जैविक खेती में कीटनाशकों, शाकनाशी और उर्वरक जैसे रसायनों का प्रयोग नहीं किया जाता है इसलिए यह लंबे समय तक मिट्टी को सुरक्षित रखती है।
जैविक खेती से उगी हुई सब्जियां और फल जैसे उत्पाद खाने में भी बहुत ताज़ा होते हैं और उनका स्वाद भी काफी बेहतर और प्राकृतिक होता है।
जैविक खेती में आनुवंशिक रूप से संशोधित बीज (GMO seed) नहीं उगाए जाते। इससे काफी लागत बचाने में मदद मिलती है।
जैविक खेती में केमिकल का प्रयोग नहीं किया जाता है इसलिए यह पर्यावरण के लिए एक गैर-विषाक्त होती है।
जैविक खेती द्वारा उगाए गये पौधे कार्बन को संग्रहित करने में मदद करते हैं जिससे ग्रीनहाउस प्रभाव कम होता है।
जैविक खेती में विभिन्न प्रकार की फसलें उगाने की असीमित क्षमता है जिसे बाजार में बेचकर काफी लाभ कमाया जा सकता है।
जैविक खेती प्राकृतिक पदार्थों हरी खाद, पशु खाद आदि का उपयोग करके उर्वरक बनाए जाते हैं, जिससे लागत में कमी आती है।
जैविक खेती से उगाए गए पौधों में केमिकल या GMO सीड्स का प्रयोग नहीं किया जाता है इसलिए पौधों की कीट और रोग प्रतिरोधी क्षमता अधिक होती है।
अन्तर्राष्ट्रीय बाजार की स्पर्धा में जैविक खेती से उगाए गए उत्पाद की गुणवत्ता सबसे अच्छी होती है।
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