जैव उर्वरक (बायोफर्टिलाइजर) क्या होते है, प्रकार, उपयोग और लाभ – What is Biofertilizers, Types, Uses and Benefits in Hindi 

अगर आप अपने पौधों की अच्छी ग्रोथ और बेहतर उत्पादन क्षमता के लिए पर्यावरण के अनुकूल खाद या उर्वरक की तलाश कर कर रहे हैं, तो जैव उर्वरकों (बायोफर्टिलाइजर) का उपयोग आपके गार्डन के लिए एक फायदेमंद विकल्प है। आजकल खेती या गार्डनिंग में जैव-उर्वरक का उपयोग काफी प्रचलन मे है। सिंथेटिक उर्वरकों की तुलना में जैवउर्वरक (Biofertilizers) प्रकृति को नुकसान पहुँचाए बिना पौधों के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं। बायो फर्टिलाइजर न सिर्फ मिट्टी को उपजाऊ बनाते हैं, बल्कि इनका उपयोग और भी बहुत से गार्डनिंग के कामों में किया जाता है। आज इस आर्टिकल में हम आपको जैव उर्वरकों (Biofertilizers in Hindi) से संबंधित सारी जानकारी देंगे। जैवउर्वरक या बायोफर्टिलाइजर क्या होते हैं, इनके प्रकार, घटक और बायो फर्टिलाइजर का उपयोग करने के फायदे और नुकसान जानने के लिए आर्टिकल को पूरा पढ़ें।

Table of Contents

जैव उर्वरक क्या होते हैं – What is Biofertilizers in Hindi 

जैव उर्वरक क्या होते हैं - What is Biofertilizers in Hindi 

बायो फर्टिलाइजर या जैवउर्वरक ऐसे पदार्थ हैं, जिनमें विभिन्न प्रकार के सूक्ष्म जीव जैसे फंगस, शैवाल और बैक्टीरिया इत्यादि होते हैं, और पौधों को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करते हैं। इनका मुख्य कार्य पौधों को दिए जाने वाले पोषक तत्वों की मात्रा को प्राकृतिक प्रक्रियाओं के माध्यम से नियंत्रित करना है। रासायनिक उर्वरकों के विपरीत, जैव उर्वरक पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल होते हैं। बायो फर्टिलाइजर का उपयोग मिट्टी में प्राकृतिक पोषक तत्वों का संतुलन वापस लाने और उसमें कार्बनिक पदार्थों की मात्रा बढ़ाने में किया जाता है।

जैव उर्वरकों के उपयोग के माध्यम से पौधों के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्व नाइट्रोजन, फास्फोरस और कई अन्य सूक्ष्म पोषक तत्व प्रदान किये जाते हैं, जो पौधों को ग्रोथ करने, फलने, फूलने और स्वस्थ रहने में मदद करते हैं।

(यह भी जानें: जैविक खाद क्या होती है, इसके प्रकार और लाभ…)

जैव उर्वरक के प्रकार – Types of Biofertilizers in Hindi 

जैव उर्वरक के प्रकार - Types of Biofertilizers in Hindi 

बायोफर्टिलाइजर प्राकृतिक या कार्बनिक पदार्थ होते हैं, जिनमें जीवित सूक्ष्मजीव होते हैं, जो मिट्टी की उर्वरता बढ़ाते हैं और पौधों के विकास को बढ़ावा देते हैं। बायो फर्टिलाइजर कई प्रकार के होते हैं, और अपने प्रकार के आधार पर किसी विशेष पौधों के लिए प्रयोग किये जा सकते हैं। आइए जानते हैं- जैव उर्वरक (बायोफर्टिलाइजर) के प्रकार के बारे में।

बैक्टीरियल बायोफर्टिलाइजर – Bacterial Biofertilizer in Hindi 

बैक्टीरियल बायोफर्टिलाइजर में जीवित सूक्ष्मजीव को उर्वरक के रूप में उपयोग किये जाते हैं, जो पौधों और फसलों को प्राथमिक पोषक तत्वों की उपलब्धता बढ़ाकर उनको बढ़ने और विकसित होने में मदद करते हैं। इन उर्वरकों का प्रयोग मुख्य रूप से बीन्स, दालें, मूंगफली, सोयाबीन, मक्का, जौ, जई, ज्वार, गन्ना, चावल आदि फसलों में किया जाता है। जीवाणु जैव उर्वरक के अंतर्गत निम्न उर्वरक आते हैं:-

  • राइजोबियम बायोफर्टिलाइजर (Rhizobium Biofertilizer)
  • एजोस्पिरिलम बायोफर्टिलाइजर (Azospirillum Biofertilizer)
  • एजोटोबैक्टर बायोफर्टिलाइजर (Azotobacter Biofertilizer)
  • फॉस्फोबैक्टीरिया बायोफर्टिलाइजर (Phosphobacteria Biofertilizer)

(यह भी जानें: गर्मियों में अपना गार्डन कैसे तैयार करें…)

शैवाल जैव उर्वरक – Algae Biofertilizer in Hindi 

शैवाल बायोफर्टिलाइजर - Algae Biofertilizer in Hindi 

जैव उर्वरक के प्रकार में से एक है, शैवाल जैव उर्वरक। यह बहुत ही फायदेमंद उर्वरक होते हैं, जो पौधों की उत्पादन क्षमता में सुधार करते हैं। अगर आप किसी पौधे में शैवालीय जैव उर्वरक (Algae Biofertilizer) का प्रयोग करते हैं, तो उसकी उत्पादकता 10-15% तक बढ़ सकती है। नील हरित शैवाल का धान की खेती में सर्वाधिक इस्तेमाल होता हैं। यह उर्वरक कम कीमत में आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। शैवाल जैव उर्वरकों में निम्न उर्वरक आते हैं:-

  • साइनोबैक्टीरिया या नील-हरित शैवाल जैव-उर्वरक  (Blue Green Algae Biofertilizer)
  • एजोला बायोफर्टिलाइजर (Azolla Biofertilizer)

कवक जैव उर्वरक – Fungal Biofertilizer in Hindi 

जैव उर्वरक के प्रकारों में फंगल बायो फर्टिलाइजर भी शामिल हैं, यह पौधे को पर्याप्त खनिज और पोषक तत्व प्रदान करता है, जो उनके स्वस्थ विकास को बढ़ावा देने में मदद करते हैं। इन उर्वरकों का प्रयोग मुख्य रूप से सजावटी पौधे, झाड़ियाँ, पानी में उगने वाले पौधे, बेल वाले पौधे इत्यादि में किया जाता है।

एसिटिनिमाइसेट्स – Actinomycetes Biofertilizer in Hindi 

एसिटिनिमाइसेट्स बायोफर्टिलाइजर्स को इनमें से एक माना जाता है। यह उर्वरक नाइट्रोजन स्थिरीकरण, फॉस्फेट घुलनशीलता आदि सभी तरीकों से पौधों को लाभ पहुंचाते हैं। एसिटिनिमाइसेट्स जैवउर्वरक पौधों के विकास को बढ़ावा देते हैं और साथ ही पौधों को हानिकारक रोगजनकों से बचाते हैं।

(यह भी जानें: अम्लीय मिट्टी किसे कहते हैं? अम्लीय मृदा बनने के कारण तथा सुधार के उपाय…)

बायो फर्टिलाइजर के घटक – Components of Biofertilizers in Hindi 

बायो फर्टिलाइजर के घटक - Components of Biofertilizers in Hindi 

मिट्टी की संरचना में सुधार करने और उसे बेहतर बनाने में जैव उर्वरकों (बायोफर्टिलाइजर) की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इन उर्वरकों में कई घटक शामिल होते हैं, जो पर्यावरण के अनुकूल रहकर पौधों को वृद्धि करने में मदद करते हैं। जैव उर्वरक के प्रमुख घटक निम्न हैं:-

  • बायो कम्पोस्ट – फैक्ट्री या उद्योगों का कचरा होता है, इसमें बैक्टीरिया, कवक होते हैं, जो स्थायी पौधों के विकास को बढ़ावा देते हैं।
  • ट्राइको-कार्ड – यह एक पर्यावरण अनुकूल उत्पाद है, जो पौधों को हानिकारक कीटों और कीड़ों से बचाते हैं और स्वस्थ रहने में मदद करते हैं।
  • एज़ोटोबैक्टर – यह पौधों की ग्रोथ के लिए आवश्यक नाइट्रोजन प्रदान करता है और पौधों की जड़ों को मिट्टी के रोगजनकों से बचाता है, पोषक तत्वों की अवशोषण क्षमता में वृद्धि करता है।
  • फास्फोरस – यह मिट्टी में नाइट्रोजन के स्तर को निर्धारित करने और पौधों में फलों और फूलों की वृद्धि के लिए आवश्यक है।
  • वर्मीकम्पोस्ट – यह पौधों के विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसमें विटामिन, सल्फर, हार्मोन, कार्बनिक पदार्थ और एंटीबायोटिक्स होते हैं, जो मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाते हैं।

जैव उर्वरक का उपयोग – Use of Bio-fertilizers in Hindi 

बायोफर्टिलाइजर का उपयोग - Use of Bio-fertilizers in Hindi 

बायोफर्टिलाइजर के कई उपयोग हैं, जो उन्हें गार्डनिंग में एक महत्त्वपूर्ण स्थान देते हैं। बायोफर्टिलाइजर का प्रयोग निम्न कार्यों के लिए किया जाता है:-

  • मिट्टी का उपचार – आप मिट्टी में जैवउर्वरकों के साथ अन्य सामग्रियां जैसे जैविक खाद, रेत, पर्लाइट, वर्मीकुलाइट आदि चीजें मिलाकर पॉटिंग मिक्स या सीडलिंग मिक्स तैयार कर सकते हैं। मिश्रण में आवश्यकतानुसार जैव उर्वरकों को मिलाएं और रात भर के लिए रख दें।
  • सीड ट्रीटमेंट – जैव उर्वरक का उपयोग बीज उपचार के लिए भी किया जाता है। बीजों को नाइट्रोजन और फास्फोरस उर्वरकों के मिश्रण में भिगोएँ, फिर उन्हें जल्दी सूखने दें और सख्त होने दें।
  • पौधे की ग्रोथ के लिए – जैव उर्वरकों का गार्डनिंग में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है, इनके माध्यम से पौधे में नाइट्रोजन और फास्फोरस की पूर्ति की जाती है।

(यह भी जानें: बीज उपचार क्या है, कैसे करें, इसके फायदे और नुकसान…)

आइये अब जानते हैं- जैवउर्वरकों के लाभ (benefits of biofertilizer in hindi) के बारे में

जैव उर्वरक के लाभ – Benefits or Advantages of Biofertilizer in Hindi

जैव उर्वरक के लाभ - Benefits or Advantages of Biofertilizer in Hindi

अगर आप अपने गार्डन में जैव उर्वरक का इस्तेमाल करते हैं, तो इसके उपयोग करने के आपको निम्न फायदे हो सकते हैं:-

मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार

जैवउर्वरकों में लाभकारी सूक्ष्मजीव होते हैं, जो मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार करते हैं। यह सूक्ष्मजीव कार्बनिक पदार्थों का अपघटन करके मिट्टी की संरचना में सुधार करते हैं, जिससे मिट्टी स्वस्थ और अधिक उपजाऊ बनती है।

पोषक तत्वों की निरंतर आपूर्ति

जैव उर्वरक (biofertilizer) का प्रयोग करना पौधों को आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति का एक बेहतरीन विकल्प है। यह पौधों को नाइट्रोजन, फास्फोरस जैसे आवश्यक पोषक तत्वों के साथ अन्य सूक्ष्म पोषक तत्व भी प्रदान करते हैं, जिससे वह बेहतर ग्रोथ करते हैं।

पोषक तत्व अवशोषण क्षमता में वृद्धि

जैवउर्वरक मिट्टी की पोषक तत्वों को ग्रहण करने की क्षमता में सुधार करते हैं, जिससे पौधे को अधिक बार उर्वरक देने की आवश्यकता नहीं होती है।

रोग प्रतिरोधी क्षमता में सुधार

यह उर्वरक उन हानिकारक कीटों से छुटकारा दिलाते हैं, जो पौधों को रोगग्रस्त कर सकते हैं।

उपज में वृद्धि

यदि आप गार्डन में जैव उर्वरकों का उपयोग करते हैं, तो आप पौधे, मिट्टी या पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना अधिक फल और सब्जियां प्राप्त कर सकते हैं।

जैविक पुनर्चक्रण

यह सूक्ष्म जीव होते हैं, जो पुराने पौधों की सामग्री को अपघटित करते हैं और पोषक तत्वों में बदल देते हैं।

सभी मौसम में उपयोगी

आप अपने गार्डन में जैव उर्वरकों का उपयोग किसी भी मौसम में कर सकते हैं।

पर्यावरण-अनुकूल और किफायती

बायोफर्टिलाइजर पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल होते हैं और हमे किफायती दामों में आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं।

नाइट्रोजन की पूर्ति

बायोफर्टिलाइजर हवा से नाइट्रोजन प्राप्त कर अमोनिया के रूप में पौधों को प्रदान करते हैं, जिससे उन्हें प्रारंभिक ग्रोथ में मदद मिलती है।

(यह भी जानें: पौधों में कवक से होने वाले इन रोगों को न करें इग्नोर…)

जैव उर्वरक के नुकसान – Disadvantages of Biofertilizer in Hindi

वैसे तो जैव उर्वरक/बायोफर्टिलाइजर पूरी तरह से पर्यावरण के अनुकूल होते हैं, इनका पौधे या आसपास के वातावरण पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ता है। लेकिन फिर भी इनकी अपनी कुछ सीमाएं हैं, जिनके कारण कुछ कमियां देखने को मिल सकती हैं। आइये जानते हैं- बायो फर्टिलाइजर के नुकसान के बारे में, जो कि इस प्रकार हैं:-

  • बायो फर्टिलाइजर सिंथेटिक उर्वरकों का स्थान नहीं लेते, बल्कि उनके साथ काम करते हैं।
  • जैव उर्वरक की तुलना में रासायनिक उर्वरक उत्पादकता में काफी सुधार कर सकते हैं, लेकिन यह प्रकृति को भी नुकसान पहुंचाते हैं।
  • जैवउर्वरक प्रकाश के प्रति संवेदनशील होते हैं, अतः सूक्ष्मजीवों को बहुत लंबे समय तक धूप के संपर्क में रहने पर नुकसान हो सकता है।
  • माइक्रोबियल उर्वरकों की शेल्फ लाइफ कम होते हैं, वे रूम टेम्परेचर पर 6 महीने और ठंडे तापमान पर 2 साल तक उपयोगी होते हैं।
  • इनका गलत तरीके से उपयोग करने पर उत्पादन क्षमता में सुधार नहीं होता है।

(यह भी जानें: सब्जियों के लिए सबसे अच्छा उर्वरक और जैविक खाद…)

FAQ

Q.1 हमें जैव उर्वरकों का उपयोग क्यों करना चाहिए?

उत्तर: लंबे समय तक रासायनिक उर्वरकों के उपयोग से मिट्टी ख़राब हो जाती है और पैदावार कम हो जाती है। इसलिए मिट्टी की उर्वरता बढाने के लिए जैवउर्वरकों की आवश्यकता होती है। वहीं जैव उर्वरक, मिट्टी की जल धारण क्षमता बढ़ाते हैं और मिट्टी में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और अन्य आवश्यक पोषक तत्व जोड़ते हैं। यह प्राकृतिक उर्वरक होते हैं, इसलिए खेती में व्यापक रूप से उपयोग किए जाते हैं।

Q.2 जैवउर्वरक के रूप में उपयोग किए जाने वाले सूक्ष्मजीव कौन कौन से हैं।

उत्तर: जैवउर्वरक के रूप में उपयोग में आने वाले सूक्ष्मजीव निम्न हैं:

  • राइजोबियम
  • एजोटोबैक्टर
  • एज़ोस्पिरिलम

Leave a comment