पौधों के प्रकार- आकार, जीवन चक्र और बीज के आधार पर – Different Types of Plants In Hindi 

आमतौर पर पौधों को जीवित प्राणी के रूप में जाना जाता है, इनके बिना पृथ्वी पर जीवन संभव नहीं है। यह हमें सांस लेने के लिए ऑक्सीजन प्रदान करते हैं तथा हमारे द्वारा छोड़ी गई कार्बन डाइऑक्साइड को ग्रहण करते हैं। पेड़-पौधे अपने जीवन के लिए दूसरों पर आश्रित नहीं रहते हैं। यह अपना भोजन स्वयं बनाते हैं, इतना ही नहीं, यह पृथ्वी पर मौजूद सभी जीव जंतुओं के लिए भोजन का निर्माण भी करते हैं। हमारे आसपास कई प्रकार के पेड़ पौधे पाए जाते हैं, जिनका अपना अलग-अलग उपयोग और फायदे होते हैं। आज इस आर्टिकल में हम आपको पेड़-पौधे के प्रकारों के संबंध में सारी जानकारी देंगे। पौधे क्या होते हैं, इनके समस्त भाग तथा पौधों के प्रकार और उनके उपयोग की जानकरी आपको लेख में मिलेगी।

पौधे क्या होते हैं – What Are Plants In Hindi

पौधे एक जीवित वस्तु हैं, जो सूर्य के प्रकाश का उपयोग करके अपना भोजन स्वयं बनाते हैं। इसमें आमतौर पर जड़ें, तना और पत्तियां होती हैं। पेड़-पौधे प्रकृति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो हमें सांस लेने के लिए ऑक्सीजन देते हैं और लोगों तथा जानवरों के लिए भोजन और सामग्री प्रदान करते हैं। हालांकि पौधों को मनुष्यों और जीव जंतुओं के जैसे एक स्थान से दूसरे स्थान नहीं ले जाया जा सकता है, लेकिन यह बर्फीली जगह से लेकर रेगिस्तान में भी ग्रोथ कर सकते हैं। पौधे छोटे फूलों से लेकर बड़े पेड़ों तक, कई आकार के होते हैं।

आइये जानते हैं- पौधे में कौन कौन से भाग होते हैं?

पौधों के प्रमुख भाग – Parts Of Plants In Hindi

पौधों के भाग - Parts Of Plants In Hindi

आमतौर पर पेड़ पौधों में निम्न मुख्य भाग पाए जाते हैं:-

जड़ (Root) – जड़ें पौधे का सबसे महत्वपूर्ण भाग हैं, जो मिट्टी के अंदर पाई जाती हैं। यह पौधे को सीधे रहने और बढ़ने के लिए दृढ़ और मजबूत बनाए रखती हैं। जड़ों का मुख्य कार्य मिट्टी से खनिज और पानी को अवशोषित करना है। इसके साथ यह पौधों के बाद में उपयोग के लिए आरक्षित खाद्य सामग्री को भी स्टोर करती हैं। पौधे की ग्रोइंग कंडीशन के अनुसार जड़ें मुख्य तीन प्रकार की होती हैं:-

  • प्राथमिक जड़ें या टैप रूट
  • द्वितीयक जड़ें या पार्श्व जड़ें
  • तृतीयक जड़ें

तना (Stem) – तना, पौधे का जमीन के ऊपर पाया जाने वाला भाग है। यह पौधों का मुख्य अंग है, जिसमें फल, पत्तियाँ और फूल लगते हैं। तने का मुख्य कार्य जड़ों द्वारा अवशोषित किये गये पानी तथा भोजन को पौधे के सभी भागों तक पहुँचाना है।

पत्तियां (Leaves) – पौधे का एक और महत्वपूर्ण भाग पत्तियाँ हैं। पत्तियों में क्लोरोफिल पाया जाता है, जिसका उपयोग पौधे सूर्य की रोशनी, पानी और कार्बन डाइऑक्साइड की मदद से अपना भोजन तैयार करने के लिए करते हैं। पत्तियों का मुख्य कार्य सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करना तथा प्रकाश संश्लेषण में मदद करना है। पत्ती के मुख्य तीन भाग होते हैं:-

  • लैमिना
  • आधार
  • डंठल

फल (Fruit) – फल, पौधे का खाने योग्य हिस्सा होते हैं, जो पॉलिनेशन के बाद विकसित होता है। यह पौधे के जीवन चक्र को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

फूल (Flower) – फूल, पौधे का सबसे आकर्षक और सुंदर भाग है, जिसे प्रजनन भाग के रूप में जाना जाता है। फूल में चार मुख्य भाग होते हैं:-

  • वर्तिकाग्र (stigma) (मादा भाग)
  • पुंकेसर (stamen) (नर भाग)
  • पंखुड़ियां (petals)
  • बाह्यदल (sepals)

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पौधों के प्रकार – Types Of Plants In Hindi 

पौधों के प्रकार - Types Of Plants In Hindi 

पृथ्वी पर कई तरह के पेड़ पौधे पाए जाते हैं, जिन्हें आकार, जीवन चक्र, बीज और अन्य आधार पर अलग-अलग भागों में बांटा गया है। आइए जानते हैं पौधों के प्रकार के बारे में:

आकार के आधार पर पौधों के प्रकार – Types Of Plants Based On Size In Hindi 

पेड़ पौधों के बढ़ने की स्थिति या आकार के आधार पर इन्हें निम्न प्रकारों में बांटा गया है:-

1. हर्बल प्लांट (Herb Plant)

हर्बल प्लांट (Herb Plant)

हर्ब के पौधे आकार में सबसे छोटे होते हैं, अन्य पौधों की अपेक्षा इन पौधों की ऊंचाई कम होती हैं। इन पौधों के तने मुलायम होते हैं। जड़ी-बूटियाँ विटामिन और खनिजों से भरपूर होती हैं, जो पौष्टिक आहार का एक अनिवार्य हिस्सा हैं।

जैसे:- रोज़मेरी, अजवाइन, तुलसी आदि।

2. बुश प्लांट (Bush Plant)

बुश प्लांट के अंतर्गत झाड़ी वाले पौधे आते हैं। यह पौधे आकार में बहुत बड़े नहीं होते हैं, लेकिन वे हर्ब्स से बड़े होते हैं। इन पौधों में छोटी छोटी पतली शाखाएं होती हैं तथा तना कठोर होता है।

जैसे:- टमाटर, अदरक, धान, आदि।

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3. पेड़ (Tree) 

पेड़ आकार में सबसे बड़े होते हैं और इनके तने बहुत सख्त होते हैं। पेड़ों की बड़ी-बड़ी शाखाएँ होती हैं, जिन पर फल, पत्तियाँ और फूल लगते हैं।

जैसे:- आम, केला, अमरूद आदि।

4. लताएं (Vine)

लताओं को बेल वाले पौधे या क्रीपर प्लांट भी कहा जाता है। इन पौधों के तने बहुत नाजुक होने के साथ-साथ पतले और लंबे होते हैं। यह पौधे जमीन पर फैलते हैं, इन्हें जमीन से ऊपर रखने के लिए सपोर्ट की आवश्यकता होती है।

जैसे:- स्ट्रॉबेरी, शकरकंद, तरबूज आदि।

5. क्लाइंबर पौधे (Climber)

क्लाइम्बर पौधे पतले, लंबे और कमजोर तनों वाले होते हैं। यह पौधे सीधे खड़े नहीं हो पाते हैं, इन्हें सीधा रखने के लिए सपोर्ट की आवश्यकता होती है। हालाँकि लताओं वाले पौधों की अपेक्षा इनका तना मजबूत होता है, यह अपना वजन खुद उठा सकते हैं।

जैसे:- मनी प्लांट, रनर बीन्स, ग्रेपवाइन आदि।

जीवन चक्र के आधार पर पौधों के प्रकार – Types Of Plants Based On Life Cycle In Hindi

पौधे के जीवन चक्र के आधार पर उनके कुछ प्रकार निम्न हैं:-

1. अल्पकालिक पौधे (Ephemeral)

वे पौधे जिनका जीवनकाल बहुत छोटा होता है या फिर कहा जाए कि सिर्फ कुछ हफ्तों तक चलता है, वह अल्पकालिक पौधे कहलाते हैं। यह पौधे बढ़ते हैं, प्रजनन करते हैं और कुछ समय बाद मर जाते हैं या सूख जाते हैं।

जैसे:- ब्लडरूट, रेड ट्रिलियम, ग्रेट व्हाइट ट्रिलियम आदि।

2. वार्षिक पौधे (Annual)

वार्षिक पौधों के अंतर्गत वह पौधे आते हैं, जो केवल एक वर्ष या कम समय तक जीवित रहते हैं। इन्हें सीजनल प्लांट भी कहा जाता है। इन पौधों को अधिकांशतः कृषि या गार्डनिंग में उगाया जाता है।

जैसे:- तरबूज, मक्का, ड्यूरम आदि।

3. द्विवार्षिक पौधे (Biennial)

द्विवार्षिक पौधे दो साल में अपने जीवन चक्र को पूरा कर पाते हैं। दो वर्षों के दौरान यह पौधे वृद्धि करते हैं, फूलते हैं, फलते हैं और अंततः अगले वर्ष में वे मरने या सूखने लगते हैं।

जैसे:- हॉलीहॉक, अजमोद, सौंफ, आलू, गाजर आदि।

4. चिरस्थायी या बहुवार्षिक पौधे (Perennial)

दो साल से अधिक समय तक जीवित रहने वाले पौधों को बहुवार्षिक पौधे कहा जाता है। इन पौधों को अपने जैविक चक्र को पूरा करने के लिए कोई निश्चित समय की जरूरत नहीं होती है। बारहमासी पौधे कई वर्षों तक बढ़ते रहते हैं। यदि उन्हें कोई नुकसान न पहुँचाया जाए या जबरदस्ती काटा न जाए, तो वे कई वर्षों तक बढ़ सकते हैं।

जैसे:- स्ट्रॉबेरी, तुलसी, अजवायन, फ्रूट प्लांट आदि।

बीज के आधार पर पौधों के प्रकार – Types Of Plants Based On Seeds In Hindi

आमतौर पर बीज पौधे की नींव होते हैं, क्योंकि उन्हीं की मदद से पौधे का विस्तार होता है। बीज के आधार पर भी पौधे को दो भागों में विभाजित किया गया है, जो कि इस प्रकार हैं:-

1. एकबीजपत्री पौधे (Monocotyledon plants)

जिन पौधों के बीज एक ही टुकड़े में होते हैं अर्थात जिन बीजों में सिर्फ एक बीजपत्र होता हैं, उनसे उगने वाले पौधों को एकबीजपत्री पौधे कहते हैं।

जैसे:- चावल, मक्का, ऑर्किड, लहसुन, प्याज, डैफोडिल, ट्यूलिप, केले, गेहूं, बांस आदि।

2. द्विबीजपत्री पौधे (Dicotyledon plants)

जिन पौधों के बीजों में दो बीजपत्र होते हैं अर्थात जिन बीजों को दो बराबर भागों में विभाजित किया जा सकता है, उनसे उगने वाले पौधे द्विबीजपत्री पौधे कहलाते हैं।

जैसे:- सेम, दाल, मटर, मूंगफली, गुलाब, बरगद, नीम, सेब, टमाटर आदि।

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पौधों का वर्गीकरण – Classification Of Plants In Hindi 

पौधे का वर्गीकरण निम्न दो रूपों में भी किया गया है:-

संवहनी पौधे – Vascular Plants in Hindi 

संवहनी पौधे विशेष ऊतकों (Tissue) वाले पौधे होते हैं, जिन्हें संवहनी ऊतक कहा जाता है, जिसमें जाइलम और फ्लोएम शामिल होते हैं। ये ऊतक पूरे पौधे में पानी, भोजन, पोषक तत्वों, खनिजों और ग्लूकोज़ को पहुंचाते हैं। संवहनी पौधों के अंतर्गत छोटे से लेकर कई बड़े पेड़ों तक प्रजातियों को भी शामिल किया गया है, यह पौधे अपनी जड़ें, तना और पत्तियां अच्छी तरह से विकसित करते हैं। यह पौधे लंबाई में अधिक बढ़ सकते हैं।

जैसे:- जिम्नोस्पर्म, पाइंस, फर्न, एंजियोस्पर्म, सूरजमुखी और क्लबमॉस आदि।

गैर-संवहनी पौधे – Non-Vascular Plants in Hindi 

गैर-संवहनी पौधों में उन पौधों को शामिल किया गया है, जिनमें जाइलम और फ्लोएम जैसे विशेष संवहनी ऊतकों की कमी होती है। यह पौधे आकार में छोटे होते हैं, जो अक्सर दलदली मिट्टी, नम वातावरण और छायादार स्थान पर पाए जाते हैं। गैर-संवहनी पौधे पानी और पोषक तत्वों के परिवहन के लिए प्रसार और परासरण (Osmosis) पर निर्भर करते हैं। इस प्रकार के पौधे फल, लकड़ी या फूल नहीं पैदा करते हैं। यह पौधे पारिस्थितिक तंत्र में आवश्यक भूमिका निभाते हैं।

जैसे:- मॉस, लिवरवर्ट और हॉर्नवॉर्ट आदि।

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इस लेख में आपने जाना पौधे क्या होते हैं, इनके भाग तथा पेड़ पौधों के प्रकार के बारे में। यदि हमारा आर्टिकल आपको हेल्पफुल लगा हो, तो इसे अन्य लोगों के साथ शेयर करें तथा इसके संबंध में आपके जो भी सुझाव हैं, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

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