C2H4 एथिलीन के गुण, बनाने के विधि, उपयोग और महत्व – What is Ethylene Gas Properties, Uses in Hindi

एथिलीन क्या है, जानें गुण, बनाने के विधि, उपयोग और महत्व - What is Ethylene Gas, Properties, Uses in Hindi

C2H4 एथिलीन के गुण, बनाने के विधि, उपयोग और महत्व – What is Ethylene Gas Properties, Uses in Hindi

रासायनिक उद्योग और पादप जगत के क्षेत्र में एथिलीन (एथीन) एक आवश्यक कार्बनिक रसायन और पादप हार्मोन है। आमतौर पर पॉलीथीन का उत्पादन में एथिलीन का उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, एथिलीन गैस (Ethylene gas) का उपयोग फलों को पकाने, बीज के अंकुरण आदि के लिए कृषि पद्धतियों में भी होता है। एथिलीन का सूत्र C2H4 या H2C=CH2 होता है, यह एक प्रकार का प्लांट हॉर्मोन भी है। आश्चर्यजनक एथिलीन के गुण और विशेषताओं के कारण इसे अनेक उद्योगों में उपयोग किया जाता है। इस लेख में हम एथिलीन क्या है (What is Ethylene in Hindi), एथिलीन की संरचना, गुण, बनाने की विधि और उपयोग के बारे में विस्तार से जानेंगे, साथ ही पौधों में एथिलीन के प्रमुख कार्य और महत्व को भी जानेंगे।

एथिलीन क्या है? – What is Ethylene in Hindi 

Ethylene in Hindi: एथिलीन एक असंतृप्त हाइड्रोकार्बन है, जिसका रासायनिक सूत्र C2H4 या H2C=CH2 है। यह एक रंगहीन, ज्वलनशील गैस है। शुद्ध एथिलीन गैस से हल्की “मीठी और कस्तूरी” जैसी गंध आती है। एथिलीन सबसे सरल कार्बन-कार्बन डबल बंध वाला एक हाइड्रोकार्बन “एल्कीन” (Alkene) है।

  • IUPAC नाम – एथीन
  • अन्य नाम – एथिलीन, एथीन (Ethene), एलायल (Elayl), ओलेफ़िएंट गैस (Olefiant gas)
  • C2H4 में संकरण (ethylene hybridization) – sp² संकरण
  • आण्विक सूत्र (Ethylene Molecular Formula) – C2H4 या H2C=CH2

एथिलीन की संरचना – Ethylene Structure in Hindi 

एथीन की संरचना - Ethane Structure in Hindi 

एथीन या एथिलीन एक 4 हाइड्रोजन और 2 कार्बन परमाणुओं वाला सरल हाइड्रोकार्बन है। इसमें चार हाइड्रोजन एकल बंध होते हैं, जो डबल बांड (द्वि-बन्ध) वाले कार्बन परमाणुओं के साथ जुड़े होते हैं। एथिलीन के दोनों कार्बन परमाणु sp² संकरण अवस्था में होते हैं, और H-C-H के मध्य 117.4° का कोण होता है, जो 120° के करीब है।

एथिलीन गैस के कुछ रोचक तथ्य – Facts of Ethylene in Hindi

  • एथीन एक गैस आणविक एल्कीन है।
  • यह गैस हवा से हल्की होती है।
  • यह आसानी से ज्वलनशील है और आग आसानी से रिसाव के स्रोत तक वापस जा सकती है।
  • यह विषैली नहीं है, लेकिन एक साधारण श्वासावरोधक है।
  • लंबे समय तक आग या तीव्र गर्मी के संपर्क में रहने से एथिलीन से भरे कंटेनर में विस्फोट हो सकता है और रॉकेट बन सकते हैं।
  • एथिलीन का उपयोग संवेदनाहारी (anesthetic), रेफ्रिजरेंट (refrigerant) और अन्य रसायन बनाने के लिए किया जाता है।
  • यह एक पादप हार्मोन भी है।

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एथिलीन का निर्माण – Formation of Ethylene in Hindi

Ethylene एक महत्वपूर्ण औद्योगिक कार्बनिक रसायन है। इसका विश्वव्यापी उत्पादन किसी भी अन्य कार्बनिक यौगिक से अधिक है। एथिलीन का उत्पादन प्राकृतिक गैस को गर्म करके किया जाता है। विशेष रूप से जब प्राकृतिक गैस के ईथेन (ethane) और प्रोपेन (propane) घटकों, या पेट्रोलियम को 800-900 डिग्री सेल्सियस तक गर्म किया जाता है, तब गैसों का एक मिश्रण बनता है, जिससे एथिलीन गैस अलग कर ली जाती है।

एथिलीन के स्रोत – Source of Ethylene in Hindi

एथीन के स्रोत - Ethane Source in Hindi

एथीन या एथिलीन का मुख्य स्रोत प्राकृतिक गैस और पेट्रोलियम हैं। यह पौधों में प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला एक पादप हार्मोन है।

एथिलीन के भौतिक गुण – Physical Properties of Ethylene in Hindi

  • अवस्था (Ethylene state) – एथिलीन कमरे के तापमान और मानक दबाव पर एक रंगहीन गैस है। यह बेहद कम तापमान (-169.15°C या -272.47°F) पर तरल अवस्था में होती है।
  • गंध (Ethylene Odor) – एथिलीन आमतौर पर गंधहीन होता है। लेकिन शुद्ध एथिलीन गैस से हल्की “मीठी और कस्तूरी” जैसी गंध आ सकती है।
  • घनत्व (Ethylene Density) – एथिलीन गैस का घनत्व लगभग 0.082 kg/m³ (0°C और 1 atm दबाव पर) है।
  • क्वथनांक (Ethylene Boiling Point) – एथिलीन का क्वथनांक 103.9 डिग्री सेल्सियस [−155.0 डिग्री फ़ारेनहाइट] होता है।
  • गलनांक (Ethylene Melting Point) – चूँकि एथिलीन बेहद कम तापमान पर गैस से सीधे ठोस में संक्रमण से गुजरता है। हालाँकि एथिलीन का गलनांक −169.4 डिग्री सेल्सियस [−272.9 डिग्री फ़ारेनहाइट] माना जाता है।
  • घुलनशीलता (Ethylene Solubility) – एथिलीन गैस पानी में बेहद कम घुलनशील होती है, लेकिन गैर-ध्रुवीय सॉल्वैंट्स (non-polar solvents) में अच्छी तरह से घुल जाती है।
  • ज्वलनशीलता (Flammability) – एथिलीन ऑक्सीजन की उपस्थिति में अत्यधिक ज्वलनशील गैस है।
  • आणविक भार (Ethylene Molecular Weight) – एथिलीन का आणविक भार लगभग 28.05 ग्राम/मोल होता है।

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एथिलीन के रासायनिक गुण – Ethylene chemical properties in Hindi

  • रासायनिक सूत्र – एथिलीन का रासायनिक सूत्र C2H4 है, जो दर्शाता है कि इसमें दो कार्बन परमाणु और चार हाइड्रोजन परमाणु होते हैं।
  • प्रतिक्रियाशीलता (Reactivity) – एथिलीन सामान्य परिस्थितियों में अपेक्षाकृत स्थिर होता है, लेकिन विशिष्ट परिस्थितियों में यह हैलोजन, हैलाइड और अन्य प्रतिक्रियाशील पदार्थों के साथ क्रिया कर सकता है।
  • पॉलिमराइजेशन (Polymerization) – गर्मी या कुछ उत्प्रेरकों के प्रभाव में एथिलीन, पोलीमराइजेशन क्रिया द्वारा पॉलीइथाइलीन बना सकता है, जो सबसे व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले प्लास्टिक में से एक है।
  • हैलोजन के साथ प्रतिक्रिया – एथिलीन हैलोजन (जैसे, क्लोरीन, ब्रोमीन) के साथ प्रतिक्रिया करके हैलोजेनेटेड डेरिवेटिव बना सकता है।
  • हाइड्रोजनीकरण (Hydrogenation) – एथिलीन हाइड्रोजन और एक उपयुक्त उत्प्रेरक की उपस्थिति में ईथेन (ethane) का उत्पादन करने के लिए हाइड्रोजनीकरण प्रतिक्रियाओं से गुजर सकता है।

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एथिलीन का उपयोग – Ethylene Uses in Hindi 

एथिलीन का उपयोग - Ethylene Uses in Hindi 

एथीन या एथिलीन का सबसे अधिक उपयोग रासायनिक उद्योगों में किया जाता है, किसी भी अन्य कार्बनिक यौगिक की अपेक्षा एथिलीन का उत्पादन विश्वस्तर पर अधिक होता है। इस उत्पादन का अधिकांश हिस्सा पॉलीथीन बनाने में उपयोग होता है, जो एक व्यापक रूप से उपयोग किया जाने वाला प्लास्टिक है, जिसमें एथिलीन इकाइयों की बहुलक श्रृंखलाएं होती हैं।

इसका उपयोग इथेनॉल बनाने में भी होता है, जहाँ हाइड्रेट एथिलीन, इथेनॉल (ethanol) है।

इसके अलावा, एथिलीन गैस (Ethylene gas) एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक पादप हार्मोन है और इसका उपयोग कृषि में फलों को पकाने के लिए भी किया जाता है। एथिलीन हार्मोन पौधों के विकास को रोकता है और पत्तियों के गिरने को बढ़ावा देता है। यह फलों को पकने में भी मदद करता है।

एथिलीन गैस के अन्य उपयोग निम्न हैं:

  • ऑक्सीएथिलीन गैस वेल्डिंग और धातुओं की कटिंग के काम आती है।
  • यह एक सामान्य संवेदनाहारी (anesthetic) के रूप में उपयोगी है।
  • शराब, मस्टर्ड गैस और कई अन्य कार्बनिक पदार्थों के निर्माण में एथिलीन का उपयोग किया जाता है।
  • पॉलिथीन, पॉलीस्टाइनिन और अन्य प्लास्टिक का निर्माण एथिलीन से होता है।

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एथिलीन का पोलीमराइजेशन – Ethylene Polymerization in Hindi 

एथीन या एथिलीन का उपयोग मुख्य रूप से दो श्रेणियों में होता है -i) मोनोमर ii) अन्य दो-कार्बन यौगिकों के लिए प्रारंभिक सामग्री के रूप में। एथिलीन के छोटे-छोटे अणुओं के बार-बार जुड़ने से पॉलीइथाइलीन (polyethylene) बनता है। यह पॉलिमराइजेशन प्रक्रिया द्वारा निर्मित एक पॉलिमर है। पॉलीइथाइलीन या पॉलीथीन के बहुत सारे उपयोग हैं, क्योंकि यह पैकेजिंग फिल्म, वायर कोटिंग, बोतलों के उत्पादन में उपयोगी है।

यदि उच्च दबाव और उच्च तापमान पर पोलीमराइजेशन की प्रक्रिया संपन्न होती है, तो कम घनत्व वाली पॉलीथीन (low-density polyethylene) बनती है। यदि पोलीमराइजेशन की क्रिया ज़िग्लर-नट्टा उत्प्रेरक (Ziegler- Natta catalytic) जैसे Al(C2H5)3 की उपस्थिति में की जाती है, तो इससे उच्च-घनत्व वाली पॉलीथीन (high-density polyethylene) का निर्माण होता है। उच्च घनत्व और निम्न घनत्व पॉलीथीन के अलग-अलग गुण होते हैं।

एथिलीन प्लांट हार्मोन – Ethylene plant hormone in Hindi 

एथिलीन प्लांट हार्मोन - Ethylene plant hormone in Hindi 

वैज्ञानिक गेन ने सबसे पहले पाया कि पके सेब से एक गैस निकलती है, जो हरे सेब को भी पकने में मदद करती है। क्रोकर ने इसे पादप हार्मोन के रूप में पहचाना। एथिलीन की पानी में घुलनशीलता बहुत कम होती है, जिसके कारण यह हार्मोन कोशिका के भीतर जमा नहीं होता है, बल्कि कोशिका से बाहर फैल जाता है और पौधे से बाहर निकल जाता है। पौधों में एथिलीन का उत्पादन लगभग सभी अंगों द्वारा होता है, लेकिन अधिकतम उत्पादन पकने वाले फलों और पुरानी पत्तियों में होता है। यह पौधों में प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला एक हार्मोन है, जो निम्न कार्यों को अपनी भूमिका निभाता है

  • एथिलीन के मुख्य कार्य फलों को पकाना, पत्ती विच्छेदन, तने और जड़ के बढ़ने को रोकना है।
  • यह आलू के कंदों के अंकुरण में मदद करता है।
  • एथिलीन और ऑक्सिन पार्श्व कली गठन (lateral bud formation) को रोकते हैं।
  • यह रबर के पेड़ में लेटेक्स (latex) प्रवाह को उत्तेजित करने में मदद करता है।
  • एथिलीन गार्डनिंग या कृषि के क्षेत्र में एथाफोन (ethaphone) नामक एक कृत्रिम घोल के रूप में उपयोगी है, जिसका उपयोग फलों को कृत्रिम रूप से पकाने के लिए किया जाता है। एथाफोन से कपास के रेशे पतले हो जाते हैं और अखरोट का छिलका भी पतला हो जाता है।
  • यह खीरे में मादा फूलों के निर्माण को बढ़ाता है और अनानास में फूल आने में मदद करता है।

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एथिलीन के नुकसान – Disadvantage of Ethylene in Hindi 

  • एथिलीन कटे हुए फूलों को तेजी से नष्ट कर देता है और इससे सब्जियां पीली हो जाती हैं।
  • यह मनुष्यों के लिए भी हानिकारक है क्योंकि तरल एथिलीन सिरदर्द, थकान, शीतदंश (frostbite) का कारण बन सकता है।
  • एथिलीन ज्वलनशील गैस है, इसलिए यह आग और विस्फोट के खतरे का कारण बन सकती है।
  • एथिलीन के अधिक उपयोग से फल जल्दी सड़ सकते हैं, इसलिए किसानों को सावधान रहना चाहिए।

एथिलीन संवेदनशील फल – Ethylene Sensitive Fruits in Hindi 

कुछ फल और सब्जियां ऐसी होती हैं, जो एथिलीन के प्रति संवेदनशील होती है और तेजी से पकते हैं, जैसे:

  • सेब
  • एवोकाडो
  • केले
  • नींबू
  • आम
  • कीवी
  • अंगूर
  • तरबूज
  • खरबूजा
  • एस्परैगस
  • ब्रोकोली
  • हरा कोलार्ड
  • लेटस
  • खीरा
  • बैंगन
  • प्याज
  • काली मिर्च
  • स्वीट पोटैटो

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varsha

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