जड़ों के प्रकार: मूसला और रेशेदार जड़ में अंतर – Difference Between Taproot And Fibrous Roots In Hindi
जड़ें पौधे का आधार होती हैं, जिनके सहारे पूरा पौधा टिका हुआ रहता है। यह पौधों को मिट्टी से बांधे रखती हैं और मिट्टी से पानी और पोषक तत्वों को अवशोषित कर पौधे के सभी हिस्से तक पहुंचाती हैं। आमतौर पर पौधे की जड़ें दो प्रकार की होती हैं- मूसला जड़ और रेशेदार जड़। हालाँकि दोनों के कार्य करने के तरीके अलग-अलग हो सकते हैं। आज इस आर्टिकल में हम आपको मूसला जड़ और रेशेदार जड़ के बीच अंतर बतायेंगे, जिससे आप इन्हें अच्छी तरह पहचान सकें। मूसला जड़ और रेशेदार जड़ में क्या अंतर हैं? Difference Between Taproot And Fibrous Roots In Hindi जानने के लिए आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
मूसला जड़ किसे कहते हैं – What Are Taproots In Hindi
मूसला जड़ें, जिन्हें टैपरूट कहा जाता है, यह पौधे की प्राथमिक जड़ें होती हैं, जो बीज से वर्टिकल रूप से नीचे की ओर बढ़ती हैं। यह पौधे की जड़ प्रणाली की मुख्य, केंद्रीय और सबसे बड़ी जड़ होती है, जो अपनी गहराई के साथ पौधे को स्थिरता और समर्थन प्रदान करती है इसके अतिरिक्त मूसला जड़ अक्सर भंडारण अंग के रूप में कार्य करती है, जो कार्बोहाइड्रेट, पानी और अन्य पोषक तत्वों को स्टोर करती है यह पौधे की तनाव की अवधि के दौरान या विकास और प्रजनन में सहायता प्रदान करती हैं।
मूसला जड़ के उदाहरण: मूसला जड़ों के अंतर्गत गाजर, मूली, चुकंदर, टर्निप, पार्सनिप आदि आते हैं।
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रेशेदार जड़ किसे कहते हैं – What Are Fibrous Root In Hindi
जड़ों का दूसरा प्रकार रेशेदार जड़, जैसे नाम से ही स्पष्ट है रेशे के समान जड़ें। यह जड़ें पतली, बाल जैसी होती हैं, जो मिट्टी की सतह के ठीक नीचे फैली होती हैं। रेशेदार जड़ें मूसला जड़ों के विपरीत, गहराई तक प्रवेश नहीं करती हैं, अर्थात अपना विस्तार गहाराई में न करके चौड़ाई में करती हैं। जमीन के अन्दर यह जड़ें एक बड़े क्षेत्र में पानी और पोषक तत्वों को अवशोषित करती है, रेशेदार जड़ प्रणालियां पौधे को स्थिरता प्रदान करती हैं और मिट्टी के कटाव को रोकती हैं।
रेशेदार जड़ के उदाहरण: चावल, गेहूँ, मक्का, गेंदा, केला, घास की जड़ें आदि।
मूसला जड़ और रेशेदार जड़ में अंतर – Difference Between Taproot And Fibrous Roots In Hindi
मूसला जड़ और रेशेदार जड़ क्या होती है? जानने के बाद, हम आपको इनके बीच कुछ बेसिक डिफरेंस बतायेंगे, जिससे आप इन्हें और अच्छी तरह समझ सकें। मूसला जड़ और रेशेदार जड़ में अंतर कुछ इस प्रकार हैं:
1. संरचना या बनावट – Structure of Taproot And Fibrous Roots In Hindi
मूसला जड़ पौधे की मुख्य जड़ होती है, जो उभरी हुई और मोटी होती है तथा वर्टिकल रूप से नीचे की ओर बढ़ती है। इसके विपरीत रेशेदार जड़ों में कई पतली-पतली जड़ें होती हैं, जो तने के आधार से विकसित होकर मिट्टी में फैली हुई होती हैं।
2. जीवन चक्र – Life Cycle In Hindi
मूसला जड़ें वार्षिक, द्विवार्षिक और बारहमासी सभी पौधों पाई जाती हैं, जबकि रेशेदार जड़ें अक्सर वार्षिक पौधों होती हैं।
3. लम्बाई – Length In Hindi
मूसला जड़ें लंबवत रूप से जमीन की गहराई में लंबी बढ़ती हैं तथा रेशेदार जड़ें आम तौर पर क्षैतिज रूप से फैलती हैं और एक बड़े क्षेत्र को कवर करती हैं।
4. शाखाएं – Branches In Hindi
मूसलादार जड़ पौधे की मुख्य जड़ होती है जिसकी शाखाएँ बहुत कम होती हैं। इसके विपरीत रेशेदार जड़ों में छोटे-छोटी अनेकों शाखाएँ होती हैं, जो एक जाल के समान संरचना बनाती हैं।
5. भंडारण – Storage In Hindi
यह मूसला जड़ और रेशेदार जड़ में मुख्य अंतर है। टैपरूट्स अक्सर पौधों के लिए पानी और पोषक तत्वों को स्टोर करती हैं, जबकि रेशेदार जड़ें मुख्य रूप से पौधे के स्थिरीकरण और अवशोषण के लिए होती हैं, यह लंबे समय तक पोषक तत्वों को स्टोर नहीं कर पाती हैं।
6. अनुकूलन क्षमता – Adaptability In Hindi
टैपरूट्स शुष्क वातावरण में उगने वाले पौधों के लिए उपयुक्त होती हैं, क्योंकि यह जल तथा पोषक तत्वों को स्टोर कर लेती हैं। इसके विपरीत रेशेदार जड़ें पोषक तत्वों से भरपूर मिट्टी में अच्छी तरह विकसित होती हैं।
7. पुनर्जनन – Regeneration In Hindi
टैपरूट की मुख्य जड़ से एक नए पौधे विकसित हो सकते हैं, जबकि रेशेदार जड़ें राइजोम (Rhizome) या स्टोलन (Stolon) से नए पौधे विकसित करती हैं।
8. हार्वेस्टिंग – Harvesting In Hindi
सिंगल जड़ के कारण मूसला जड़ों की हार्वेस्टिंग करना आसान होता है, लेकिन इसके विपरीत उलझी हुई होने के कारण रेशेदार जड़ों की कटाई कुछ मुश्किल होती है।
9. एयरेशन – Aeration In Hindi
टैपरूट्स मिट्टी में गहराई तक जाती हैं, जिससे एयरेशन में सुधार होता है। लेकिन रेशेदार जड़ें घनी होती हैं, जो मिट्टी के कटाव को रोकने में मदद तो करती हैं, लेकिन मूसला जड़ों की तुलना में वातन को कम कर सकती हैं।
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मूसला जड़ और रेशेदार जड़ के बीच समानताएं – Similarities Between Taproot And Fibrous Roots In Hindi
आमतौर पर पौधों में मूसला और रेशेदार जड़ें दोनों प्रकार की जड़ें होती हैं दोनों का ही कार्य पौधों को स्थिर रखना और पानी और पोषक तत्वों को अवशोषित करना होता है। हालाँकि की दोनों में बहुत डिफ़रेंस होते हैं लेकिन कुछ समानताएं भी होती हैं, जो कि इस प्रकार हैं:-
- विकास: मूसला जड़ें और रेशेदार जड़ें दोनों ही पौधे के बीज या मूलांकुर से विकसित होती हैं।
- कार्य: मूसला और रेशेदार दोनों प्रकार की जड़ें पौधे को मिट्टी में स्थिर रखती हैं, स्थिरता और समर्थन प्रदान करती हैं।
- अवशोषण: मूसला जड़ें और रेशेदार जड़ें दोनों मिट्टी से पानी और पोषक तत्वों को अवशोषित करती हैं।
- पौधे की जीवन शक्ति: पौधों के समग्र स्वास्थ्य और अस्तित्व के लिए आवश्यक, मूसला जड़ें और रेशेदार जड़ें पौधे की अच्छी वृद्धि में योगदान करती हैं।
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पौधे की जड़ों से सम्बंधित प्रश्न और उनके उत्तर – FAQ Related To Taproot And Fibrous Roots In Hindi
प्रश्न 1: क्या एक ही पौधे में मूसला और रेशेदार दोनों प्रकार की जड़ें हो सकती हैं?
उत्तर: हाँ, कुछ पौधों में मूसला जड़ और रेशेदार दोनों जड़ प्रणालियाँ हो सकती हैं, जिनमें शकरकंद, टमाटर, गाजर आदि शामिल हैं।
प्रश्न 2: किन पौधों की जड़ें मूसला होती हैं और किन पौधों की जड़ें रेशेदार होती हैं?
उत्तर: मूसला जड़ें आमतौर पर द्विबीजपत्री पौधों में पाई जाती हैं, जिनमें ओक और गाजर के पौधे भी शामिल हैं। घास और गेहूं जैसे एकबीजपत्री पौधों में रेशेदार जड़ें होती हैं।
प्रश्न 3: मिट्टी के पोषक तत्व ग्रहण करने के लिए किस प्रकार की जड़ बेहतर है?
उत्तर: मूसला जड़ें और रेशेदार जड़ें दोनों पोषक तत्व ग्रहण करने में कुशल हैं, लेकिन उनकी प्रभावशीलता मिट्टी की स्थिति पर निर्भर करती है।
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इस लेख में आपने जाना मूसला जड़ और रेशेदार जड़ के बीच क्या अंतर है। आशा करते हैं हमारा लेख Difference Between Taproot And Fibrous Roots In Hindi आपको पसंद आया हो। इस लेख के संबंध में आपके जो भी सुझाव हैं, हमें कमेंट बॉक्स में अवश्य बताएं।
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