फूल के विभिन्न भाग और उनके कार्य – Parts Of Flower And Their Functions In Hindi
फूल अपनी मीठी सुगंध और मनमोहक रंगों से हमें आकर्षित करते हैं। किसी भी फूल का जीवन चक्र तब पूरा होता है, जब वह कली बनने के बाद खिलते हैं और खिलने के बाद बीज बनाते हैं, जिनसे नया पौधा तैयार होता है। फूलों को खिलने से लेकर बीज बनाने की प्रक्रिया में उसके अंग बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। फूल के प्रत्येक भाग का अपना अलग-अलग महत्त्व और कार्य होता है, जो उन्हें खिलने से लेकर फल बनने और बीज बनने में मदद करते हैं। आज इस आर्टिकल में हम आपको फूल के विभिन्न भाग और उनके कार्य के बारे में बतायेंगे, जिससे आप पौधों के साथ फूलों के जीवन चक्र से भी परिचित हो सकें। फूल के कितने भाग होते हैं, फूल के प्रत्येक अंग (Parts Of A Flower In Hindi) की जानकारी के लिए आर्टिकल को पूरा पढ़ें।
फूल क्या है – What Is A Flower In Hindi
आमतौर पर फूल किसी भी पौधे का सबसे खूबसूरत भाग होता है, जो पौधे के जीवन चक्र को पूरा करने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। किसी भी पौधे के फल लगने और बीज बनाने का पूरा श्रेय फूलों को जाता है। फूलों का मुख्य कार्य पौधों में प्रजनन करना, निषेचन के लिए परागणकों को आकर्षित करना और बीज और फल पैदा करना है।
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फूल के विभिन्न भाग – Parts Of A Flower In Hindi
किसी भी फूल के दो प्राथमिक भाग होते हैं:-
- वानस्पतिक भाग (Vegetative Part)
- प्रजनन भाग (Reproductive Part)
वानस्पतिक भाग – Vegetative Part Of Flowers In Hindi
फूल के वानस्पतिक भाग के अंदर उन अंगों को रखा गया है, जो सीधे तौर पर प्रजनन में शामिल नहीं होते हैं। फूलों के यह अंग उसे विकसित होने में मदद करते हैं। आइये जानते हैं फूलों के वानस्पतिक भाग के बारे में, जिनकी जानकारी नीचे दी गई है:-
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पेडुनकल – Peduncle In Hindi
पेडुनकल, फूल का डंठल होता है, जिसके सहारे से वह पौधे पर लगा हुआ होता है। डंठल का मुख्य कार्य फूल को मजबूती से सहारा देना होता है।
रिसेप्टेकल – Receptacle In Hindi
फूल के डंठल का वह भाग जहाँ फूल के हिस्से जुड़े होते हैं, उसे रिसेप्टेकल कहते हैं। फूलों के अन्य भागों की अपेक्षा यह हिस्सा मोटाई में अधिक होता है।
बाह्यदल – Sepals In Hindi
बाह्यदल, जिसे सेपल्स भी कहा जाता है, यह फूल का बाहरी हिस्सा होता है। यह एक पतला हरे रंग का आवरण होता है, जो फूलों की कली को घेरे होता है। इसका कार्य पेटल्स को एक साथ बांधे रखना होता है।
पंखुड़ी – Petals In Hindi
पेटल्स, फूल की पंखुडियां होती हैं, जो रंगीन और सुगंधित होती हैं। पंखुड़ियाँ फूल के प्रजनन अंगों को घेरे रहती हैं इनका मुख्य कार्य पोलिनेटर्स को आकर्षित करना होता है। यह अपने गहरे रंगों से दूर से ही कीड़ों, पक्षियों या अन्य जानवरों को आकर्षित करती हैं, जो पॉलिनेशन में सहायता करते हैं। पंखुड़ियों के विविध रंग और आकार परागण (Pollination) के लिए अनुकूलन स्थितियां प्रदान करते हैं, जो कि उन्हें अच्छी तरह विकसित होने के लिए जरूरी है।
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प्रजनन भाग – Reproductive Part Of Flower In Hindi
फूल के वह भाग जो प्रजनन में मदद करते हैं, उन्हें प्रजनन अंग कहते हैं। फूलों के यह अंग पौधे के समग्र विकास और बीज निर्माण में मदद करते हैं। आइए जानते हैं उन अंगों के बीरे में:-
पुंकेसर – Stamens In Hindi
फूल के नर प्रजनन अंग को पुंकेसर (Stamens) कहा जाता है। पॉलिनेशन के दौरान पुंकेसर से पराग को मादा प्रजनन अंग (स्त्रीकेसर) में ट्रांसफर किया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप पॉलिनेशन की प्रक्रिया शुरू होती है। आमतौर पर पुंकेसर में दो भाग होते हैं:-
- फिलामेंट (Filament) – फिलामेंट एक सहायक संरचना के रूप में कार्य करता है, जो प्रजनन में मदद करता है।
- परागकोष (Anthers) – यह पुंकेसर का वह स्थान है, जहाँ परागों का उत्पादन होता है।
स्त्रीकेसर – Pistil In Hindi
यह फूल का सबसे मुख्य भाग अर्थात मादा प्रजनन अंग होता है, जिसमें बीज बनने की प्रक्रिया संपन्न होती हैं। स्त्रीकेसर में तीन मुख्य भाग होते हैं-
- कलंक (Stigma) – स्टिग्मा फूल के पिस्टल की सबसे ऊपरी सतह होती है, जो पराग को पकड़ने का कार्य करती है। फूल के इस भाग में परागकण अंकुरित होते हैं।
- शैली (Style) – शैली स्टिग्मा को अंडाशय (Ovaries) से जोड़ने वाली लम्बी ट्यूब होती है, जिसके माध्यम से पराग स्टिग्मा से अंडाशय तक पहुँचते हैं।
- अंडाशय (Ovaries) – स्त्रीकेसर के सबसे निचले हिस्से को अंडाशय या बीजांड कहा जाता है। यह फूल का आधारीय भाग होता हैं, जहां अंडाणु उत्पन्न होते हैं, और बीज बनने की प्रक्रिया होती है। बीज के उत्पादन में अंडाशय का सबसे बड़ा योगदान होता है।
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इस आर्टिकल में आपने फूल के विभिन्न भाग और उनके कार्य से संबंधित जानकारी प्राप्त की। उम्मीद है फूलों के अंग से संबंधित हमारा यह लेख आपको अच्छा लगा हो। लेख पसंद आने पर अन्य लोगों के साथ शेयर करें तथा लेख के संबंध में अपने सुझाव हमें कमेंट बॉक्स में बताएं।
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