हम सब लोगों को यह लगता है, कि बीज लगाया और पानी दिया, जिससे पेड़ उगना शुरू हो गया, बल्कि ऐसा नहीं है। बीज से पेड़ बनने के लिए कई ऐसे कारक और परिस्थितियां जरूरी होती हैं, जो उसे जड़ विकसित करने, उगने, फलने-फूलने में मदद करती हैं। इन परिस्थितियों की अनुपस्थिति में पेड़-पौधों की वृद्धि होना संभव नहीं है। किसी भी पेड़ के बीज लगाने से लेकर उसके उगने तथा फलने-फूलने के बीच की सारी प्रक्रिया पौधों की वृद्धि और विकास के अंतर्गत आती है। यह प्रक्रिया कई सारी स्टेप्स में संपन्न होती है। पौधों की वृद्धि कैसे होती है? इसके बारे में आज हम इस आर्टिकल में विस्तार से जानकारी देंगे। पौधे का विकास कैसे होता है? पादप वृद्धि एवं विकास की प्रक्रिया जानने के लिए लेख पूरा पढ़ें।
पौधों की वृद्धि और विकास क्या है? – Plant Growth In Hindi
पौधे के जीवन की मूल इकाई कोशिका होती है, जो कि अनेकों संख्या में पाई जाती है। कोई भी पौधा कोशिकीय स्तर पर वृद्धि शुरू करता है, जहाँ मेरिस्टेमेटिक कोशिकाएँ (Meristematic Cells) बड़ी होती हैं और विभाजित होती हैं, इस प्रकिया को माइटोसिस (Mitosis) कहा जाता है। यह कोशिकाएं बड़ी होकर अलग-अलग ऊतकों में विभाजित होती हैं और पौधे में अंगों का निर्माण करती हैं। इन कोशिकाओं के विभाजन के परिणामस्वरूप पौधों में अलग-अलग ऊतकों और अंगों जैसे जड़ों, पत्तियों, तनों, फूलों और फलों इत्यादि का निर्माण होता है।
पौधों के विकास की प्रक्रिया – Process Of Plant Development In Hindi
किसी भी पौधों का विकास उस सम्पूर्ण प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें बीज अंकुरण (Germination) से लेकर एक परिपक्व पौधे के निर्माण तक के सभी परिवर्तन या बदलाव शामिल होते हैं। इसमें फूल, फल और बीज बनने तक की सभी क्रियाएं शामिल होती हैं। निरंतर चलने वाली पौधे के विकास की प्रक्रिया में निम्न स्टेप्स को शामिल किया गया है:-
अंकुरण (Germination):
पौधे के विकास की शुरुआत बीज के अंकुरण से होती है बीजों का जर्मिनेशन अपनी अनुकूल परिस्थितियाँ जैसे जल, ऑक्सीजन, तापमान, हवा इत्यादि पर निर्भर करता है। बीजों के अंकुरण में सबसे पहले जड़ (Radicle) और अंकुर (Plumule) निकलते हैं।
वनस्पतिक वृद्धि और विकास (Vegetative Development):
अंकुरण के पश्चात् विकास की इस प्रक्रिया में पौधे में जड़ (Root), तना (Stem) और पत्तियों (Leaf) का निर्माण होता है। पौधे के विकास में सबसे पहले कोशिकाओं की संख्या और आकार में वृद्धि होती है। पौधे की कोशिकाओं का विकास निम्न दो तरह से संपन्न होता है:-
- शीर्ष मेरिस्टेम (Apical Meristem) – कोशिकाओं के विभाजन के पश्चात् तने की लंबाई में वृद्धि होती है।
- पार्श्व मेरिस्टेम (Lateral Meristem) – यह पौधे की मोटाई को बढ़ाते हैं।
- विभेदन (Differentiation):
पौधे की कोशिकाएँ विभिन्न ऊतकों में परिवर्तित होती हैं जैसे – ज़ाइलम, फ्लोएम, पैरेंकाइमा आदि। यह ऊतक पौधे की विशेष संरचनाएँ जैसे – स्टोमाटा (Stomata), ट्राइकोम (Trichomes), संवहनी बंडल (Vascular Bundles) आदि बनते हैं।
आकार-निर्माण (Morphogenesis):
पौधे की संरचना के बाद पौधे के अंगों जैसे जड़, तना, पत्तियों आदि का निर्माण होता है, जिससे की पौधे को नया आकार मिलता है।
प्रजनन विकास (Reproductive Development):
यह पौधे की वृद्धि और विकास की सबसे जरूरी और अंतिम प्रक्रिया है। हरा भरा पौधा जब अपनी प्रजनन अवस्था में प्रवेश करता है, फलस्वरूप उसमें फूल, फल और बीजों का निर्माण होता है।
पौधे के प्रजनन की यह प्रक्रिया उसके आंतरिक हार्मोनों जैसे ऑक्सिन (Auxins), जिबरेलिन (Gibberellins) आदि तथा कुछ बाहरी कारकों जैसे प्रकाश (Light) और तापमान (Temperature) द्वारा नियंत्रित होती है।
बीज अंकुरण के प्रकार और प्रक्रिया – Seed Germination Types And Process In Hindi
पौधों में कोशिका वृद्धि का क्रम (Cell Growth of Plants)
कोशिका पौधे की सबसे छोटी इकाई होती है। प्रत्येक कोशिका बड़ी होती है और दो अलग-अलग नाभिकों में विभाजित होती हैं।
विभाजन के पश्चात एक नए क्षेत्र का निर्माण होता है, जिसे मेरिस्टेम कहा जाता है। पौधों में मेरिस्टेम एक ऐसा क्षेत्र है, जहां कोशिकाएँ लगातार विभाजित होती हैं और नई कोशिकाओं का निर्माण करती हैं, जिससे पौधों की वृद्धि होती है। मेरिस्टेम मुख्य रूप से दो तरह से बढ़ते हैं:-
- शीर्ष मेरिस्टेम (Apical Meristems) – यह पौधे की जड़ और शूट की नोक पर लंबाई बढ़ाते हैं।
- पार्श्व मेरिस्टेम (Lateral Meristems) – यह कैम्बियम (cambium) की तरह पौधे के तने की मोटाई बढ़ाते हैं।
कोशिका वृद्धि के बाद हम जानेंगे की पौधे की वृद्धि और विकास में ऊतकों का क्या योगदान होता है:-
पौधे के ऊतक और विकास प्रक्रिया (Plant Tissues And Growth)
बहुत सी कोशिकाओं के समूह को ऊतक कहते हैं, जो पौधे की वृद्धि और विकास में सहायक होते हैं। पेड़-पौधे में तीन मुख्य प्रकार के ऊतक होते हैं:
मेरिस्टेमेटिक ऊतक (Meristematic Tissue In Hindi)
यह पौधे की प्राथमिक और द्वितीयक वृद्धि के लिए सहायक होते हैं। कोशिका विभाजन के बाद यह पौधे की शुरूआती वृद्धि अर्थात जड़ या शूट की नोक को बढ़ाते हैं।
स्थायी ऊतक (Permanent Tissue In Hindi)
यह विभाजन के पश्चात मेरिस्टेमेटिक ऊतक से बना होता है, जो कि अब विभाजित नहीं होता है। यह ऊतक मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं:-
- पैरेन्काइमा (Parenchyma) – यह पौधों में भंडारण, प्रकाश संश्लेषण में मदद करते है।
- कोलेन्काइमा (Collenchyma) – इनका कार्य पौधे के बढ़ते क्षेत्रों में समर्थन प्रदान करना है।
- स्क्लेरेन्काइमा (Sclerenchyma) – यह पौधे को मजबूत और कठोर बनाते हैं।
संवहनी ऊतक (Vascular Tissue In Hindi)
यह पौधे के परिवहन ऊतक होते हैं, जो उन्हें जीवित रहने में मदद करते हैं। संवहनी ऊतक मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:-
- जाइलम (Xylem) – यह पौधों के सभी भागों में पानी और खनिजों को पहुँचाने का कार्य करता है।
- फ्लोएम (Phloem) – यह पौधे के सभी हिस्सों में भोजन प्रदान करता है।
(यह भी पढ़ें: बीज के प्रकार: एकबीजपत्री और द्विबीजपत्री बीज….)
पौधों के विकास को प्रभावित करने वाले कारक – Factors Affecting The Growth Of Plants In Hindi
कुछ कारक ऐसे होते हैं, जो पौधे की वृद्धि और विकास को प्रभावित करते हैं, आइये जानते हैं उनके बारे में:-
- आनुवंशिक कारक (Genetic Factors) – यह पौधे के डीएनए (DNA) में निहित होते है जिसके प्रभाव पौधे की प्रजनन क्षमता पर पड़ता है।
- पर्यावरणीय कारक (Environmental Factors) – कुछ पर्यावरणीय कारक जैसे हवा, मिट्टी, प्रकाश, तापमान, जल और पोषक तत्व आदि पौधे की वृद्धि और विकास को प्रभावित कर सकते हैं।
- हार्मोनल नियंत्रण (Hormonal Control) – जैसे कि ऑक्सिन (Auxins), साइटोकाईनिन (Cytokinin), जिबरेलिन (Gibberellins) आदि जो विकास की विभिन्न अवस्थाओं को नियंत्रित करते हैं।
फाइटोहोर्मोन: प्लांट हार्मोन के प्रकार और कार्य – Plant Hormone Types And Their Functions in Hindi
निष्कर्ष – Conclusion In Hindi
पौधों का विकास केवल आकार में वृद्धि नहीं है, बल्कि यह जीवन चक्र की पूर्ण प्रक्रिया है – बीज से अंकुर, फिर परिपक्व पौधा, फिर फूल और फल, और अंततः वृद्धावस्था (Senescence)। यह विकास पौधे की कोशिकाओं, ऊतकों और अंगों में संरचनात्मक व कार्यात्मक बदलाव लाकर उन्हें वातावरण के अनुरूप ढलने, जीवित रहने और अपनी प्रजाति को आगे बढ़ाने में सक्षम बनाता है।
इस लेख में हम पौधों की वृद्धि और विकास (Plant Growth And Development In Hindi ) से संबंधित जानकारी प्राप्त करेंगे। पौधों की वृद्धि कैसे होती है तथा पौधे का विकास कैसे होता है? से संबंधित अन्य जानकारी के लिए हमारे पेज को फॉलो करें।
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