें।

पौधों में कवक से होने वाले रोग की सूची – List of Plant Fungal Diseases In Hindi

पौधों में कवक से होने वाले रोगों के नाम - List of Plant Fungal Diseases In Hindi

  1. पाउडरी मिल्ड्यू/सफेद फफूंदी (Powdery Mildew)
  2. डाउनी मिल्ड्यू (Downy Mildew)
  3. लीफ स्पॉट (Leaf Spot)
  4. काला धब्बा रोग (Black Spot Diseases)
  5. डंपिंग ऑफ डिजीज (Damping Off Diseases)
  6. रस्ट फंगस रोग (Rust Fungal Diseases) – Gall rust, Leaf rust
  7. अगेती झुलसा (Early blight)
  8. पत्ती झुलसा रोग (Leaf blight)
  9. विल्ट रोग (Wilt Diseases) – फ्यूजेरियम विल्ट (Fusarium wilt)
  10. एन्थ्रेक्नोज (Anthracnose)
  11. जड़ सड़न रोग (Root Rot Diseases)
  12. सूटी मोल्ड (Sooty moulds)

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पाउडरी मिल्ड्यू या सफेद फफूंदी – Powdery Mildew Plant Fungal Diseases In Hindi

पाउडरी मिल्ड्यू रोग का मुख्य कारण पोडोस्फेरा ज़ैंथी (Podosphaera Xanthii) नामक कवक है। सफेद फफूंदी अर्थात पाउडरी मिल्ड्यू रोग में पत्तियों और तनों के ऊपर सफेद कलर के धब्बे नजर आते हैं। ये धब्बे पत्तियों के दोनों तरफ दिखाई पड़ते हैं। इन्हें देखकर ऐसा लगता है मानों पत्तियों पर सफेद पाउडर छिड़क दिया गया हो।

शुष्क और ठंडी स्थितियों में यह रोग फैलता है; अतः रोगजनक को कम करने के लिए ऐसी स्थितियों से बचें। कवक रोगजनकों को फैलने से रोकने के लिए रोगग्रस्त पौधे या हिस्सों को नष्ट करें।

Host plant – मटर, ककड़ी, स्ट्रॉबेरी, और अंगूर की बेल इत्यादि।

डाउनी मिल्ड्यू कवक रोग – Downy Mildew Plant Fungal Diseases In Hindi

डाउनी मिल्ड्यू कवक रोग – Downy Mildew Plant Fungal Diseases In Hindi

इस कवक जनित रोग में पत्तियों की ऊपरी सतह पर हल्के हरे पीले रंग के धब्बे नजर आते हैं। इसके बाद पत्ती की निचली सतह पर सफ़ेद रोएँदार वृद्धि होती है। समय के साथ यह धब्बे ब्राउन हो जाते हैं और पत्ते सूख जाते हैं। डाउनी मिल्ड्यू कवक रोग सबसे पहले पुरानी पत्तियों को प्रभावित करता है।

गीली और ठंडी परिस्थितियों से अपने पौधों को बचाकर रोगजनक को बढ़ने से रोका जा सकता है, इसके अलावा पानी देते समय पौधों की पत्तियों को गीला होने से बचाएं।

Host plant – डाउनी फफूंदी तुलसी, सोयाबीन, बाजरा, अंगूर, मक्का सेम, करेला, फूलगोभी, मटर इत्यादि।

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फ्यूजेरियम विल्ट पौधों का कवक रोग – Fusarium wilt Plant Fungal Diseases In Hindi

फ्यूजेरियम विल्ट टमाटर, बैंगन, चना, मिर्च, खीरा और कपास को प्रभावित करता है। यह कवक गर्म मौसम (जब मिट्टी का तापमान 27°C या 82°F होता है) में पनपता है। फ्यूजेरियम विल्ट कवक रोग में पहले निचली पत्तियां प्रभावित होती हैं और फिर यह रोग पूरे पौधे में फैलता है। निचली पत्तियों का पीला पड़ना, मुरझाना और पौधे की ग्रोथ रुकना इस रोग के प्रमुख लक्षण हैं।

रोग-मुक्त पौधों को लगाएं, स्वस्थ बीजों का चयन करें और बगीचे का तापमान कम बनाएं रखें, ये सभी तरीके फ्यूजेरियम विल्ट रोग को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

रस्ट फंगस रोग – Rust Fungus Diseases In Plants In Hindi

रस्ट पौधों में होने वाले कवक रोगों का एक समूह है, इससे पौधे की पत्तियाँ सबसे अधिक प्रभावित होती हैं, लेकिन यह रस्ट फंगस कभी-कभी तनों और यहाँ तक कि फूलों और फलों पर भी पाई जा सकती है। नमी का स्तर अधिक होने से रस्ट फंगस रोग का संक्रमण तेजी से फैलता है। इस रोग से ग्रस्त पौधे की पत्तियों के ऊपरी सतह पर जंग के कलर जैसे धब्बे या दाने नजर आते हैं। रस्ट फंगस के उपचार के लिए आप प्रति सप्ताह हाइड्रोजन पेरोक्साइड (H2O2) के घोल का छिड़काव करें।

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डंपिंग ऑफ रोग – Damping Off Disease In Hindi

डंपिंग ऑफ रोग – Damping Off Disease In Hindi

डैम्पिंग-ऑफ एक मिट्टी-जनित कवक रोग है, जो मुख्य रूप से बीज और नए अंकुरित पौधों को प्रभावित करता है। डैम्पिंग-ऑफ का तात्पर्य मिट्टी की सतह और उसके नीचे तने और जड़ों के ऊतकों के सड़ने से है।

डैम्पिंग-ऑफ रोग गीली और ठंडी मिट्टी में सबसे अधिक होता है। विशेष रूप से घर के अंदर या कांच के नीचे बीज बोते समय यह समस्या उत्पन्न होती है। डैम्पिंग-ऑफ से संक्रमित पौधों को बचाया नहीं जा सकता है। इस समस्या को उत्पन्न होने से रोकने के लिए बीजों को सीडलिंग ट्रे में उगाएं, और गार्डन की सभी सामग्री को अच्छी तरह कीटाणुमुक्त करने के बाद ही उपयोग में लाएं।

जड़ सड़न रोग – Root Rot Plant Fungal Diseases In Hindi

जड़ सड़न एक ऐसी कवक से होने वाली बीमारी है, जो गीली या नम मिट्टी में उगने वाले पौधों की जड़ों को प्रभावित करती है। इस रोग के संक्रमण से पौधे की जड़ें गलने और सड़ने लगती हैं। इस रोग के कारण पौधे की ग्रोथ अचानक रुक जाती है और वे मुरझाकर सूखने लगते हैं। पौधे का मुख्य तना काले रंग का और गलने जैसा नजर आता है। यह कवक से होने वाले रोग आमतौर पर गमले में लगे पौधों को सर्वाधिक प्रभावित करता है।

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सूटी मोल्ड रोग – Sooty Mold Plant Fungal Diseases In Hindi

सूटी मोल्ड एक गहरे काले रंग का कवक है,जो एफिड्स, सफेद मक्खियों, माइलबग्स, लीफहॉपर्स जैसे कीड़ों द्वारा उत्सर्जित शहद के जैसे चिपचिपे पदार्थ (हनीड्यू (Honeydew)) पर उगता है। इस रोग के बढ़ने से पौधे की पत्तियां गहरे काले रंग की फफूंद (Black Mold) से ढक जाती हैं। पत्तियों को देखकर ऐसा लगता है मानो उन पर कालिख पोत दी गई हो।

झुलसा रोग – Blight Fungal Disease In Plants In Hindi

झुलसा रोग - Blight Fungal Disease In Plants In Hindi

ब्लाइट अर्थात झुलसा एक कवक रोग है, जो संक्रमित पौधों से कीड़ों, हवा, पानी और जानवरों द्वारा लाए गए बीजाणुओं से फैलता है। जब ओस या बारिश मिट्टी में मौजूद इन कवक बीजाणुओं के संपर्क में आती है, तो वे प्रजनन करते हैं और रोग बढ़ने लगता है। आलू, बैंगन, टमाटर, बीन्स, चुकंदर, गाजर, सूरजमुखी, जेरेनियम, पैंसी इत्यादि पौधों में झुलसा रोग होने का ख़तरा सर्वाधिक होता है।

झुलसा रोगों में शामिल हैं:

  • फायर ब्लाइट या अग्नि दोष (Fire blight)
  • पत्ती झुलसा रोग (Leaf blight)
  • अगेती झुलसा (Early blight)

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